बच्चों के बैंक खाता में नहीं आ रही स्कूली योजना की राशि
गढ़हरा (बरौनी) में स्कूली बच्चे निराश हैं क्योंकि उनके बैंक खातों में पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि नहीं पहुंच रही है। आधे बच्चों को ही राशि मिल रही है जबकि बाकी को निराशा का सामना करना पड़ रहा है।...

गढ़हरा(बरौनी),एक संवाददाता। स्कूली बच्चे बैंक का चक्कर लगा कर निराश हो रहे हैं। उनके बैंक खाता में पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि डीबीटी के माध्यम से सरकार की ओर से डाला जाता है जबकि प्रायः देखा जा रहा है एक ही स्कूल से आधे बच्चों को बैंक खाते में राशि आ रही है तो आधे बच्चों को निराशा हाथ लग रही है। इससे उनके अभिभावक भी परेशान हैं। स्कूल के शिक्षकों को भी अभिभावकों का कोपभाजन बनना पड़ता है। शिक्षक बताते हैं कि किन बच्चों के बैंक खाते में राशि गयी और किनको नहीं, यह पता नहीं चल पाता है। विभाग की ओर से उन्हें कोई सूची नहीं मिलती है। जानकारी के अनुसार पिछले करीब तीन-चार वर्ष से डीबीटी की राशि बहुत सारे बच्चों के खाते में ना आकर लौट जाती है। बैंक कर्मचारी के अनुसार बताया जाता है कि बच्चों का बैंक खाता जीरो बैलेंस पर खुलवाया गया लेकिन उसमें हमेशा राशि का आदान-प्रदान होना चाहिए। यह नहीं होने पर बैंक में जमा राशि से छमाही बैंक चार्ज काटता है। इससे बैंक खाते में जो भी पूर्व से राशि जमा रहती है वह धीरे-धीरे खत्म होकर बैंक अकाउंट बंद हो जाता है। जब उस बंद अकाउंट पर सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से राशि आती है तो वह लौट जाती है। लोगों ने बताया कि पूर्व में सरकार की ओर से 75 फीसदी उपस्थिति अथवा नामांकन के आधार पर वर्गवार बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति और पोशाक राशि विद्यालय के बैंक खाता में आता था। इसके बाद शिविर लगाकर स्कूल में हैंड टू हैंड बच्चों को राशि वितरण करने का प्रावधान था। इससे बच्चों को आसानी से हाथ में राशि मिल जाती थी लेकिन सिस्टम ऑनलाइन बैंक से जोड़ दिए जाने के बाद आधे बच्चों को ही सरकारी योजना का लाभ मिल पाता है। समाजसेवी राम अनुग्रह शर्मा, रामविलास सहनी, अभिमन्यु ठाकुर आदि ने इस मामले में पहल की स्कूली बच्चों को योजना की राशि दिलवाने की मांग डीएम से की है।
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