भुरकुंडा प्रकरण में दर्ज की जा रही तीसरी प्राथमिकी, कायम है तनाव
गोह, संवाद सूत्र।या कि उनका बेटा पिकअप वैन लेकर गली से गुजर रहा था तभी कुछ लोगों ने उसे रोककर मारपीट करने की कोशिश की। बेटे के भागकर घर पहुंचने पर आरोपियों ने लाठी-डंडों के साथ उनके घर पर हमला बोल...

गोह थाना क्षेत्र के भुरकुंडा गांव में पिछले दिनों हुई हिंसक घटना में अब तक दो प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं, जबकि तीसरी प्राथमिकी के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है। घटना को लेकर अब भी गांव में तनाव कायम है। स्थानीय निवासी अमरेश सिंह की पत्नी मिनती देवी ने पहली प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें 47 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। मिनती देवी ने आरोप लगाया कि उनका बेटा पिकअप वैन लेकर गली से गुजर रहा था तभी कुछ लोगों ने उसे रोककर मारपीट करने की कोशिश की। बेटे के भागकर घर पहुंचने पर आरोपियों ने लाठी-डंडों के साथ उनके घर पर हमला बोल दिया।
गाड़ी के शीशे तोड़े, पथराव किया और फायरिंग की। दूसरी प्राथमिकी गोह थानाध्यक्ष मो. इरशाद ने दर्ज की है जिसमें दोनों पक्षों के करीब 20 लोगों को नामजद किया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने पथराव किया। जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके जिससे कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। स्थानीय निवासी देवरुल पासवान ने तीसरी प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है, जिसमें 77 लोगों को अभियुक्त के रूप में नामित किया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि आवेदन की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। बताते चलें कि पिछले साल अगस्त में एक बच्चे की पिटाई के बाद शुरू हुआ विवाद अब भयावह रूप ले चुका है। ग्रामीणों ने कहा है कि यदि प्रशासन ने सूझबूझ से कदम नहीं उठाया तो गांव में कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है। इधर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और तीसरी प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। -------------------------------------------------------------------------------------------------- 10 माह से तनावग्रस्त है भुरकुंडा भुरकुंडा गांव में पिछले 10 माह से जातीय तनाव बना हुआ है। इस दौरान सात अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें तीन सौ से अधिक लोग नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं। गांव में डेढ़ दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है जो स्थिति पर नजर रख रहे हैं। तीन सौ से अधिक घरों वाले इस गांव में कई परिवारों के सभी पुरुष सदस्य अभियुक्त हैं। तनाव के कारण कई लोग घर छोड़ चुके हैं जबकि अन्य अनहोनी के डर से रात जागकर बिता रहे हैं। -------------------------------------------------------------------------------------------------- शांति की पहल नाकाम रही गांव के कुछ प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि माहौल को जानबूझकर खराब किया गया है। उनका आरोप है कि प्रशासन शांति स्थापित करने के लिए सकारात्मक कदम नहीं उठा सका। पुलिस ने अब तक केवल कानूनी कार्रवाई की है जबकि शांति समिति की बैठक जैसे प्रयास नहीं हो सके। एसडीपीओ कुमार ऋषि राज ने बताया कि अनुमंडल स्तर पर दोनों पक्षों के लोगों की बैठक बुलाई गई थी लेकिन लोग नहीं आए।
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