Illegal Mining Threatens Bridges and Roads in Araria Local Residents Demand Action बोले अररिया:, Araria Hindi News - Hindustan
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बोले अररिया:

अररिया के भरगामा प्रखंड में अवैध मिट्टी खनन से पुल और सड़क की नींव कमजोर हो रही है। खनन माफिया सरकारी जमीन से मिट्टी खोदकर बेच रहे हैं, जिससे आने वाले मानसून में पुल और सड़क के ध्वस्त होने का खतरा है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाThu, 12 June 2025 04:47 AM
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बोले अररिया:

बोले अररिया: अवैध खनन से पुल की नींव व सड़क हो रही कमजोर, जिम्मेदार खामोश क्यों भरगामा बाजार- मौजहा सड़क को भी नहीं छोड़ा खनन माफिया, दस हजार आबादी का हर दिन होता है आवागमन जेसीबी से 10 फीट गहराई तक खनन होने से सड़क और पुल की नींव कमजोर होने की संभावना भरगामा प्रखंड क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन का कारोबार चरम पर जिले के कमोवश हरेक प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों अवैध मिट्टी खनन का कारोबार चरम पर है । खनन माफिया नदियों से केवल बालू ही हीं सरकारी जमीन, सड़क के किनारे स्थित गड्ढे की जमीन से मिट्टी खोदकर ट्रैक्टर ट्राली में भरकर बेच रहे हैं।

इससे जहां पुल-पुलिए व सड़क को कमजोर होने का खतरा रहा है वहीं कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है । ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसे संगीन मामलों में ना तो प्रशासन सजग है और ना ही खनन विभाग गंभीर नजर आ रहा है । लिहाजा गांव-गांव में सक्रिय खनन माफिया सरकारी जमीन से मिट्टी निकाल कर मुनाफा कमा रहे हैं । जिम्मेदार के मौन रहने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। भरगामा प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों अवैध मिट्टी खनन का कारोबार चरम पर है । खनन माफिया सरकारी जमीन, सड़क के किनारे स्थित गड्ढे की जमीन आदि से जेसीबी, पोकलेन और लोडर मशीनों के जरिए मिट्टी खोदकर ट्रैक्टर ट्राली में भरकर बेच रहे हैं। इससे जहां पुल-पुलिए व सड़क को कमजोर होने का खतरा रहा है वहीं कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। ताजा मामला भरगामा बाजार से मौजहा जाने वाली सड़क में खिरहरी स्थान के पास स्थित पुल के समीप सामने आया । खनन माफियाओं ने इस सड़क में पुला से सटाकर भारी पैमाने पर मिट्टी का खनन कर लिया गया है । इसके चलते खिरहरी स्थान के निकट स्थित पुल व सड़क पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। 10 फीट गहराई तक किया गया खनन: बताया जाता है कि इस सड़क मे खीरहरी स्थान के समीप स्थित पुल के निकट पश्चिम एप्रोच से बिल्कुल सड़क किनारे पर खनन माफियाओं के द्वारा जेसीबी मशीन से लगभग 10 फीट गहराई तक खनन कर लिया गया है । जिससे सड़क और पुल की नींव कमजोर होने की संभावना उत्पन्न हो गई है। मिट्टी की अत्यधिक खुदाई से सड़क के नीचे की परतें हट चुकी हैं। जिससे आने वाले मानसून में पुल और सड़क दोनों के ध्वस्त होने की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि अगर बारिश में सड़क और पुल टूट गया तो मौजहा गांव की बड़ी आबादी का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट जाएगा। इससे न सिर्फ यातायात व्यवस्था चरमरा जाएगी, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार और आपातकालीन सेवाओं पर भी व्यापक असर पड़ेगा। इन लोगों ने आरोप लगाया कि खनन माफियाओं द्वारा जहां भी सरकारी जमीन , नदी नाले , नहर आदि मिल रही है उसमें काफी गहराई में मिट्टी निकाल दी जाती है । बोले ग्रामीण: ग्रामीण सह किसान नेता अशोक श्रीवास्तव , बैजू मंडल, मुनेश्वर कुमार मुन्ना , पूर्व सरपंच रामानंद ऋषि देव , कौशल यादव , देवकी देवी , हलीमा खातून ने बताया कि भरगामा बाजार से मौजहा जाने वाली पक्की सड़क एक बडी आबादी का जीवनरेखा है । इस मार्ग से करीब दस हजार से अधिक आबादी का भरगामा प्रखंड मुख्यालय और अन्य आना जाना है । इतनी महत्वपूर्ण सड़क के किनारे हो रहे अवैध मिट्टी खनन से इसके अस्तित्व पर खतरा का बादल मंडराने लगा है। प्रस्तुति: प्रभात किरण बोले अधिकारी: इधर ग्रामीण कार्य विभाग के एसडीओ रामनारायण साह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही स्थल निरीक्षण किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सड़क और पुल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। भरगामा फोटो भरगामा -51 मौजाहा सड़क में पुल के समीप अवैध खनन से सड़क के अस्तित्व पर खतरा लोगों की राय: भरगामा फोटो 01 जब से अररिया-सुपौल नई रेल लाइन निर्माण के लिए मिट्टी भराई का काम शुरू हुआ है तब से क्षेत्र में खनन माफियाओं की सरकारी जमीन पर गिद्ध दृष्टि गड़ गई है । खनन माफिया सड़क के किनारे स्थित गड्ढे से लेकर बिहार सरकार की सरकारी भूमि जहां भी नजर आता है। वह जेसीबी के सहारे मिट्टी काटकर बेच ले रहे हैं । खासकर खजूरी पंचायत के मीलिक टोला में काफी सरकारी जमीन है । उस भूमि मे काफी गहराई तक मिट्टी को काटकर जमीन की संरचना को बर्बाद कर दिया गया है । मो असलम बेग, समाजसेवी भरगामा फोटो 02 भरगामा से मौजहा जाने वाली पक्की सड़क काफी मशक्कत के बाद बनी है । एक बड़ी आबादी की आवागमन का मुख मार्ग है यह । पहले इस सड़क के गड्ढे से कहीं भी एक छटांक मिट्टी नहीं काटी गई थी। लेकिन पिछले 15 दिनों के अंदर जिस तरह से पुल के निकट सड़क के किनारे मिट्टी की खुदाई की गई है, उससे पुल के नीचे की जमीन इस बरसात में कट सकती है। अगर अवैध खनन पर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो पुल की संरचना पर असर पड़ेगा। कर्पूरी ऋषिदेव, पंसस भरगामा भरगामा फोटो 03 मौजहा गांव में एक बड़ी आबादी रहती है । सैकड़ो बच्चे इसी मार्ग से भरगामा प्रखंड मुख्यालय स्थित हाई स्कूल, मिडिल स्कूल पढ़ने के लिए आते जाते हैं । इस तरह से सड़क के किनारे मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है। आगामी बरसात में सड़क पर कटाव का खतरा उत्पन्न हो सकता है । फलस्वरुप इस सड़क पर आवागमन अमरुद हो जाएगा । इसलिए जिला प्रशासन सहित स्थानीय प्रशासन को अभिलंब अवैध खनन पर रोक लगनी चाहिए। बैजू मंडल, ग्रामीण भरगामा फोटो 04 खनन विभाग व स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि अवैध खनन पर शक्ति से रोक लगाए । क्योंकि खनन माफिया का मनोबल इन दोनों इतना ऊंचा हो गया है की कही नहर का बांध तो कहीं पुल के किनारे अवैध रूप से मिट्टी का खनन कर बेच ले रहे है । पुल के बिल्कुल पास मिट्टी निकाल लेने से पुल की नींव कमजोर हो रही है। अगर ऐसा ही चला रहा तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रमन कुमार सिंह , सामाजिक कार्यकर्ता भरगामा फोटो 05 प्रशासन को चाहिए कि ऐसे अवैध खनन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें और पुल के आसपास सहित नदियों व सरकारी जमीन की खुदाई पर पूरी तरह से रोक लगाऐ । क्योंकि इस तरह के मिट्टी खनन से अगर कोई पुला टूट जाता है तो आवागमन पर बाधित हो जाएगा । बताया मौजाहा की एक बड़ी आबादी का आवागमन का यही एक मार्ग है । लेकिन सड़क के किनारे मिट्टी की अवैध कटाई को देखकर ऐसा लगता है कि इस बरसात में आवागमन बाधित हो जाएगा। शशिकांत राय, किसान भरगामा फोटो 06 मिट्टी का अवैध खनन अगर पुल की संरचना के पास की जाती है तो यह बेहद खतरनाक है । पुल की नींव कमजोर हो जाती है और जल निकासी में बदलाव आने से संरचना पर दवा पड़ता है। सड़क निर्माण विभाग को अपनी तकनीकी टीम भेज कर क्षेत्र में ऐसे पुल को चिह्नित करना चाहिए जिनके अगल-बगल अब मिट्टी की अवैध खनन की गई है। रामविलास यादव, ग्रामीण ==== रानीगंज में अवैध खनन से नदियों के अस्तित्व पर मंडराया खतरा कई जिलों तक फैला है उजले बालू का काला कारोबार। रानीगंज। रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के लगभग पंचायतों में अवैध खनन के कारण कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए है। यही नहीं पंचायतों में बन सके सड़कों की ढलाई कार्य में लगभग जगहों पर जमकर लोकल बालू का प्रयोग किया जाता है। जबकि अधिकारी के नाक के नीचे लोकल बालू का जमकर प्रयोग किया जाता है। अवैध रूप से सरकारी निजी दोनों जमीन का खनन हो रहा है। खनन माफियाओं के द्वारा दिन दहाड़े खेतों व नदियों से बालू निकाला जाता है। यही नहीं खनन माफिया के द्वारा कई जगहों पर सरकारी जमीन से भी मिट्टी काटा जा रहा है। सुदूर देहाती क्षेत्रों में पुलिस की गश्ती नहीं होने के कारण खनन करने वालों का मनोबल बढ़ने लगा है। लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण रानीगंज होकर गुजरने वाली कई नदियों के धारा में भी अब बदलाव होने लगा है। रानीगंज के फ़रियानी नदी के कोरिया घाट, ध्वजा घाट, के अलावे फरियानी नदी और दुलरदेई, बिलेनिया आदि नदियों में दिन के उजाले में नदियों से खनन माफिया बालू निकालकर चांदी काट रहे है। बालू माफियाओं के द्वारा बालू खनन कर बड़ा डेम्प लगाकर रखा गया है। इन बालू के बड़े बड़े डेम्प से रोजाना सैकड़ो टेक्टर बालू की बिक्री होती है। रानीगंज के बालू माफियाओं का कारोबार अंतरजिला पूर्णिया से कटिहार तक फैला हुआ है। रानीगंज के खरसायी, विस्टोरिया, हसनपुर औऱ बरबन्ना आदि कई पंचायतों में बड़े पैमाने पर बालू का खनन किया जा रहा है। बालू माफियाओं के द्वारा दिन में जेसीबी मशीन लगाकर बालू निकाला जाता है। आने वाले दिनों में यदि बाढ़ आयी तो रानीगंज के कई पंचायतों में तबाही मचा सकती है मक्के की खेती से बालू खनन करने में होती है आसानी: नदी के चारों और मक्के की फसल लगने से बालू खनन करने में आसानी होती है। अभी खनन माफिया एक ट्रेलर लोकल बालू की कीमत 25 सौ से तीन हजार रुपये तक लेती है। कई जगहों पर बालू माफियाओं के द्वारा बालू खनन कर बड़ा डेम्प लगाकर रखा गया है। इन बालू के बड़े बड़े डेम्प से रोजाना सैकड़ो टेक्टर बालू की बिक्री होती है। अवैध खनन से नदियों की जलधारा में हो रहा बदलाव: रानीगंज क्षेत्र में नदियों से हर रोज खनन कर हजारों टैक्टर बालू निकाले जाते है। जिसके कारण नदी में बड़े बड़े गड्ढे बन गए है। ये गड्ढे इतने बड़े हो चुके है कि जाने अनजाने नदी में स्न्नान करने के दौरान कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। यही नहीं लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण अब दुलरदेई नदी की जलधरा शहरी क्षेत्रों की औऱ रुख करने लगी है। यदि एक दो वर्षों में भीषण बाढ़ आती है तो गितवास बाजार के अस्तित्व पर संकट हो सकता है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से नदी में चिरान कर नदी को वापस मूलधारा में लाने की मांग की है। प्रस्तुति: पवन कुमार सिंह

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