कई स्थानों पर हुई बारिश के बाद गर्मी से मिली कुछ राहत, खेती की तैयारी में जुटे किसान
भीषण गर्मी से राहत के लिए लोगों को मूसलाधार बारिश का इंतजार भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को कुछ देर की बारिश की फुहार से कुछ राहत मिल रही है। शुक्रवार को भी साहेबपुरक

सिंघौल,निज संवाददाता। इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को कुछ देर की बारिश की फुहार से कुछ राहत मिल रही है। शुक्रवार को भी साहेबपुरकमाल, बलिया, बेगूसराय सदर समेत कई प्रखंडों में कुछ देर की बारिश हुई। बारिश के बाद हवा में मौजूद ठंडक से गर्मी से जूझ रहे लोगों को कुछ हद तक राहत महसूस हुई। पूसा स्थित मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी अगले चार दिनों के मौसम पूर्वानुमान में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए रहने की संभावना है। 7 जून के सुबह तक उत्तर पश्चिम बिहार के कुछ स्थानों (मुजफ्फरपुर, सारन, पश्चिमी तथा पूर्वी चम्पारण) में हल्की वर्षा होने की सम्भावना है।
इसके बाद मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना जताई गई है। जबकि अगले तीन दिनों में तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। अधिकतम तापमान 36-39 डिग्री सेल्सियस के बीच जबकि न्यूनतम तापमान 25-29 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। पूर्वानुमानित अवधि के दौरान औसतन 18 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पुरवा हया चलने की संभावना है, जबकि बेगूसराय जिले में पछिया हवा चल सकती है। इस दौरान सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 25 से 35 प्रतिशत रहने की संभावना है। गौरतलब है कि गर्मी से जूझ रहे लोगों को अच्छी बारिश का बेसब्री से इंतजार है। किसानों के लिए समसामयिक सुझाव पूसा स्थित कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों की ओर से किसानों के लिए समसामयिक सुझाव जारी किए गए हैं। इसके अनुसार मध्यम अवधि वाले धान की किस्मों जैसे संतोष, सीता, सरोज, राजश्री, प्रभात, राजेन्द्र सुवासनी, राजेन्द्र कस्तुरी, राजेन्द्र भगवती, कामिनी और सुगंधा को इस समय बीजस्थली में बोया जाना उपयुक्त है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में रोपाई के लिए लगभग 800 से 1000 वर्ग मीटर में नर्सरी तैयार करें। क्यारी की चौडाई 1.25 से 1.5 मीटर रखें तथा लंबाई सुविधा अनुसार निर्धारित करें। बीजों को गिराने से पूर्व बविस्टिन 20 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित अवश्य करें। जिन किसानों के पास सिंचाई की समुचित सुविधा उपलब्ध है और जो लंबी अवधि वाले धान की खेती करना चाहते हैं, वे राजश्री राजेन्द्र मंसुरी, राजेन्द्र स्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्णा सब-1. वीपीटी-5204 तथा सत्यम जैसी किस्मों की बुवाई 10 जून तक बीजस्थली में कर सकते हैं। जितने क्षेत्र में धान की रोपाई प्रस्तावित हो, उसका लगभग दसवां हिस्सा नर्सरी के लिए प्रयोग करें। बीजों को गिराने से पूर्व 1.5 ग्राम बविस्टिन प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार अवश्य करें। फलवाली सब्जियों जैसे हिंदी एवं बोरा में नत्रजन का उपरिवेशन करें। साथ ही कीट नियंत्रण हेतु मैलाथियान 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फल तुड़ाई के बाद 7 से 10 दिन के अंतराल पर दो बार छिडकाव करें। लत्तर वर्गीय सब्जियों में यदि चूर्णिल असिता रोग का प्रकोप दिखाई दे, तो केराथेन 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी या 25 किलोग्राम सल्फार पाउडर प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें।
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