आशानगर को जलजमाव व गंदगी से मिले निजात, सफाई की हो व्यवस्था
संत जेवियर स्कूल से धूमनगर जाने वाले मुख्य पथ पर आशा नगर और लक्ष्मी नगर के पास सालों भर जलजमाव की समस्या बनी हुई है। हल्की बारिश में भी सड़क तालाब बन जाती है, जिससे छात्रों और स्थानीय निवासियों को...
नगर निगम के संत जेवियर स्कूल से धूमनगर की ओर जाने वाली मुख्य पथ में आशा नगर और लक्ष्मी नगर के पास सालोंभर जलजमाव रहता है। जलजमाव से स्थानीय शहरवासियों के साथ-यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण कार्य विभाग की इस सड़क पर हल्की बारिश में भी लोगों का पैदल चलना बंद हो जाता है। मोहल्ले की नालियों का पानी सड़कों पर गिरता है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से सड़क पर 2 से 3 फीट के गड्ढे बन गए हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को होती है। सालों भर जलजमाव से यहां दुर्गंध फैल गया है।
इससे लोगों का रहना दूभर हो गया है। जबकि इस इलाके में शहर के आधे दर्जन से ज्यादा नामी गिरामी प्राइवेट स्कूल हैं। यहां 60 फीसदी लोग अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए किराए का मकान लेकर रहते हैं। ग्रामीण कार्य विभाग की इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों छोटी-मोटी गाड़ियां गुजरती है। लगभग दो हजार बच्चों को जलजमाव से होकर स्कूल जाने की विवशता बनी रहती है। सड़क का अतिक्रमण और नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। पवन कुमार सिंह, सौरभ सागर गुप्ता, संजय शाह, प्रकाश पटेल ने बताया कि हल्की बारिश में सड़क तालाब बन जाता है। पैदल चलना बंद हो जाता है। बच्चों को स्कूल छोड़ने में परेशानी होती है। ग्रामीण कार्य विभाग और नगर निगम से शिकायत करने के बावजूद बीते पांच सालों से हम सभी जलजमाव झेलने के लिए विवश हैं। हमारी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। बच्चों को स्कूल लाने ले जाने में दो पहिया और चार पहिया वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। लक्ष्मी नगर और आशा नगर के साथ लगभग 20 हजार की आबादी इससे परेशान है। नगर के वार्ड 40 और 41 के सीमा पर स्थित मोहल्ले की सड़क दक्षिणी छोर पर बसे लोगों की लाइफ लाइन है। प्रतिदिन सैकड़ों मजदूर इसी सड़क से होकर रोजी-रोटी के लिए शहर में आते हैं। कई बार इस सड़क पर दुर्घटनाएं हो चुकी है। यहां ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल है। जबकि 500 मीटर की दूरी पर चंद्रावत नदी बहती है। यहां सड़क से लेकर नाले पर अतिक्रमण है। दिवाकर कुमार, मो. शौकत कुरैशी, प्रमोद राम ने बताया कि सड़क की ऊंचीकरण और नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से सालों भर जलजमाव रहता है। हल्की बारिश में सड़क पर चलने में परेशानी होती है। सालों भर जलजमाव से संक्रमण का खतरा रहता है। जलजमाव से छोटे स्कूली बच्चों को परेशानी होती है। साथ ही व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। जलजमाव और टूटी सड़क होने के कारण कोई ई रिक्शा और सवारी गाड़ी लक्ष्मी नगर और आशा नगर में यात्रियों को लेकर नहीं आना चाहते हैं। मोहल्ले में रहने वाले लोग भी जलजमाव व गंदगी को लेकर परेशान हैं। यहां नियमित साफ-सफाई नहीं होने से बहुत गंदगी है। स्कूल ले आने और जाने में अभिभावकों को परेशानी उठानी पड़तीहै। इस मोहल्ले में चालक को भी दोगुना भाड़ा देकर लोगों को आना पड़ता है। प्रस्तुति- श्रीकांत तिवारी/शत्रुध्न शर्मा संत जेवियर स्कूल से धूमनगर जाने वाले पथ के टूटे भाग की जांच के लिए कनीय अभियंता को आदेश दिया गया है। फिलहाल सड़क मेंटेनेंस में है। ठेकेदार को नोटिस भेजने की कार्रवाई की जा रही है। समय से मेंटेनेंस नहीं करने वाले संवेदकों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। ठेकेदार को समय से मरम्मत का आदेश दिया गया है। समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। -संजय कुमार, सहायक अभियंता,ग्रामीण कार्य विभाग संत जेवियर से धूमनगर जाने वाले रास्ते में जल जमाव की समस्या लो लैंड होने के कारण बताई जा रही है। निचला इलाका होने के कारण कभी-कभी पानी लग जाता होगा। नाली की साफ सफाई को लेकर दिशा निर्देश दे दिया गया है। जलजमाव का क्षेत्र 2 वार्ड के बीच का बताया जा रहा है। जलजमाव की शिकायत है तो निगम के सफाई कर्मियों द्वारा विशेष सफाई कराई जाएगी। - विनोद कुमार सिंह, नगर आयुक्त सुझाव 1. संत जेवियर स्कूल से धूम नगर मुख्य पथ में आशा नगर और लक्ष्मी नगर में सड़क ऊंची बनाई जानी चाहिए। 2. यहां की नालियों को चंद्रावत नदी से मिलाया जाय। इससे जलजमावन से मुक्ति मिलेगी। 3. सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने की जरूरत है। अतिक्रमण के कारण भी जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो रही है। 4. बरसात के पहले नालियों की उड़ाही होनी चाहिए। सफाई की व्यवस्था निगम की ओर से होनी चाहिए। 5. जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। संक्रमण का खतरा है। ऐसे में नियमित रूप से फॉगिंग होनी चाहिए। शिकायतें 1. जलजमाव से शहर वासियों व यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। बारिश नहीं होने के बाद भी यहां सालोंभर जलजमाव होता है। 2. जल निकासी नहीं होने से सड़क पर 2 से 3 फीट गड्ढे बन गए हैं। स्कूली बच्चे यहां गिरकर जख्मी हो जाते हैं। 3. बच्चों को पढ़ाने के लिए 60 फीसदी लोग किराये के मकान में रहते हैं। सड़क जर्जर होने से आवागमन में परेशानी होती है। 4. सड़क का अतिक्रमण नहीं हटा रहा है। नालियों की सफाई के प्रति भी निगम उदासीन बना हुआ है। 5. ग्रामीण कार्य विभाग और नगर निगम से शिकायत करने के बावजूद 5 सालों से यहां लोग जलजमाव झेल रहे हैं।
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