‘डीएसपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें
बगहा में डेबा हत्याकांड में गवाही न देने के कारण मामला 12 साल से लंबित है। पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और कोर्ट की उदासीनता से पीड़िता न्याय की उम्मीद में 14 वर्षों से संघर्ष कर रही है। कोर्ट ने दो...

बगहा, हमारे संवाददाता। डेबा हत्याकांड में गवाही नहीं देने के कारण पिछले 12 साल से अभियोजन साक्ष्य में लंबित चल रहा है। पुलिस अधिकारियों की लापरवाही व कोर्ट के मामलों को समय से निपटारा कराने के प्रति उदासीनता के कारण पीड़िता पिछले 14 वर्षों से न्याय की आस में कोर्ट का चक्कर लगा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मानवेन्द्र मिश्र की कोर्ट ने दो पुलिस अधिकारी व एक चिकित्सक पर गैर जमानतीय वारंट निर्गत किया है। इसके साथ ही इनको गिरफ्तार कर 10 जून को बगहा कोर्ट में हाजिर कराने का आदेश भी जारी किया है।
इसमें सीतामढ़ी के डीएसपी अतनु दत्ता, पुलिस पदाधिकारी अमरेश कुमार सिंह व पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ. एके तिवारी (अनुमंडलीय अस्पताल बगहा) शामिल हैं। इन तीनों पर गैर जमानतीय वारंट जारी पूर्व में ही किया गया था। इसको लेकर बगहा एसपी को कोर्ट ने आदेश दिया है कि वे अपने स्तर पर एनबीडब्लू वारंट का तामिला कराना सुनिश्चित कराएं। 10 जून को गिरफ्तार कर तीनों को कोर्ट में साक्ष्य देने हेतु प्रस्तुत करें। गौरतलब है कि डॉ. एके तिवारी वर्तमान में भी बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में ही पदस्थापित हैं, जिनपर पिछले तीन साल से गैर जमानतीय वारंट जारी है। इधर, मामले की सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 12 जनवरी 2016 के बाद से अर्थात नौ साल से अभियोजन के द्वारा हत्या के इस वाद में कांड का अनुसंधान करने वाले दो अनुसंधानकर्ता व पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक (सभी सरकारी साक्षी) का भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं हो सका है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट के पर स्पीडी विचारण प्रभारी अभियोजन पदाधिकारी को पुराने वादों को दिन प्रतिदिन विचारण कर प्राथमिकता के तौर पर निस्तारित करने का आदेश दिया है।
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