बोले सहरसा : पुनर्वास क्षेत्र में रहने वालों को नये सिरे से जमीन आवंटित हो
सुपौल में असैय पुनर्वास क्षेत्र के 300 परिवारों को पुनर्वास पदाधिकारी द्वारा नोटिस भेजा गया है, जिससे वहाँ हलचल मची है। 600 से अधिक परिवारों को यह नहीं पता कि नोटिस का कारण क्या है। लोग प्रशासन से...
असैय पुनर्वास क्षेत्र के 300 परिवारों में पुनर्वास पदाधिकारी कोसी योजना सुपौल द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद हलचल मची है। असैय में बसे 600 से अधिक परिवारों को यह भी पता नहीं है कि नोटिस किस कारण से भेजा गया है। पूर्वजों द्वारा पुनर्वास में बसने के बाद कुनबा बढ़ता चला गया। किसी ने जमीन के कागजात पर ध्यान नहीं दिया। हिन्दुस्तान संवाद के दौरान पुनर्वास में रहने वाले लोगों ने अपना दर्द बयां किया है। कहा, प्रशासन उनलोगों की स्थिति पर ध्यान दे। अतिक्रमण किए लोगों पर कार्रवाई करे। ठीक से वस्तुस्थिति की जांच करे तो उनकी समस्या का उहें पता चलेगा। पुनर्वास की समस्या भी दूर होगी।
19 सौ 60 में कोसी तटबंध के भीतर बसे लोगों को किया गया था पुनर्वासित
06 सौ से अधिक परिवार असैय पुनर्वास में घर बनाकर वर्तमान मेंरह रहे
03 से अधिक असैय पुनर्वास में रहने वाले लोगों को भेजा गया नोटिस
वर्ष 1954 में कोसी नदी के पूर्वी व पश्चिमी तटबंध बनाकर इसे नियंत्रित करने को लेकर बांध का निर्माण किया गया। इस दौरान दोनों बांधों के बीच में बसे सैकड़ों गांवों के हजारों परिवारों को नदी से बाहर बसाने को लेकर कोसी पुनर्वास की स्थापना तत्कालीन सरकार द्वारा की गई थी। 1960 ई. में कोसी पूर्वी तटबंध के बाहर सरकार द्वारा जमीन संग्रहित करते हुए दर्जनों पुनर्वास गांव बनाकर कोसी नदी के भीतर बसे गांवों के लोगों को तत्काल बसावट के आधार पर जमीन मुहैया कराई गई थी। जितनी जमीन पर कोसी नदी के भीतर बसे परिवार घर-आंगन बनाकर रह रहे थे उसी अनुपात में तटबंध के बाहर निर्धारित पुनर्वास गांव में जमीन आवंटित किया गया था। सरकार द्वारा कोसी पुनर्वास गांव में नदी से विस्थापित परिवारों को बसावट के लिए गांव, सड़क, विद्यालय व अन्य सरकारी संस्थाओं के लिए भूखंड आवंटित किया गया था। वर्ष 1984 में नवहट्टा अंचल की केदली पंचायत स्थित नौलखा गांव से लेकर धर्मपुर काली मंदिर तक कोसी पूर्वी तटबंध के टूट जाने के बाद बड़े पैमाने पर तबाही हुई। तटबंध के बाहर बसे दर्जनों गांव तबाह हो गए थे। वहीं पुनर्वास गांव में भी बड़े पैमाने पर तबाही मची थी। केदली पंचायत के पुनर्वासित गांव पहाड़पुर पुनर्वास, असैय पुनर्वास, केदली पुनर्वास, त्रिखुटी पुनर्वास सहित अन्य पुनर्वास गांव में बसे सैकड़ों परिवार एक बार ही उजड़ गये थे। जल संसाधन विभाग द्वारा दोबारा क्षतिग्रस्त हो चुके कोसी पूर्वी तटबंध निर्माण कार्य के दौरान कोसी पुनर्वास की जमीन पर नये सिरे से तटबंध का निर्माण किया गया था। बसावट के लिए आवंटित इन सभी पुनर्वासित गांव में हर साल घर क्षतिग्रस्त होने से लोगों को ऊंचे स्थानों पर घर बनाने की जद्दोजहद करनी पड़ती है। यहां के लोगों ने स्थायी आवंटन की मांग की।
बढ़ रहा जमीन विवाद
कोसी पुनर्वास कार्यालय द्वारा आवंटित जमीन के बजाय अन्य जगहों पर घर बनाकर रहने से आये दिन जमीन विवाद बढ़ रहा है। कोसी पुनर्वास विभाग द्वारा बीते दिनों असैय पुनर्वास व पहाड़पुर पुनर्वास के चार सौ से अधिक परिवारों को जमीन का अभिलेख उपस्थापित करने का नोटिस दिया गया है। अधिकांश लोगों द्वारा विभाग द्वारा आवंटित जमीन पर घर नहीं होने की बात कही जा रही है जबकि आवंटित भूखंड से अधिक तो कही कम रकबा में घर बनाकर जीवन बसर करने की बात कही जा रही है। लगभग तीन पीढ़ी से रह रहे परिवारों द्वारा कई बार बाढ़ व कटाव में विस्थापित होने से आवंटित भूंखड व संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं होने की बात बताई जा रही है।पूर्वजों को आवंटित जमीन के रकबा व वंशवृक्ष उपलब्ध कराने की बात सुपौल पुनर्वास कार्यालय द्वारा जारी की गई है।
शिकायत
1. पूर्वजों के नाम से आवंटित भूखंड का अभिलेख सभी को उपलब्ध नहीं है।
2. सदस्यों के अलग-अलग हिस्सों में बसने से बढ़ रही है परेशानी।
3. तटबंध किनारे व स्पर पर रहने को मजबूर हैं विस्थापित परिवार।
4. हर साल बाढ़ से गृहक्षति की समस्या से परेशान हैं विस्थापित।
सुझाव
1. क्षतिग्रस्त पुराने तटबंध के निर्माण होने से पुनर्वास गांव में विस्थापन की दूर होगी समस्या।
2. बसे हुए भूखंड का नये सिरे से आवंटन किया जाए।
3. पुनर्वास गांव में जमीन विवाद का स्थानीय स्तर पर हो निबटारा।
4. सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्र चिह्नित करने की है जरूरत।
हमारी भी सुनें
टुट चुके पुराने तटबंध कों जोड़ने की कवायद शुरू करने की जरूरत है। जिससे विस्थापित को रहने की सुविधा मिले।
अनिल यादव
स्थानीय स्तर पर पुनर्वास गांव में जमीन विवाद का निबटारा किया जाय। अतिक्रमण पर प्रशासन के द्वारा रोक लगे।
भानी शर्मा
जमीन विवाद निबटारा में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने की जरूरत है। जिसस आपस में हो रहे विवाद पर रोक लग सके।
नरेश
स्थानीय स्तर पर समस्या समाधान पर ध्यान दें प्रशासन। विस्थापन की जिंदगी जी रहे लोगों की समस्या के बारे में सोचते हुए ही प्रशसन कोई निर्णय ले।
सौरभ कुमार
पुराने तटबंध के मरम्मती से पुनर्वास गांव में विस्थापित परिवारों को मिलेगी राहत। फिर से विस्थापन नहीं होगा।
बहुरू शर्मा
पुनर्वास गांव में सड़क व सरकारी संस्थाओं को मिली जमीन चिह्नित करने की जरूरत है। जिससे आवास की समस्या न हो।
गंगाराम यादव
जमीन विवाद निबटारा में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने की जरूरत है। नहीं तो समस्या बढ़ती जाएगी और लोग परेशान रहेंगे।
प्रभु मिस्त्री
पुनर्वास जमीन की मापी करने को लेकर सरकारी स्तर से अमीन उपलब्ध कराने की है जरूरत। जिसस बेवजह की समस्या उत्पन्न नहीं हो।
शंभू मुखिया
बसावट के आधार पर बसे परिवारों को पुनर्वास पदाधिकारी द्वारा पुनर्आवंटन किया जाए। रहने की समस्या नहीं हो।
बैजू मुखिया
नोटिस जारी होने से पहले नये सिरे पुनर्वास गांव में बसे लोगों का सर्वेक्षण हो। उस आधार पर सही लोगों को सुविधा मिले।
गोसाई यादव
तीन पीढ़ी से रह रहे परिवारों को बेदखल नहीं की जाय। उनके आवासन कीसमुचित व्यवस्था प्रशासन करे।
राजेश्वर मुखिया
हर साल क्षतिग्रस्त हो जाती सड़क निर्माण से होती समस्या का हो समाधान। वहीं बाढ़ के कारण हीलोग विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होते हैं।
शंकर यादव
अवैध कब्जा धारकों को चिन्हित करते हुए अतिक्रमण हटाने की जरूरत है। जिससे सही व्यक्ति को परेशानी नहींहो।
बालेश्वर मुखिया
शिविर लगाकर पुनर्वासित गांव में लोगों की समस्या का हो निवारण। इस संबंध में सरकार व प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जाए।
झोली पासवान
बाढ़ व कटाव से बचाव के लिए स्थाई समाधान की जरूरत है। इसके बाद ही लोग विस्थापन की जिंदगी से निजात पाएंगे।
रमेश मुखिया
तटबंध व स्पर पर बसे परिवारों को पुनर्वास में बसाया जाए। जिससे वे अपने परिवार के साथ सुविधा युक्त सम्मानित जीवन जी सकें।
श्रवण यादव
बोले जिम्मेदार
पुनर्वास पदाधिकारी सहित स्थानीय अधिकारियों संग बैठक कर बसे हुए परिवारों को चिन्हित करते हुए नये सिरे से पुनर्वास में पुनर्आवंटन करने को लेकर संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। शीघ्र ही पुनर्वास से संबंधित लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में समस्या का समाधान किया जाएगा। लोगों की समस्या का समाधान होगा।
-गुजेश्वर साह, विधायक, महिषी विधानसभा क्षेत्र
पुनर्वास गांव में भूखंड आवंटित किया गया है उनके वंशजों को वंशवृक्ष उपलब्ध कराते हुए रकबा में बसावट होने की बात कही गई है। सही विस्थापित परिवारों को भयभीत होने की कोई बात नहीं है जिसने अवैध रूप से आवंटित भूखंड से अधिक रकबा में कब्जा कर लिया है उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
-सुमन कुमार, कोसी पुनर्वास पदाधिकारी
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