ऑटो वालों ने एक हफ्ते के लिए टाली हड़ताल, छात्रों को स्कूल ले जाने के लिए तैयार; DM को बताई अपनी मांग
- ऑटो यूनियन ने डीएम को सात सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। इसमें स्कूलों में ऑटो एवं ई-रिक्शा के परिचालन के फैसले को वापस लेने, वाहन के कागजात ठीक के लिए समय देने, कलर कोडिंग लागू करने के पहले चार्जिंग की व्यवस्था करने सहित की मांगें हैं।
स्कूलों में ऑटो और ई-रिक्शा के एक सप्ताह तक परिचालन करने पर ऑटो यूनियन फिलहाल राजी हो गए हैं। अब गुरुवार से सभी ऑटो और ई-रिक्शा नौ अप्रैल तक बच्चों को लेकर स्कूल जाएंगे। ऑटो यूनियन ने यह फैसला जिलाधिकारी के साथ बुधवार को हुई बैठक के बाद ली। इसकी जानकारी ऑटो मेंस यूनियन बिहार के महासचिव अजय कुमार पटेल ने दी। बताया कि डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने उनकी मांग को विभाग तक ले जाने का आश्वासन दिया है।
डीएम के आश्वासन पर हम अब प्रदर्शन नहीं करेंगे। बच्चों को लेकर स्कूल भी जाएंगे। बुधवार को सभी ऑटो और ई-रिक्शा यूनियन ने एक दिवसीय धरना गर्दनीबाग धरना स्थल पर दिया था। धरना के दौरान ही डीएम ने वार्ता के लिए यूनियन को बुलाया था। इसके बाद यूनियन का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए गया। इसमें ऑटो यूनियन के राज कुमार झा, बिजली प्रसाद, हिमांशु प्रसाद थे।
7 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा
ऑटो यूनियन ने डीएम को सात सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। इसमें स्कूलों में ऑटो एवं ई-रिक्शा के परिचालन के फैसले को वापस लेने, वाहन के कागजात ठीक के लिए समय देने, कलर कोडिंग लागू करने के पहले चार्जिंग की व्यवस्था करने सहित की मांगें हैं।
पांच हजार से अधिक ऑटो चालक शामिल हुए धरना में
गर्दनीबाग धरना स्थल पर सुबह से ही ऑटो चालक पहुंचने लगे थे। धरना स्थल पर पांच हजार के लगभग ऑटो और ई-रिक्शा चालक शामिल हुए। मौके पर ऑटो यूनियन से जुड़े तमाम नेता शामिल थे। ऑटो एवं ई-रिक्शा के आंदोलन को समर्थन देने फुलवारी शरीफ से भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास, हिलसा के पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव, आदि शामिल हुए। इस मौके पर अध्यक्ष मंडल के मुर्तजा अली ने कहा कि स्कूल में ऑटो परिचालन बंद होने से ऑटो चालकों का रोजगार छीना जा रहा है। इस पर परिवहन विभाग को सोचना चाहिए।