अयोध्या में आज से जमीन खरीदना हुआ और महंगा, 8 साल बाद 200% तक बढ़े सर्किल रेट
रिपोर्ट के अनुसार अयोध्या में पिछले 8 सालों से सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए थे जबकि इस दौरान जमीनों के लेन-देन में काफी उछाल आ गया है। 2019 में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में SC के फ़ैसले के बाद से जमीनों का बाज़ार मूल्य लगातार बढ़ रहा है। अयोध्या में सर्किल रेट को आखिरी बार 2017 में संशोधित किया गया था।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर चमकती-दमकती अयोध्या नगरी में बसने की चाहत बढ़ी है। इस बीच यूपी की इस धर्मनगरी में जमीन खरीदना आज से और महंगा होने जा रहा है। करीब आठ साल बाद जिले में जमीनों के सर्किल रेट में 200 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की गई है। यह बढ़ोतरी जमीन के उपयोग और स्थान के आधार पर की गई है। सर्किल रेट जिला प्रशासन द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में जमीन के मूल्य का आकलन होता है। इसी के आधार पर जमीनों की बिक्री या खरीद पर स्टांप ड्यूटी तय की जाती है। इसी के आधार पर प्रशासन किसानों सहित भूमि मालिकों से संपत्ति का अधिग्रहण करता है।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार यह आदेश शनिवार से प्रभावी हो गया है। शनिवार को अवकाश होने के चलते नए सर्किल रेट के अनुसार जमीनों की रजिस्ट्री सोमवार से शुरू होगी। रिपोर्ट में अयोध्या के डीएम निखिल टी. फुंडे की ओर से बताया गया है कि पिछले साल अगस्त में जिला प्रशासन द्वारा प्रसारित प्रस्ताव पर जो आपत्तियां मिली थीं, उन पर विचार करने के बाद प्रशासन ने सर्किल रेट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। डीएम के अनुसार ज्यादातार लोगों की मांग ज़्यादातर यह थी कि कई क्षेत्रों में जिला प्रशासन के प्रस्तावों से ज़्यादा दर बढ़ाई जाए। लेकिन यह निर्णय बाज़ार दरों और प्रशासन द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर लिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार अयोध्या में पिछले आठ सालों से सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए थे जबकि इस दौरान जमीनों के लेन-देन में काफी उछाल आ गया है। 2019 में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद से जमीनों का बाज़ार मूल्य लगातार बढ़ रहा है। अयोध्या समेत प्रदेश के 54 जिलों में सर्किल रेट को आखिरी बार 2017 में संशोधित किया गया था। 21 जिलों में 2024 में संशोधित किया गया था। जबकि सुल्तानपुर, बाराबंकी, अंबेडकर नगर, गोंडा और बस्ती जैसे अयोध्या से सटे जिलों में भी दरों को संशोधित किया गया था।
कहां कितना बढ़ा सर्किल रेट
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक सर्किल रेट में सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी राम जन्मभूमि के आस-पास के इलाकों में हुई है। राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही यहां ज़मीन की बाज़ार दर कई गुना बढ़ गई है। सबसे ज़्यादा 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी तिहुरा मांझा जैसे गांवों में हुई है। जहां अगस्त 2017 से ‘कृषि’ भूमि के लिए सर्किल रेट 11 लाख रुपये से लेकर 23 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक था। नवीनतम सर्किल रेट में यह 33 लाख रुपये और 69 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर हो गया है। तिहुरा मांझा वहीं गांव है जहां अभिनंदन लोढ़ा के घराने ने ज़मीन खरीदी है। अभिनेता अमिताभ बच्चन ने पिछले साल यहां दो प्लॉट के लिए एग्रीमेंट साइन किया था।
तिहुरा उपरहार के लिए सर्किल रेट 32-71 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 42-95 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। शाहनवाजपुर माझा में दर 75-169 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 98-221 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दी गई है। बरहटा माझा में सर्किल रेट 75 लाख-169 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 98 लाख-221 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। गंजा गांव में, जहां हवाई अड्डा स्थित है, पुरानी दरें 28 लाख रुपये से 64 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के बीच थीं। नई दरें 35 से 80 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के बीच हैं। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद, जिसने लगभग 1,800 एकड़ में फैली टाउनशिप बनाने का प्रस्ताव दिया है, ने पिछले मार्च तक शाहनवाजपुर माझा, बरहटा मांझा और तिहुरा मांझा जैसे गांवों में लगभग 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।