डिसीजन मेकर बनेंगे पहली के छात्र, करियर ट्रेंड सिखाएंगे 12वीं वाले
छात्रों में आत्मविश्वास जगाने व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की बोर्ड की पहल नर्सरी व किंडर

भागलपुर, वरीय संवाददाता अब पहली कक्षा के बच्चे डिसीजन मेकर (निर्णयकर्ता) बनेंगे और 12वीं के छात्र दूसरों को कॅरियर ट्रेंड की सीख देंगे। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। स्कूलों में पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों के चहुंमुखी विकास को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नई पहल की है। बोर्ड की ओर से छात्रों में आत्मविश्वास जगाने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है। इस बाबत बोर्ड के सचिव हिमांशु गुप्ता ने संबद्ध सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों तथा संचालकों को स्कूलों में अनिवार्य रूप से पैरेंटिंग कैलेंडर लागू करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, सीबीएसई बोर्ड पैरेंटिंग कैलेंडर के माध्यम से स्कूली छात्रों, उनके अभिभावकों तथा शिक्षकों के बीच संबंधों को बेहतर बनाते हुए स्कूलों में बच्चों के लिए विकास योग्य माहौल तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। स्कूलों में पैरेंटिंग कैलेंडर के हिसाब से छात्र व उनके अभिभावकों के लिए तैयार गाइडलाइन का हर हाल में पालन कराने का बोर्ड के सचिव ने निर्देश दिया है। इसको लेकर जिले के सभी 346 निजी विद्यालयों में तैयारी शुरू कर दी गई है। जानिये, पैरेंटिंग कैलेंडर में कक्षावार गतिविधि की क्या है योजना बोर्ड की ओर से तैयार इस पैरेंटिंग कैलेंडर के अनुसार नर्सरी से लेकर किंडर गार्टन के बच्चों के बीच स्कूलों में चित्र व डायस के माध्यम से स्टोरीटेलिंग, गुड टच और बैड टच की जानकारी, अंग्रेजी के अक्षर तथा अंकों के आधार पर की जाने वाली गतिविधियों का संचालन कराया जाएगा। वहीं कक्षा एक और दो के बच्चों को कब किस मुद्दे पर हां और किस मुद्दे पर ना या फिर किस मुद्दे पर और कोशिश की जा सकती है, इसका निर्णय लेने का अभ्यास कराया जाएगा। जबकि कक्षा तीसरी से लेकर पांचवीं तक के बच्चों के बीच समूह चर्चा, स्टोरीटेलिंग, बागवानी या कला आधारित गतिविधियों का संचालन कराए जाने की तैयारी है। वहीं कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों के बीच जागरूकता चर्चा, साइबर सेफ्टी के लिए क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए, इसपर चर्चा कराई जाएगी। इधर, नौवीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के बीच करियर जागरूकता बूथ निर्माण, करियर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए अतिथि वक्ताओं के सत्र तथा लाइफ स्किल्स और रोल प्ले आदि के माध्यम से गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। जबकि 11वीं और 12वीं के छात्रों के बीच करियर ट्रेंड पर पैनल चर्चा, मॉक इंटरव्यू, पूर्व छात्रों के साथ मीट एंड ग्रीट सेशन का आयोजन, प्रोफाइल तथा रिज्यूम बनाने आदि पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कोट स्कूलों में पैरेंटिंग कैलेंडर अनिवार्य रूप से लागू कराए जाने को लेकर बोर्ड का निर्देश है। सभी स्कूलों में पैरेंटिंग कैलेंडर जल्द से जल्द लागू हो, इसकी व्यवस्था कराई जा रही है। सुमंत कुमार, जिला समन्वयक (सीबीएसई)
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