Concern Grows as Youth and Children Fall into Addiction The Rise of Substance Abuse पढ़ने-लिखने की उम्र में बच्चे व युवा कर रहे हैं अपना भविष्य बर्बाद, Araria Hindi News - Hindustan
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पढ़ने-लिखने की उम्र में बच्चे व युवा कर रहे हैं अपना भविष्य बर्बाद

समाज एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं और बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन नशे की लत ने उनके भविष्य को खतरे में डाल दिया है। शराब बंदी के बाद युवा स्मैक, पोर्टविन, कॉरेक्स और सनफिक्स जैसे नशीले...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाFri, 11 April 2025 11:15 PM
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पढ़ने-लिखने की उम्र में बच्चे व युवा कर रहे हैं अपना भविष्य बर्बाद

ंकुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि समाज एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं व बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन आज के युवा व बच्चे पढ़ने लिखने के उम्र में नशे का सेवन कर रहे हैं। देखरेख के अभाव व गलत संगति के कारण युवा और बच्चे नशा की लत में पड़ कर अपना भविष्य को बर्वाद कर रहे हैं। शराब बंदी के बाद युवा नशे के लिए स्मैक, पोर्टविन सूई, कॉरेक्स, फेन्सीड्रील, टैबलेट आदि का सेवन करने लगे हैं। यही नहीं सभी जगहों पर कम दाम में मिलने वाले सनफिक्स व बोनफिक्स नामक चिपकाने वाले पदार्थ का छोटे छोटे बच्चों के द्वारा भी घड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। इससे अभिभावक के साथ समाज के बुद्धिजीवी वर्ग चिंतित हैं। कई बच्चे इस कदर आदि हो गये हैं कि सनफिक्स व बोनफिक्स आदि दिन में चार से छह बार तक तक सुंध कर खत्म कर देता है। एक बच्चा ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि सनफिक्स व बोनफिक्स ट्यूब को एक पॉलीथीन में खाली करके इसे मुंह से फुलाते हैं और नाक से सूंघते हैं। सूंघने के बाद आनन्द आने के साथ भरपूर नशा आता है। कुछ देर के लिए मूड बना रहता है। अगर सनफिक्स व बोनफिक्स नहीं सूंघते हैं तो शरीर में अकड़न आने लगता है। सनफिक्स व बोनफिक्स पान दुकान, किराना, साइकिल की दुकान, हार्डवेयर की दुकान, पलम्बर आदि छोटे-छोटे दुकानों में भी मिलता है। सनफिक्स व बोनफिक्स की खरीद पर प्रतिबंध नहीं रहने के कारण नशा करने वालों को उपलब्ध हो जाता है। खास बात यह कि नशा के लिए छोटे-छोटे बच्चे अपने अपने घरों व आस पड़ोस के घरों में छोटे-छोटे सामानों की चोरी कर जगह-जगह खुले कबाड़ी के दुकानों में बेच देता है। इससे प्राप्त राशि से सनफिक्स व बोनफिक्स, खरीद कर नशा कर रहा है। कुछ युवक नशे के टैबलेट व स्मैक जैसे पदार्थ का उपयोग करते हैं। कई अभिभावक अपने बच्चे के नशा के लत से परेशान होकर अररिया, पूर्णिया, विराटनगर, सिल्लीगुड़ी में नशा सुधार गृह में रख रहे हैं। छोटी उम्र में बच्चों को यूं नशे की लत पड़ जाना उसके स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खतरनाक होने के साथ पूरे परिवार व समाज के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में जरुरत है कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर बनाये रखें।

क्या कहते हैं डॉक्टर: पीएचसी में कार्यरत डा. वसीम अख्तर ने बताया कि प्रतिबंधित दवा, सनफिक्स व बोनफिक्स, नशा का टैबलेट या स्मैक जैसी पदार्थो का नशे के रुप में सेवन करना आत्मघाती हो सकता है। इसके सेवन से शरीर का स्नायुतंत्र बुरी तरह प्रभावित होता है। इसके साथ ही आंत व हार्ट को भी प्रभावित करता है।

क्या कहते हैं थानेदार: कुर्साकांटा थानेदार अभिषेक कुमार ने बताया कि छोटे छोटे बच्चों में नशे का प्रचलन बढ़ने की सूचना मिल रह है, जो चिंता की बात है। नशा के तस्कर के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही पुलिस दवा दुकानों सहित नशीले पदार्थ के तस्करी पर ध्यान बनाये हुए हैं। थानेदार ने अभिभावकों से अपनग अपने बच्चों पर विशेष ध्यान देने की अपील की है।

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