बिहार में कितनी है वक्फ की संपत्ति, पटना हाईकोर्ट में भी लंबित हैं कई मामले
- Waqf Amendment Bill 2025: सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद इरशादुल्लाह के मुताबिक बिहार में सुन्नी वक्फ स्टेट की संख्या 2900 से अधिक है। केवल पटना में तीन सौ के पार है। इनमें 250-300 संपत्तियों को लेकर वक्फ ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में मामला लंबित है।

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पारित होने के साथ ही इस मुद्दे पर बहस एक बार फिर तेज हो गई है। जहां तक बिहार में वक्फ की संपत्ति का मामला है, यहां तीन हजार से अधिक प्रॉपर्टी सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के अधीन है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास राज्य में करीब 2900 तो शिया वक्फ बोर्ड के पास 327 संपत्तियां हैं।
इनमें से कई संपत्तियां विवादित भी हैं। इनसे संबंधित मामले वक्फ ट्रिब्यूनल और पटना हाईकोर्ट में लंबित हैं। वहीं वक्फ संशोधन बिल के लोकसभा में पेश होने के बाद खानकाह मुनौमिया, पटना सिटी और इमारत ए शरिया ने इसका विरोध किया है।
शिया वक्फ की 337 संपत्तियों के मामले हाइकोर्ट में लंबित हैं
सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद इरशादुल्लाह के मुताबिक बिहार में सुन्नी वक्फ स्टेट की संख्या 2900 से अधिक है। केवल पटना में तीन सौ के पार है। इनमें 250-300 संपत्तियों को लेकर वक्फ ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में मामला लंबित है। वहीं शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास के मुताबिक पटना में 117 समेत प्रदेश में शिया वक्फ स्टेट की कुल 327 संपत्तियां हैं। इनमें लगभग 137 संपत्तियों के मामले वक्फ ट्रिब्यूनल, जबकि 37 मामले हाइकोर्ट में लंबित हैं।
समर्थन करनेवाली पार्टियों का विरोध करेंगे - सनाउल होदा कासमी
इमारत-ए-शरिया के नायब नाजिम व डिप्टी काजी सनाउल होदा कासमी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में जो भी पार्टियां हैं, हम उनका विरोध करेंगे। हम चाहते हैं की वक्फ बिल पास न हो। उसके पास होने से वक्फ की जायदाद के खुर्द-बुर्द होने और सरकारी कामों में इस्तेमाल होने का खतरा है। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। हमने इस बिल के विरोध में जंतर-मंतर पर धरना दिया।
इमारत-ए-शरिया ने गर्दनीबाग में मुस्लिम तंजीमों के साथ मिलकर इसका विरोध किया। आगे भी हम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसका विरोध पूरे हिन्दुस्तान में करेंगे। कोर्ट में जाना होगा तो जाएंगे। सड़कों पर उतरना होगा तो उतरेंगे। उन्होंने कहा कि इस बिल में 144 त्रुटियां हैं। दूसरे धर्मों के जो बोर्ड हैं, न्यास हैं, उनमें किसी दूसरे धर्म के लोगों का हस्तक्षेप नहीं होता तो वक्फ बोर्ड में दूसरे कैसे रहेंगे। ऐसी कई खामियां इस बिल में हैं।