बोले जमुई: कभी सर्वर डाउन तो कभी नेट स्लो से जूझते हैं संचालक
जिले में सैकड़ों साइबर कैफे हैं, लेकिन संचालकों को इंटरनेट स्पीड की कमी और सर्वर डाउन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गांवों में लोग डिजिटल लेन-देन से अनजान हैं। मुख्यमंत्री उद्यमी लोन योजना से...

जिले में सैकड़ों की संख्या में साइबर कैफे हैं। लेकिन इसके संचालकों को आजकल कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सर्वर डाउन रहने के कारण वेबसाइट सही से काम नहीं करती है। इंटरनेट की स्पीड की कमी से भी उन्हें परेशानी होती है। ये सभी संचालक किसी तरह अपनी दुकानों में बैठकर काम करते हैं। अगर बात करें गांव की तो अब भी डिजिटल तकनीकी के बावजूद गांवों में अधिकतर लोग डिजिटल लेन-देन से अनजान हैं। जमुई। सुधांशु लाल राकेश सिन्हा
एक समय था जब हर चौक चौराहे पर आपको टेलिफोन बूथ मिल जाता था। और यही जरिया था लोगों को अपने से बातें करने का। अब इस दौर में मोबाइल लोगों के हाथ तक पहुंच गया है। यही कारण है कि टेलिफोन बूथ खत्म हो गए। अब इसकी जगह साइबर कैफे ने ले लिया है। शहर के मुख्य बाजार जैसे महाराजगंज, पुरानी बाजार, बोधवन तालाब रोड, केकेएम कॉलेज रोड सहित आसपास के कई इलाके में सैकड़ों की संख्या में साइबर कैफे संचालित हो रहे हैं।
साइबर कैफे के संचालक प्रवीण कुमार ने कहा कि साइबर कैफे शुरू करने के लिए कम्प्यूटर के साथ-साथ इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत है इसमें सबसे खास यह है कि इंटरनेट की स्पीड जितना अधिक हो उतना ही अच्छा है। आज की तारिख में सभी काम आनलाइन हो गया है। मसलन टेंडर भरने से परीक्षाओं के लिए फार्म भरने तक।
लेकिन यदि इंटरनेट कनेक्शन का स्पीड सही नहीं हो तो भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ट्रेन टिकट बुक करने के लिए भी फास्ट इंटरनेट की जरूरत होती है। इंटरनेट की समस्या और वेबसाइट्स का समय पर नहीं खुलना या सर्वर डाउन होने जैसी दिक्कतें बनी रहती हैं। इस कारण वे अपने ग्राहकों का काम समय पर नहीं कर पाते हैं, जिससे उनकी कमाई प्रभावित होती है। आजकल, ए-फॉर साइज के कागजों के पॉकेट्स की कीमत भी दोगुनी हो गई है, और बिजली का बिल भी अधिक आता है। इन खर्चों को निकालने के बाद एक छोटी दुकान से महीने में मुश्किल से 12,000 रुपये की कमाई हो पाती है। कई संचालकों ने बताया कि पहले यह शहर तक ही कैफे संचालित था अब गांव-गांव खुल गए जिस कारण कमाई कम हो गई है। वहीं गांवों में जागरूकता की कमी होने के कारण लोग कम ही आते हैं। उन्हें लगातार ग्राहकों का इंतजार करना पड़ता है। नितेश कुमार ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई की थी, लेकिन नौकरी नहीं मिली तो इस व्यवसाय को अपनाया। हालांकि, इसमें भी खास कमाई नहीं हो पा रही है। जब भी कोई बहाली या राशन कार्ड या शिक्षा से जुड़ा फॉर्म ऑनलाइन भरने की जरूरत होती है, तो उन्हें दो रुपये कमाने की उम्मीद होती है। लेकिन समय पर वेबसाइट्स के ठीक से काम न करने के कारण उनकी कमाई मंदी में रहती है। साइबर कैफे वालों की मांग तो हर जगह महसूस की जाती है, लेकिन कमाई के मामले में वे कई बार पीछे रह जाते हैं। शहरों में लोग अधिक पढ़े-लिखे और जागरूक होते हैं, इसलिए उन्हें काम करने में ज्यादा समस्याएं नहीं होतीं। मुख्यमंत्री उद्यमी लोन योजना से साइबर संचालकों को राहत मिलने की उम्मीद है। इस योजना से उन्हें पूंजी में मदद मिल सकती है, जिससे वे अपने साइबर कैफे की सुविधाओं को बेहतर बना सकेंगे और अपनी कमाई बढ़ा सकेंगे।
व्यवसाय बढ़ने के लिए मदद की है जरूरत
वर्तमान में मल्टी प्लेइंग गेम बहुत अधिक पॉपुलर हो रहे हैं, इन्हें इंटरनेट की सहायता से या फिर लोकल नेटवर्क की सहायता से खेला जा सकता है। युवा वर्ग और बच्चों के पास घर पर कंप्यूटर तो होता है, परंतु उनके पास इंटरनेट की इतनी अच्छी स्पीड नहीं हो पाती है, लेकिन यहां पर यदि दो या तीन लोग एक साथ बैठे रहेंगे और उन्हें किसी भी गेम के मल्टीप्लेयर मॉडल को खेलना पसंद है तो, वह यह काम कर पाएंगे। इससे आप की मेंबरशिप भी बढ़ेगी।
साइबर संचालक निरंजन कुमार कहते हैं कि आपको अपने कैफे में क्लाइंट के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले क्लाइंट कंप्यूटर लगवाने होंगे, आप अपने यहां आने वाले लोगों की संख्या के आधार पर 10 या 15 क्लाइंट कंप्यूटर इंस्टॉल करवा सकते हैं। यह कंप्यूटर और सीपीयू खरीदते वक्त आपको हमेशा ध्यान रखना होगा कि कभी भी कम स्पीड वाला और हैंग होने वाला कंप्यूटर इंस्टॉल ना करवाएं, इससे आपके यहां आने वाला उपभोक्ता बुरी तरह प्रभावित होता है और यदि आपने घटिया प्रोसेसर वाला कंप्यूटर लगवाया है तो, वर्तमान में लोकप्रिय मल्टीप्लेयर गेमिंग मोड अच्छी तरह से सपोर्ट नहीं कर पाएगा, इससे आप की मेंबरशिप भी खतरे में जा सकती है।
आप सोशल मीडिया या फिर इंटरनेट की सहायता से अपनी एक वेबसाइट बनाकर वहां पर अपने इंटरनेट कैफे में दी जाने वाली सुविधाओं का पूरा विवरण दे सकते हैं, साथ ही आप अपने आसपास के क्षेत्र में अपने इंटरनेट कैफे के नाम से छोटे और बड़े होर्डिंग्स बनवा कर आपके द्वारा चार्ज की जाने वाली फीस एवं आप के आस पास ही स्थित दूसरे साइबर कैफे से तुलना कर हॉस्टल या फिर स्कूल जैसे क्षेत्रों के बाहर लगवा सकते हैं।
शिकायतें
1. कम कीमत पर अधिक स्पीड वाले इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने की जरूरत है
2 अधिकतर सर्वर स्लो होने की संभावना रहती है, जिससे काम करने में हमें परेशानी होती है।
3 गांव में इंटरनेट की स्पीड बहुत कम होती है वहां भी टावर लगाए जाने चाहिए
4 साइबर कैफे वाले सभी लोग उद्यमी योजना का फॉर्म भरते हैं लेकिन ये लोन से वंचित रहते हैं।
5. युवा जैसे-तैसे छोटी दुकान लेकर बैठे हुए हैं सरकारी मदद मिलनी चाहिए
सुझाव
1. इंटरनेट की गति पर ही ऑनलाइन काम टिका हुआ है। स्पीड बढ़ाई जानी चाहिए
2. साइबर कैफे के लिए आसानी से लोन मिले ताकी दुकान में सामान अधिक रख सकें
3. गांव में ऑनलाइन लेन-देने जैसे शब्दों से अधिकतर लोग अनजान हैं।
4. बिजली बिल की दर में छूट दी जाए। इससे ग्राहकों की जेब पर बोझ कम पड़ेगा।
5. शहरों में अधिकतर बच्चे साइबर कैफे में कई काम से आते हैं। इसलिए संचालकों को योजनाओं में छूट मिले।
कहते हैं संचालक
सरकार सभी को उद्यमी योजना से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है और लोन भी मुहैया कराया जा रहा है। साइबर संचालकों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए
बजरंगी मांझी
साइबर कैफे चलाने वालों को इस मुहिम से जोड़ना बेहद जरूरी है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और साथ ही छोटे स्तर पर अन्य लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें।
बिट्टू कुमार
गांवों में इंटरनेट की स्पीड बहुत खराब रहती है, जबकि साइबर कैफे में काम करने के लिए तेज स्पीड की जरूरत होती है। इस कमी के कारण हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
हर्षिकेश कुमार
फाइव जी सेवाओं की शुरुआत की गई है, लेकिन ये अभी भी गांवों में प्रभावी तरीके से काम नहीं कर रही है।
जयदीप गुप्ता
साइबर कैफे के संचालकों को सस्ती बिजली दरों और बेहतर इंटरनेट सेवाओं की आवश्यकता है, ताकि काम करने में आसानी हो और ग्राहकों को अधिक समय तक हमारी दुकानों पर रुकने की जरूरत न हो।
कुमार गणेशन
गांवों में अभी भी डिजिटल जागरूकता की कमी है। इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
निरंजन कुमार
ऑनलाइन काम करने में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार उन्हें एक जगह से दूसरी जगह और फिर प्रखंड या जिले में चक्कर लगाने पड़ते हैं। बुजुर्गों को बार-बार दुकानों पर आना-जाना मुश्किल हो जाता है।
नीतीश कुमार
हमारी मांगों पर ध्यान दें। हमारी समस्याओं का समाधान हो ताकि हमारी आमदनी बढ़ सके।
प्रताप कुमार सिंह
वर्तमान में भी यह व्यवसाय विश्व भर में काफी लोकप्रिय है,आपके क्षेत्र में घूमने आने वाले टूरिस्टरों और ट्रैवलर के द्वारा सबसे ज्यादा साइबर कैफे का इस्तेमाल किया जाता है। सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए
प्रवीण कुमार
साइबर कैफे का डाटा बेस बनाकर उनको अच्छी स्पीड का इंटरनेट उपलब्ध कराया जाना चाहिए
सचिन यादव
बैंकों से आसानी से लोन मिले इसके लिए ट्रेनिंग देने की भी जरूरत है
संदीप साव
शहर में तो कई प्रकार की इंटरनेट सेवा मिल जाती है लेकिन गांव में यह संख्या सिमित हो जाती है इसपर ध्यान देने की जरूरत है
सुजीत कुमार
कम्पयूटर सहित अन्य कैफे के लिए जरूरी सामान खरीदने के लिए अनुदान का व्यवस्था किया जाना चाहिए
सुमन कुमार
आज घर-घर मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल हो गया है इसलिए कुछ ऐसे काम सााइबर कैफे को दिए जाने चाहिए जिनसे इनका व्यवसाय सही से चले
विकास यादव
साइबर संचालकों को आर्थिक सहयोग मिलने से उनको काफी लाभ होगा व्यवसाय भी चलेगा
विनोद कुमार यादव
बोले जिम्मेदार
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत सरकार सहायता दे रही है। इसके अलावा पीएमईजीपी योजना के तहत भी लाभ ले सकते हैं। पोर्टल पर आवेदन कभी भी कर सकते हैं। इसमें अनुदान भी देने का प्रावधान है।
मितेश कुमार शाण्डिल महाप्रबंधक, जमुई जिला उद्योग केंद्र
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