Farmers Suffer Losses as Tomato Prices Plummet to 2 50 kg टमाटर का नहीं मिल रहा दाम, मवेशी का चरा दे रहे किसान, Bhabua Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBhabua NewsFarmers Suffer Losses as Tomato Prices Plummet to 2 50 kg

टमाटर का नहीं मिल रहा दाम, मवेशी का चरा दे रहे किसान

किसानों ने टमाटर की खेती से लाभ की उम्मीद की थी, लेकिन मौसम के कारण टमाटर का उत्पादन बढ़ गया है। बाजार में टमाटर की कीमत ₹8 प्रति किलो है, जबकि किसानों को केवल ₹2.50 प्रति किलो मिल रहा है। लागत भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआThu, 10 April 2025 09:26 PM
share Share
Follow Us on
टमाटर का नहीं मिल रहा दाम, मवेशी का चरा दे रहे किसान

किसानों के खेत से ढाई रुपए किलो खरीद बाजार में बेच रहे आठ रुपए ग्रामीणों के बीच बांट रहे टमाटर, डूब गई टमाटर की खेती में लगी पूंजी (पेज चार की लीड खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। टमाटर की खेती से लाभ की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को टमाटर की लाली महंगी साबित होने लगी है। उन्हें लाभ तो दूर उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसानों की माने तो इस बार मौसम की मेहरबानी से यह हाल हुआ है। मंडी में प्रतिदिन हजारों कैरेट टमाटर लेकर किसान पहुंच रहे हैं, जिसमें से केवल 400 से 500 कैरेट टमाटर की ही बिक्री हो पा रही है। शेष टमाटर को या तो वह मवेशियों को खिला रहे हैं या उसे बांट दे रहे हैं। रामपुर प्रखंड के अमांव निवासी टमाटर उत्पादक राजधार सिंह व प्रदीप मौर्य ने बताया कि इस बार मौसम साफ होने से जिले भर में टमाटर का उत्पादन ज्यादा हुआ है। इसलिए बाजार में इसकी आवक काफी ज्यादा है, जिसके चलते इसके भाव जमीन पर आ गए हैं। गुरुवार को खुदरा बाजार में टमाटर 8 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा था। जबकि उक्त किसानों का कहना था कि उनके खेत से व्यापारी 80 रुपए कैरेट के हिसाब से खरीद रहे हैं। एक कैरेट में 28 किलो टमाटर आता है। इस हिसाब से उनके टमाटर की कीमत 2.50 रुपया प्रति किलो मिल रहा है। किसानों प्रेम कुशवाहा व नरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में इस बार टमाटर की खेती काफी अच्छी हुई है, जिसके कारण टमाटर की कीमत का यह हाल है। एक हेक्टेयर में टमाटर 300 क्विंटल से ज्यादा पैदा होता है। टमाटर की आवक बढऩे पर इसके दाम घट जाते हैं। किसानों ने बताया इस समय टमाटर की आवक ज्यादा होने से भाव बहुत कम है। किसानों की उत्पादन लागत भी नहीं निकल रही। अर्थशास्त्री डॉ. राजनाथ सिंह बताते हैं कि बाजार में जिन चीजों की आवक ज्यादा होती है या उत्पादन ज्यादा होता है उसका दाम कम हो जाता है। बाजार में जिन चीजों की मांग ज्यादा और आवक कम होती है, उसके दाम में वृद्धि होता है। लागत खर्च भी निकालना मुश्किल किसान राजधार सिंह ने बताया कि पौधरोपण, सिंचाई, कोढ़ाई, खाद, मजदूरी आदि पर कम से कम 35 हजार रुपया प्रति एकड़ खर्च आता है। लेकिन, प्रति एकड़ 25 हजार रुपया निकालना भी मुश्किल दिख रहा है। गुरुवार को चेनारी बाजार में 13 कैरेट टमाटर लेकर गए थे। लेकिन, 300 रुपया ही मिल सका। टमाटर लेकर बाजार में जाने पर ढुलाई खर्च अलग से लग जा रहा है। इस हिसाब से काफी कम दाम मिल रहा है। उन्होंने बताया कि खेत में ही मवेशियों को लाकर चरा दे रहे हैं, ताकि खेत खाली हो जाए और उसमें दूसरी सब्जी लगाई जा सके। किसानों की मंडी स्थापित करे सरकार किसान ओम प्रकाश सिंह, विनोद सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के लिए मंडी स्थापित करे। अगर उनकी अपनी मंडी होगी, तो वह अपनी उपज की कीमत खुद तय करेंगे। लेकिन, खेतों में पसीना बहाकर जब किसान उपज तैयार करते हैं और बाजार में लेकर जाते हैं, तब उसकी कीमत अढ़तिया तय करते हैं, जिसपर उनका कमीशन भी बंधा रहता है। खेत पर व्यापारी आते हैं तो भी वहीं दाम तय करते हैं। अपनी उपज का किसान भी दाम तय नहीं कर पा रहे हैं। इससे किसानों को क्षति हो रही है। क्या कहते हैं दुकानदार व ग्राहक शहर के दुकानदार शामू राइन कहते हैं कि उन्हें जिस दाम पर थोक मंडी से टमाटर मिलता है, उसपर दो रुपया रखकर हमलोग बिक्री कर देते हैं। थोक मंडी से ठेला से लाने में ढुलाई लगता है। हमलोग ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं। ग्राहक जितेंद्र कुमार व राधा देवी ने कहा कि इन दिनों बाजार में टमाटर सस्ता मिलने के कारण इसका उपयोग खूब हो रहा है। सलाद, नमकीन व मीठी चटनी तैयार करने, सब्जी में उपयोग कर रहे हैं। लेकिन, किसानों को घाटा लग रहा है। फोटो- 10 अप्रैल भभुआ- 5 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के अमांव गांव के बधार में गुरुवार को खेतों में सूखते टमाटर के पौधे। (फोटो सिंगल कॉलम)

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।