फाटक क्षतिग्रस्त होने से बाढ़ व सुखाड़ की उत्पन्न होती है समस्या
भगवानपुर में मूसलधार बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो जाने से फसलें डूब रही हैं। बुच्चा डैम का फाटक क्षतिग्रस्त होने से समय पर पानी नहीं मिल पा रहा है। किसान बताते हैं कि डैम का सही रखरखाव नहीं...

मूसलाधार बारिश होने पर खेतों में पानी जमा हो जाने से डूब जाती है फसल डैम का पानी बह जाने से समय पर सिंचाई के लिए नहीं मिल पाता है पानी (बोले भभुआ) भगवानपुर, एक संवाददाता। कुकुरनहिया नदी के उदगम स्थल पर बुच्चा डैम बना है। इसका पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए अमरपुर मौजा में माइनर बनाया गया है। डैम का पानी रोकने व छोड़ने के लिए इस फाटक लगाया गया था। लेकिन, इस फाटक के साथ ह्यूम पाइप भी क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में जब बारिश होती है और पहाड़ का पानी तेज धार में आता है, तब वह खेतों में जमा हो जाता है, जिससे किसानों की फसल डूब जाती है।
किसान प्रेमचंद सिंह व रामसूरत प्रसाद बताते हैं कि अगर डैम का फाटक ठीक होता तो कर्मी जरूरत के अनुसार पानी छोड़ते। जब पानी की जरूरत नहीं होती तो फाटक गिरा देते, जिससे पानी का बहाव रूक जाता और डैम में पानी का स्टोर होता। लेकिन, फाटक नहीं रहने से सारा पानी बहकर खेत व इधर-उधर चला जाता है। ऐसे में जब जरूरत होती है तब पानी नहीं मिला पता है। फाटक खुला रहने से पहाड़ से अचानक ज्यादा पानी आ जाने से खेत में लगी फसल डूब जाती है। ऐसे में इस माइनर से जुड़े किसान बाढ़ व सुखाड़ की समस्या से जूझते हैं। किसानों घुरा बिंद और मोती यादव ने बताया कि न पाइप की मरम्मत नहीं कराई जा रही है और न डैम या माइनर की खुदाई। तटबंध भी जगह-जगह टूटे हैं। ऐसे में इस माइनर से खरीफ व रबी मौसम में फसल की सिंचाई के लिए समय पर पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। कुकुरनहिया नदी की जमीन का अतिक्रमण भी किया गया है। बताया जाता है कि बुच्चा डैम का निर्माण वन विभाग द्वारा कराया गया है। अब इसमें सिंचाई विभाग हस्तक्षेप कर रहा है। ऐसे में डैम का उचित रखरखाव नहीं हो रहा है। अब चेकडैम में गाद भी भर रहा है। इससे इसका जलसंचय क्षेत्रफल सिमटता जा रहा है। फोटो- 06 जून भभुआ- 2 कैप्शन- भगवानपुर प्रखंड के बुच्चा डैम का इसी माइनर से पानी होकर जाता है किसानों के खेत में।
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