मुहर्रम चौक पर हो ट्रैफिक संभालने की विशेष व्यवस्था, गोलंबर बनाना जरूरी
मुहर्रम चौक पर लोगों और दुकानदारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां गोलंबर और स्ट्रीट लाइट की कमी है, जिससे जाम और दुर्घटनाएं होती हैं। रात में सुरक्षा के लिए पुलिस की आवश्यकता है, क्योंकि...
नगर के मुहर्रम चौक पर रहने वाले लोगों और दुकानदारों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां न तो गोलंबर भी नहीं है, जिससे जाम की समस्या बनी रहती है। सर्किट हाउस, मीना बाजार, अंचल कार्यालय और कलेक्ट्रेट आने-जाने वाले लोग मुहर्रम चौक से गुजरते हैं। गोलंबर नहीं होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जबकि मुहर्रम चौक शहर के सबसे व्यस्ततम चौक में से एक है। जिले के अधिकतर ऑफिस मुहर्रम चौक के अगल-बगल में स्थित है। इस चौराहे पर स्ट्रीट लाइट नहीं है। आसपास की भी आधा दर्जन स्ट्रीट लाइट खराब पड़े हैं।
मुहर्रम चौक के बगल में वाणिज्य कर कार्यालय, केंद्रीय जीएसटी, कस्टम ऑफिस, बीएसएनएल, पोस्ट ऑफिस, जिला परिषद कार्यालय, मत्स्य विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, होमगार्ड ऑफिस, उप विकास आयुक्त का कार्यालय, पशुपालन विभाग, स्टेट बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक समेत दो दर्जन से ज्यादा सरकारी कार्यालय और सरकारी अधिकारियों के आवास हैं। बावजूद स्ट्रीट लाइट की मरम्मत नहीं हो पा रही है। इसके कारण राहगीरों को रात्रि के समय परेशानी होती है। मुहर्रम चौक से सर्किट हाउस जाने वाले पथ, सर्किट हाउस से पुलिस लाइन जाने वाले पथ, मुहर्रम चौक से जिला शिक्षा कार्यालय जाने वाले पथ, मुहर्रम चौक से पोस्ट ऑफिस जाने वाले पथ में लगी आधी से अधिक स्ट्रीट लाइट खराब हैं। मुहर्रम चौक के पास नो एंट्री है। वाहनों को रोकने के लिए रस्सी का घेरा बनाया गया है। लेकिन यातायात का दबाव अधिक होने के चलते यह नाकाफी साबित हो रहा है। अधिवक्ता मुरारी कुमार, अकाउंटेंट सुभाष कुमार, मदन मोहन, सलाम अंसारी ने बताया कि रात्रि में यहां पुलिस पिकेट की स्थापना होनी चाहिए। क्योंकि रात्रि में रेलवे स्टेशन से एमजेके कॉलेज होते हुए सर्किट हाउस दुर्गा बाग और चेक पोस्ट जाने वाले लोगों के साथ कई बार छिनतई की घटनाएं हो चुकी हैं। एक साल के अंदर आधा दर्जन से अधिक लोगों की हत्या अपराधियों ने कर दी है। ऐसे में यहां अंधेरा पसरा रहने से अपराधियों का काम आसान हो जाता है। मुहर्रम चौक से एमजेके कॉलेज होते हुए दुर्गाबाग और चेक पोस्ट सुनसान इलाका है। नाली की व्यवस्था भी सही नहीं है। जिसके कारण बरसात के दिनों में मुहर्रम चौक से लेकर सर्किट हाउस तक सड़क में तीन से चार फीट पानी बहने लगता है। वही हाल मुहर्रम चौक से अंचल कार्यालय होते हुए बस स्टैंड जाने वाले पथ में भी है। मुहर्रम चौक पर ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने के कारण घंटों घंटों लंबा जाम लग जाता है। मुहर्रम चौक से होकर शहर के किसी भी क्षेत्र में आने जाने की व्यवस्था है। सुभाष कुमार, वीरेंद्र भाई ने बताया कि जिले के 90 फीसदी सरकारी कार्यालय और सरकारी आवास मुहर्रम चौक के अगल-बगल में ही हैं। ऐसे में यहां मूलभूत सुविधाओं का नहीं होना खलता है। यात्रियों के साथ-साथ मॉर्निंग वॉक में निकलने वाले लोगों को भी परेशानी होती है। जबकि यह शहर का सबसे महत्वपूर्ण चौक है। सरकारी कार्यालय बंद होने व शाम ढलने के बाद यहां सन्नाटा पसर जाता है। खासकर मुहर्रम चौक से सर्किट हाउस की ओर जाने वाली सड़क में अपराधी सक्रिय रहते हैं।
-बोले जिम्मेदार-
शहर में ड्रेनेज सिस्टम को सुदृढ़ किया जा रहा है। मुहर्रम चौक से लेकर सर्किट हाउस तक नाले की सफाई की जा रही है। इस क्षेत्र से पानी की निकासी के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि बरसात में जलजमाव से मुक्ति मिल सके। भीषण गर्मी को देखते हुए हर घर जल-नल व्यवस्था को भी सुचारु किया जा रहा है। ताकि मोहल्लेवासियों को कोई परेशानी नहीं हो। - रविकांत कुमार, कार्यपालक अभियंता, बुडको
नगर के मुहर्रम चौक पर कुछ जगहों पर नाले की साफ-सफाई मैनुअल तरीके से होनी है। मजदूर लगाकर उसे जल्द ही साफ कर लिया जाएगा। कुछ जगहों पर मशीन की सहायता से साफ-सफाई होनी थी जिसे साफ कर लिया गया है। इस बार बारिश में जल जमाव की समस्या नहीं हो इसकी पूरी तैयारी नगर निगम प्रशासन ने की है।
-अभिषेक कुमार, सिटी मैनेजर, नगर निगम बेतिया।
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