बोले जमुई : खलिहान में पिच बना खेलते हैं खिलाड़ी, मैदान की दरकार
लक्ष्मीपुर प्रखंड में क्रिकेट के लिए खेल मैदानों का अभाव है, जिससे खिलाड़ियों की प्रतिभा कुंठित हो रही है। 13 पंचायतों में केवल दो खेल मैदान हैं, जबकि कोई क्रिकेट अकादमी नहीं है। खिलाड़ी खलिहान में पिच...
क्रिकेट भारत में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। जमुई के अंतर्गत लक्ष्मीपुर प्रखंड के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए खेल संसाधनों और क्रिकेट मैदान का अभाव। इस कारण उनकी प्रतिभा कुंठित होती जा रही है। प्रखंड मुख्यालय में एक भी क्रिकेट स्टेडियम तो छोड़ए, खेल का मैदान भी नहीं है। खिलाड़ियों को खलिहान में पिच बनाकर अभ्यास करना पड़ता है। वहीं टूर्नामेंट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यह समस्या न केवल उनके खेल प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनके भविष्य की संभावनाओं को भी सीमित कर रही है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान लक्ष्मीपुर प्रखंड के खिलाड़ियों ने अपनी परेशानी बताई।
13 पंचायत हैं लक्ष्मीपुर प्रखंड में 02 खेल के मैदान हैं बेला गांव में 01 मैदान है चिनहरा गांव में है जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड में एक भी क्रिकेट अकादमी संचालित नहीं हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इस प्रखंड में एक भी खेल का मैदान नहीं है। 13 पंचायतों के इस प्रखंड में मात्र दो ही खेल मैदान हैं बेला और जिनहारा गांव में। ये प्रखंड मुख्यालय से क्रमश: 07 और 10 किलोमीटर दूर हैं। बंगरडीह में भी खेल मैदान है लेकिन वह अतिक्रमण की चपेट में है। इस कारण खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का कोई अवसर पर नहीं मिल पा रहा है। यहां दर्जनों ऐसे खिलाड़ी है जो अपना भविष्य बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन यहां एक भी क्रिकेट ग्राउंड एवं अन्य खेल सुविधा नहीं होने के कारण यहां के क्रिकेट खिलाड़ी एक टूर्नामेंट का आयोजन करने के लिए भी परेशान रहते हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्मीपुर में अधिकतर क्रिकेट मैच बेला या फिर जिनहरा के मैदान में आयोजित किए जाते हैं। क्योंकि प्रखंड मुख्यालय में स्थित एकमात्र मैदान बंगरडीह मैदान है जो अतिक्रमण की भेट चढ़ गया है। मजबूर होकर खिलाड़ी खेत के खलिहान में पिच बनाकर खेलने को मजबूर है। खेत में बना पिच की सतह समतल न होने के कारण खिलाड़ियों को चोटिल होने का खतरा बना रहता है। कई बार तो खिलाड़ी बुरी तरह से घायल भी हो जाते हैं। प्रखंड मुख्यालय में एक भी खेल मैदान नहीं होने के कारण लक्ष्मीपुर के दर्जनों खिलाड़ियों अपना अभ्यास तक नहीं कर पाते है। जिस कारण उनकी प्रतिभा धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है। खेल मैदान नहीं होने के कारण न तो कोई बड़ा टूर्नामेंट का यहां आयोजन हो पाता और न ही कोई खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखा जा रहा है। कुछ खिलाड़ी अपने खेल का विकसित करने के लिए जमुई मुख्यालय तक आ रहे है ताकि उनकी खेल निखर सके। वहीं बतातें चले कि जमुई मुख्यालय आने के लिए खिलाड़ियों को लगभग 15 से 18 किलोमीटर की दूरी तरह करना पड़ता है। इस कारण अधिकांश खिलाड़ी जमुई मुख्यालय नहीं आ पाते है। साथ ही इतनी दूर आने के कारण उनका पैसा और समय दोनों ही बर्बाद हो रहा है। किंतु, क्रिकेट खिलाड़ी जैसे-तैसे अपना अभ्यास करते हैं और क्रिकेट में एक मुकाम हासिल करने का सपना लिए दिन रात मेहनत करते हैं। प्रतिभाओं को नहीं मिल रहा उचित अवसर: खिलाड़ियों ने कहा कि लक्ष्मीपुर में कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं, लेकिन उन्हें उचित प्रशिक्षण, संसाधन एवं मौका नहीं मिलने के कारण वे अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। यही नहीं, प्रखंड मुख्यालय में क्रिकेट एसोसिएशन नहीं होने के कारण यहां के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है। जबकि, यहां क्रिकेट प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ऐसे में आर्थिक रूप से सक्षम प्रतिभा लक्ष्मीपुर छोड़कर दूसरे जिलों एवं राज्यों से खेलने के लिए मजबूर हो रहे हैं और यहां से पलायन कर रहे हैं। खिलाड़ी बताते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर लेदर बॉल से खेला जाता है, जबकि यहां केवल टेनिस बॉल से ही हमलोग अभ्यास करते है। इससे खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में कठिनाई होती है। वहीं, क्रिकेट खिलाड़ियों का कहना था कि, क्रिकेट के लिए मैदान न होने के कारण खिलाड़ियों को काफी संघर्ष करना पड़ता है। यदि कोई मैदान है भी, तो वह अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। समस्याओं के समाधान की आवश्यकता : खिलाड़ियों ने बताया कि कई वर्षों में क्रिकेट खिलाड़ियों कोई सुविधा नहीं मिल रही है। जिस कारण उनका प्रतिभा कुंहित होता जा रहा है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि, वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं और जल्द- से- जल्द प्रखंड में एक स्टेडियम की स्थापना करें, ताकि लक्ष्मीपुर की प्रतिभाएं अपने सपनों को साकार कर सकें। इसके साथ ही ऐसे खेल मैदान की सुविधा दी जानी चाहिए जहां सिर्फ क्रिकेट के खिलाड़ी अभ्यास कर सकें और वहां किसी तरह का खेल से इतर कोई आयोजन नहीं हो ताकि खिलाड़ियों का अभ्यास कभी बाधित न होने पाए। शिकायत 1. प्रखंड में एक भी आधुनिक क्रिकेट मैदान नहीं है, जिससे खिलाड़ियों को खलिहान में पिच बनाकर अभ्यास करना पड़ता है। 2. खिलाड़ियों को लेदर बॉल क्रिकेट की सुविधा नहीं मिलती, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना कठिन हो जाता है। 3. प्रखंड मुख्यालय के नजदीक बंगरडीह खेल मैदान का अतिक्रमण से मुक्ति कराया जाए। 4. संसाधनों की कमी के कारण सक्षम खिलाड़ी दूसरे जिलों और राज्यों में जाकर खेलने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सुझाव 1. प्रशासन को जल्द-से-जल्द एक अच्छे क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण एवं क्रिकेट संबंधी सुविधाओं का विकास करने चाहिए, ताकि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मिल सके। 2. क्रिकेट खिलाड़ियों का क्रिकेट में भविष्य बने इसके लिए आवश्यक संसाधन, उचित कोचिंग और टर्फ विकेट की व्यवस्था करनी चाहिए। 3. स्टेडियम निर्माण योजना को सक्रिय किया जाए और उसकी प्रगति पर प्रशासन को जवाबदेह बनाया जाए। 4. प्रखंड में क्रिकेट एसोसिएशन स्थापना किया जाए, जिससे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर मिल सके। इनकी भी सुनिए क्रिकेट खिलाड़ियों को समुचित मदद मिले जिससे वे आगे बढ़ सकें। क्रिकेट खेल को बढ़ावा देने के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा। -नरेंद्र कुमार क्रिकेट खेल मैदान नहीं होने के कारण अच्छे खिलाड़ियों अपने प्रतिभा को निखान नहीं पाते है। प्रशासन को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। -आदित्य कुमार लक्ष्मीपुर में क्रिकेट खेलने के लिए मैदान नहीं है। हमलोग कैसे बनेंगे सूर्य कुमार यादव और विराट कोहली। यहां की प्रतिभाओं को तराशने की जरूरत है। -मयंक रजक प्रखंड मुख्यालय में खेल का मैदान नहीं होने के कारण हमलोगों को परेशानी होती है। खेत में पिच बनाकर हमलोग क्रिकेट खेलने का मजबूर है। -प्रिंस कुमार प्रखंड में दो जगह खेल मैदान हैं, लेकिन उसकी दूरी लगभग 10 और 07 किलोमीटर है। इस कारण हमलोग वहां खेलने के लिए नहीं जा सकते है। -शिवम कुमार प्रखंड में संसाधनों की कमी के कारण सक्षम खिलाड़ी दूसरे जिलों और राज्यों में जाकर खेलने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इस पर स्थानीय प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। -सुमित कुमार प्रखंड मुख्यालय के नजदीक बंगरडीह खेल मैदान है जिस अतिक्रमण कर लिया गया है। स्थानीय प्रशासन को उक्त मैदान को जल्द से जल्द अतिक्रमण से मुक्ति कराना चाहिए। -रवि कुमार प्रशासन को जल्द-से-जल्द एक अच्छे क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण एवं क्रिकेट संबंधी सुविधाओं का विकास करने चाहिए, ताकि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मिल सके। -साहिल कुमार प्रखंड में एक भी आधुनिक क्रिकेट मैदान नहीं है, जिससे खिलाड़ियों को खलिहान में पिच बनाकर अभ्यास करना पड़ता है। -राहुल कुमार प्रखंड में क्रिकेट एसोसिएशन बने, जिससे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर मिल सके। और वह आगे भी खेल सकें। -इकबाल कुमार खेल मैदान नहीं होने के कारण प्रखंड के सभी खिलाड़ियों की प्रतिभा धूमिल हो रही है। प्रशासन को चाहिए कि खेल मैदान की स्थापना करने की जरूरत है। -राहुल कुमार वन स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि प्रखंड के बच्चों को अच्छा प्रशिक्षण दें ताकि आगे चलकर अपने-अपने क्षेत्र में खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर सकें। -सनोज कुमार प्रखंड में खेल एकेडमी का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि क्रिकेट, फुटबॉल सहित अन्य खेल के प्रतिभा खिलाड़ियों की पहचान किया जा सकें। -नंदन कुमार सिंह सरकार की नीति के तहत प्रत्येक पंचायत में एक खेल मैदान होना चाहिए था तब हमलोगों को भरोसा हुआ कि अब हमलोग भी खेल मैदान में खेल सकेंगे लेकिन सब दिखावा ही है। -मुकेश कुमार खेल मैदान नहीं होने के कारण हमलोग अपनी प्रतिभा को नुखार नहीं पा रहे है। प्रशासन को चाहिए कि हमलोगों के लिए खेल प्रशिक्षक की व्यवस्था कराएं। -मिथुन कुमार प्रशासन को चाहिए कि खिलाड़ियों के प्रतिभा को निखारने के लिए हर प्रकार का खेल प्रतियोगिता का आयोजन कराएं ताकि जो भी खिलाड़ी में प्रतिभा हो उसका आगे बढ़ाने का काम करें। -सागर कुमार बोले जिम्मेदार प्रखंड मुख्यालय स्थित खेल मैदान प्लटू टू उच्च विद्यालय बांगरडीह में है। जो मानक के अनुरूप नहीं है। चूंकि स्कूल और खेल मैदान के लिए जिन्होंने भूमि दान दी थी, वह गैरमजरूआ और बकाश्त जमीन है। वर्तमान में स्कूल दान की ज्यादा जमीन पर बसा है। इसकी जांच की जाएगी। साथ ही खिलाड़ियों के लिए मनरेगा के तहत खेल मैदान की उपलब्धता पूरी की जा रही है। -रविकांत, अंकलधिकारी, लक्ष्मीपुर बोले जमुई असर चकाई में शत-प्रतिशत लोगों को पेयजलापूर्ति के निर्देश जमुई। गत 19 मई को जिले के चकाई प्रखंड लोगों की पेयजल से संबंधित समस्या हिन्दुस्तान के बोले जमुई मुहिम के तहत प्रमुखता से उठाई गई थी। इस खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला बीस सूत्री कार्यान्वयन समिति की बैठक में गुरुवार को प्रभारी मंत्री रत्नेश सदा, डीएम अभिलाषा शर्मा, एसपी मदन कुमार आनंद व अन्य की उपस्थिति में मंत्री ने पेयजल की समस्या को लेकर कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता से जिलावासियों को हो रही जलापूर्ति की जानकारी ली। मंत्री ने जल मीनार, चापाकल, पानी टैंकर समेत अन्य माध्यमों से की जा रही जलापूर्ति की रिपोर्ट सौंपने को कहा। साथ ही चापाकल मरम्मत के लिए विभिन्न प्रखंडों में प्रतिनियुक्त कर्मियों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने शत-प्रतिशत लोगों को जलापूर्ति को लेकर कई आवश्यक निर्देश दिए। संवाद के दौरान लोगों का कहना था कि मई महीने में पड़ रही प्रचंड गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पेयजल की समुचित सुविधा नहीं है। मालूम हो कि जमुई शहर के साथ प्रखंड के चकाई चौक पर करीब 15000 लोगों का रोजाना आवागमन होता है। इस प्रखंड में वैसे तो पेयजल की समस्या सालों भर रहती है, लेकिन गर्मी के मौसम में अधिक परेशानी होती है। प्रखंड मुख्यालय के चकाई बाजार के साथ ही चकाई चौक, बेसकीटांड़ चौक, माधोपुर बाजार, सरोन चौक सहित अन्य चौक चौराहों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। लोग पानी के लिए मंदिर के चापाकल पर भीड़ लगाते हैं। रोड किनारे सरकारी चापाकल अक्सर खराब ही रहता है। अब मंत्री की पहल पर लोगों में आस जगी है कि उनके लिए जल्द ही जलापूर्ति व्यवस्था सुचारु होगी। इसके लिए लोगों ने हिन्दुस्तान के बोले जमुई मुहिम का आभार व्यक्त किया है।
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