10 जून के बाद मुरली पहाड़ी का म्यूटेशन होगा रद्द
जमाबंदी रद्दीकरण करने से पहले दूसरे पक्ष को नोटिस भेज मांगा गया जवाब पहाड़ की

भागलपुर, वरीय संवाददाता। सुल्तानगंज स्थित उत्तर वाहिनी गंगा से सटे मुरली पहाड़ी की जमाबंदी रद्द करने की कार्रवाई अपर समाहर्ता न्यायालय में चल रही है। इस मामले में आरोपित पक्षकारों को नोटिस दिया गया है और 10 जून को तारीख मुकर्रर की गई है। इस तारीख पर पक्षकारों की बात सुनी जाएगी। यदि पक्षकार नहीं आएंगे तो म्यूटेशन रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इधर, पहाड़ का गलत तरीके से म्यूटेशन करने वाले अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। इसके संबंध में कई फाइलें खोजी जा रही हैं। जानकारों ने बताया कि यदि वाद संख्या खोलकर म्यूटेशन की कार्रवाई की गई होती तो जमाबंदी में नया केवाला का जिक्र नहीं होता।
जमाबंदी जब खतियानी होती है तब पुराने रकबे में नये रैयत को दी गई जमीन कम कर दी जाती है। वाद संख्या चलने के दौरान चौहद्दी के लोगों को नोटिस दिया जाता है। यह नोटिस सर्व कराई जाती है। यदि वाद संख्या नहीं खोलकर गलत तरीके से जमाबंदी कायम किया गया होगा तो एडीएम को जमाबंदी रद्द करने का पूरा कानूनी अधिकार है। बता दें कि मुरली पहाड़ी को बिहार प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल अवशेष तथा कलानिधि अधिनियम, 1976 के प्रावधानों के तहत राजकीय सुरक्षित घोषित पुरास्थल और स्मारक के रूप में अधिसूचित करने की योजना है। इसके लिए नजरी नक्शा की रिपोर्ट में बताया गया कि पहाड़ का स्वामित्व रैयती है और इसकी जमाबंदी भी कर दी गई है।
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