Baba Gorakhnath Dham Development Hope for Job Creation and Infrastructure in Ajmanagar बोले कटिहार : समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों को बाबा गोरखनाथ से है आस, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले कटिहार : समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों को बाबा गोरखनाथ से है आस

कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, लेकिन बाबा गोरखनाथ धाम के विकास से उम्मीदें बढ़ी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरFri, 25 April 2025 10:49 PM
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बोले कटिहार : समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों को बाबा गोरखनाथ से है आस

कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड में एक ओर जहां मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। क्षेत्र में सड़क जर्जर हैं, बिजली व्यवस्था बाधित रहती है, शुद्ध पेयजल का अभाव है। रोजगार की कमी के कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन को मजबूर हैं। प्रतिवर्ष बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएं लोगों की मुश्किलें और बढ़ा देती हैं। पंचायत सरकार भवनों के अभाव में ग्रामीणों को प्रशासनिक कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इन तमाम समस्याओं के बीच बाबा गोरखनाथ धाम अब राज्यस्तरीय पहचान की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा और 14.25 करोड़ रुपये की स्वीकृति के बाद पूरे क्षेत्र में उत्साह है। मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, सड़क, बिजली और ठहराव की बेहतर व्यवस्था से जहां श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, वहीं स्थानीय युवाओं को रोजगार और क्षेत्र को एक नई पहचान भी मिलेगी।

65 किमी की दूरी तय कर सड़क मार्ग से आते हैं जिला मुख्यालय

14 करोड़ 25 लाख की लागत से मंदिर परिसर का होगा सौन्दर्यीकरण

28 पंचायतों का है आजमनगर प्रखंड, मूलभूत सुविधाओं की है कमी

जिले का आजमनगर प्रखंड एक ओर जहां वर्षों से उपेक्षा और बदहाली का शिकार रहा है, वहीं दूसरी ओर बाबा गोरखनाथ धाम के रूप में उभरता धार्मिक केंद्र अब इस क्षेत्र के लिए विकास की नई उम्मीद बन गया है। आजमनगर की सबसे बड़ी समस्या इसकी कनेक्टिविटी है। जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए केवल रेल ही एकमात्र विश्वसनीय माध्यम है, जबकि सड़क मार्ग से 60-65 किलोमीटर की दूरी जर्जर और संकीर्ण रास्तों से तय करनी पड़ती है। बिजली व्यवस्था अक्सर बाधित रहती है, जिससे छात्रों की पढ़ाई, व्यवसाय और आम जनजीवन प्रभावित होता है। शुद्ध पेयजल की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति लोगों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। रोजगार के अवसर लगभग नहीं के बराबर हैं, जिसके चलते बड़ी संख्या में युवक अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं।

बाढ़ एवं अतिवृष्टि से किसान परेशान :

खेती के लिहाज से यह क्षेत्र उपजाऊ है, खासकर धान उत्पादन में इसकी पहचान रही है, लेकिन प्रतिवर्ष बाढ़, अति वृष्टि और अनावृष्टि के कारण किसान आर्थिक रूप से टूट जाते हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं के सामने सरकारी मदद सीमित और अक्सर देर से पहुंचती है। पंचायत सरकार भवनों का निर्माण न होना भी एक बड़ी समस्या है, जिससे आम लोगों को मामूली कागजी कार्यों के लिए भी प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है।

आस्था का केंद्र है बाबा गोरखनाथ धाम :

इन समस्याओं के बीच, बाबा गोरखनाथ धाम न सिर्फ लोगों की आस्था का केंद्र है, बल्कि अब यह क्षेत्रीय विकास का केंद्र बिंदु बनने की ओर अग्रसर है। सावन और महाशिवरात्रि के अवसर पर लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मंदिर समिति और स्थानीय प्रतिनिधियों की वर्षों की मांग के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस धार्मिक स्थल को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। सरकार द्वारा स्वीकृत 14.25 करोड़ रुपये की योजना के तहत मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, सड़क, बिजली, जल और आवासीय सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी सृजित होंगे। अब सवाल यह है कि क्या गोरखनाथ धाम के बहाने सरकार आजमनगर की दशकों पुरानी समस्याओं की ओर ठोस कदम बढ़ाएगी? लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह केवल धार्मिक विकास नहीं, बल्कि समग्र क्षेत्रीय परिवर्तन की शुरुआत साबित हो।

शिकायतें:

1. घोषणाएं बार-बार होती हैं, क्रियान्वयन धीमा है। पहले भी कई योजनाएं बनीं लेकिन जमीनी स्तर पर असर नहीं दिखा।

2. सड़क, बिजली, पानी जैसी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, जबकि पर्यटन विकास की बातें हो रही हैं।

3. गांवों की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ। अधिकांश पंचायतों में पंचायत सरकार भवन तक नहीं बने, जिससे लोगों को परेशानी होती है।

4. रोजगार की ठोस योजना का अभाव है। स्थानीय युवाओं को अभी भी रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है, कोई स्थायी व्यवस्था नहीं बनी।

5. आपदा राहत में पारदर्शिता नहीं है। हर साल बाढ़ आती है, लेकिन मुआवजा वितरण में गड़बड़ी और देरी आम बात है।

सुझाव:

1. घोषित योजनाओं की निगरानी हो। पर्यटन विकास के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं की योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग होनी चाहिए।

2. स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन हो। पर्यटन, हस्तशिल्प, कृषि आधारित उद्योग और दुकानों के माध्यम से स्थानीय रोजगार बढ़ाया जाए।

3. पंचायतों को सशक्त किया जाए। प्रत्येक पंचायत में भवन, इंटरनेट और प्रशासनिक सुविधा सुनिश्चित कर पंचायत स्तर पर समस्याएं हल की जाएं।

4. आपदा प्रबंधन को मजबूत करें। बाढ़ पूर्व तैयारी, तटबंध निर्माण और राहत वितरण की व्यवस्था पारदर्शी व प्रभावी बनाई जाए।

5. जनसुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो। क्षेत्रीय जनता की सीधी भागीदारी के लिए मासिक जनसुनवाई आयोजित की जाए ताकि समस्याएं सीधे सुनी और सुलझाई जा सकें।

इनकी भी सुनें

सरकार यदि बाबा गोरखनाथ धाम को केंद्र बनाकर पूरे क्षेत्र का विकास करे, तो इससे स्थानीय लोगों को रोजगार, सड़क, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी। सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, संपूर्ण प्रखंड के विकास की जरूरत है।

पिंटू यादव

आजमनगर में सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत जरूरतें अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं। बाबा गोरखनाथ धाम का विकास स्वागतयोग्य है, पर इसके बहाने बाकी समस्याओं को भी दूर करना जरूरी है।

अक्षय कुमार सिंह

प्रखंड में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, जिसके कारण पलायन बढ़ता जा रहा है। सरकार अगर इस क्षेत्र को पर्यटन हब बनाती है, तो स्थानीय स्तर पर व्यापार और काम के अवसर मिलेंगे।

सनी यादव

बाढ़ और बारिश के मौसम में स्थिति और भी बदतर हो जाती है। गोरखनाथ धाम को विकसित करना अच्छा कदम है, लेकिन सड़कों की हालत सुधारे बिना श्रद्धालुओं और ग्रामीणों दोनों को ही तकलीफ होती रहेगी।

राधा कांत

मंदिर की लोकप्रियता बहुत है, लेकिन आसपास के गांव अभी भी विकास से दूर हैं। अगर सरकार गंभीरता से काम करे, तो मंदिर के साथ-साथ पूरा इलाका विकसित हो सकता है।

राजू घोष

आजमनगर में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत चिंताजनक है। गोरखनाथ धाम पर जो ध्यान दिया जा रहा है, वैसा ही ध्यान अगर स्कूल और अस्पतालों पर भी दिया जाए तो हालात बदलेंगे।

दिलीप कुमार सिंह

बिजली की समस्या सबसे गंभीर है। रोज़ाना कई घंटों तक बिजली नहीं रहती। अगर पर्यटन को बढ़ावा देना है, तो बुनियादी सुविधाएं सबसे पहले ठीक करनी होंगी।

श्यामनाथ यादव

गांवों में आज भी कई लोग पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गोरखनाथ धाम का विकास सराहनीय है, लेकिन जल आपूर्ति जैसी ज़रूरतें भी प्राथमिकता में होनी चाहिए।

पिंटू साह

व्यापारियों के लिए यह बड़ा अवसर हो सकता है, बशर्ते सड़क और यातायात व्यवस्था बेहतर हो। श्रद्धालु जब आएंगे, तभी बाजार चलेगा, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

श्याम अग्रवाल

हमारे पूर्वजों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी है। सरकार अगर इसे शिव सर्किट से जोड़े और मेले को राजकीय दर्जा दे, तो धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान और मजबूत होगी।

फनी सिंह

गोरखनाथ धाम के विकास से पर्यटन बढ़ेगा, लेकिन साथ ही अगर स्थानीय स्कूल, सड़क और पानी की समस्याओं पर भी ध्यान दिया जाए, तो यह सच्चा समग्र विकास होगा।

अंकित यादव

स्थानीय व्यापारी होने के नाते मैं चाहता हूँ कि मंदिर के पास अच्छा बाज़ार विकसित हो। इससे रोज़गार भी बढ़ेगा और श्रद्धालुओं को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

पवन अग्रवाल

हम दलित बस्तियों में आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मंदिर विकास के साथ अगर सामाजिक बराबरी और सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित हो, तो ही सच्चा लाभ होगा।

देवनारायण नुनिया

गांव में युवाओं को खेल, शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण का अवसर मिलना चाहिए। सिर्फ धार्मिक पर्यटन से ज्यादा जरूरी है, युवाओं के लिए नए रास्ते खोलना।

सुनील कुमार

प्राकृतिक आपदाओं से हर साल किसान बर्बाद हो जाते हैं। मंदिर विकास के साथ-साथ कृषि और आपदा प्रबंधन को भी मजबूत करना होगा, तभी यह क्षेत्र उबर सकेगा।

कविंद्र सिंह

युवा चाहते हैं कि हमें यहीं रोजगार मिले ताकि बाहर न जाना पड़े। अगर पर्यटन के साथ स्थानीय उद्योग लगे, तो सैकड़ों लोगों को काम मिलेगा।

शुभम अग्रवाल

गांव-गांव में नाली, सड़क और सफाई की हालत खराब है। सिर्फ मंदिर तक सड़क बनवाने से काम नहीं चलेगा, पूरे क्षेत्र का समावेशी विकास जरूरी है।

दीपक कुमार

सरकार की पहल सराहनीय है, लेकिन यह सिर्फ घोषणा न बनकर जमीन पर दिखे, तभी लोगों का भरोसा जगेगा। मंदिर से विकास की शुरुआत होनी चाहिए, अंत नहीं।

गोपाल अग्रवाल

बोले जिम्मेदार

आजमनगर प्रखंड की समस्याएं लंबे समय से चली आ रही हैं, लेकिन अब सरकार चरणबद्ध तरीके से समाधान की दिशा में काम कर रही है। सड़क, बिजली, जल और रोजगार जैसी प्राथमिक जरूरतों को लेकर कार्य योजनाएं बन चुकी हैं। बाबा गोरखनाथ धाम क्षेत्र की आस्था और पहचान का प्रतीक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसे पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की घोषणा ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे। हम सभी सुविधाओं को संतुलित रूप से विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

– अशोक कुमार अग्रवाल, विधान पार्षद

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