Severe Lack of Passenger Facilities at Manihari Terminal Despite A1 Grade Status बोले कटिहार : जमीन पर बैठ ट्रेन का इंतजार करते हैं यात्री, पेयजल भी नहीं, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले कटिहार : जमीन पर बैठ ट्रेन का इंतजार करते हैं यात्री, पेयजल भी नहीं

कटिहार रेल मंडल का ए-वन ग्रेड स्टेशन मनिहारी टर्मिनल पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। यहाँ ना बैठने की व्यवस्था है, ना शौचालय और ना ही पीने का पानी। यात्री कच्ची जमीन पर बैठकर ट्रेन का इंतज़ार करते...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 28 May 2025 11:06 PM
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बोले कटिहार : जमीन पर बैठ ट्रेन का इंतजार करते हैं यात्री, पेयजल भी नहीं

कटिहार रेल मंडल का ए-वन ग्रेड स्टेशन होने के बावजूद मनिहारी टर्मिनल पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। स्टेशन पर ना बैठने की व्यवस्था है, ना शौचालय, ना पीने के पानी की। टिकट काउंटर एक होने से यात्रियों को लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है। साफ-सफाई, सुरक्षा और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत जर्जर है। प्लेटफॉर्म पर छाया नहीं होने से यात्री कड़ी धूप सहते हैं। बारिश में भीगते रहते हैं। व्हीलचेयर, फुटओवर ब्रिज, सबवे, हेल्थ एटीएम जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नदारद हैं। हजारों दैनिक यात्री असुविधा के बीच यात्रा करने को मजबूर हैं। स्थानीय संगठनों ने कई बार शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान यात्रियों ने अपनी परेशानी बताई।

50 हजार से अधिक यात्री प्रतिमाह इस टर्मिनल से करते हैं सफर

03 पैसेंजर ट्रेनें और एक एक्सप्रेस ट्रेन का प्रतिदिन होता है संचालन

01 लाख 20 हजार से डेढ़ लाख रुपए प्रति माह होती है आमदनी

एनएफ रेलवे के ए वन ग्रेड स्टेशन कटिहार के अंतर्गत मनिहारी टर्मिनल स्टेशन वर्षों से यात्री सुविधाओं के लिए तरस रहा है। इस स्टेशन पर न तो बैठने की समुचित व्यवस्था है, न ही शौचालय, पीने का पानी या सुरक्षा की कोई पुख्ता व्यवस्था। यहां आने-जाने वाले हजारों यात्रियों को ट्रेनों का इंतजार कच्ची जमीन पर बैठकर करना पड़ता है। रेलवे के इतने बड़े नेटवर्क में शामिल यह टर्मिनल पूरी तरह से बदहाली का शिकार है। मनिहारी स्टेशन से हर दिन तीन पैसेंजर ट्रेनें तेजनारायणपुर के लिए चलती हैं। इसके माध्यम से कटिहार, मनिहारी, अमदाबाद और झारखंड के सैकड़ों गांवों के हजारों यात्री सफर करते हैं। इनमें मजदूर, छात्र, नौकरीपेशा, महिला, बुजुर्ग, फेरीवाले और किसान शामिल हैं। बावजूद इसके स्टेशन पर टिकट काउंटर एक ही खुलता है जिससे यात्रियों की लंबी कतारें लग जाती हैं। कई बार लोग टिकट न मिलने पर बेटिकट सफर करने को मजबूर हो जाते हैं।

स्टेशन पर ना यात्री शेड है ना ही वेटिंग चेयर :

स्टेशन पर ना तो यात्री शेड है, ना ही वेटिंग चेयर। बरसात के मौसम में फिसलन भरी फर्श के कारण कई लोग चोटिल हो जाते हैं। वहीं व्हीलचेयर की मांग करने वाले बुजुर्गों और दिव्यांगों को भी मदद नहीं मिलती। नतीजतन उन्हें परिजनों के सहारे यात्रा करनी पड़ती है। स्टेशन पर न तो फुट ओवरब्रिज है, न सब-वे। यात्री जान जोखिम में डालकर रेल ट्रैक पार कर प्लेटफॉर्म तक पहुंचते हैं। स्टेशन की साफ-सफाई की स्थिति भी बेहद खराब है। ट्रैक और प्लेटफॉर्म पर गंदगी पसरी रहती है। असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, स्मैकियों की मौजूदगी, और जुए की गतिविधियां यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं। टर्मिनल पर ना तो लगेज स्कैनर है, ना ही रेल पुलिस की प्रभावी उपस्थिति।

कई संगठनों ने बार-बार डीआरएम को सौपा है ज्ञापन :

स्थानीय संगठनों और नागरिक संघर्ष समिति द्वारा बार-बार डीआरएम को ज्ञापन सौंपा गया है। समिति ने मांग की है कि जल्द से जल्द शौचालय, शेड, पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था, टिकट मशीन, एटीएम काउंटर, सबवे और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। समिति का कहना है कि मनिहारी टर्मिनल पांच लाख से अधिक लोगों के लिए हृदयरेखा जैसा है, ऐसे में यहां हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध कराना जरूरी है। रेल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द सुविधाओं को बहाल किया जाएगा। लेकिन जब तक ठोस पहल नहीं होती, तब तक मनिहारी टर्मिनल यात्रियों के लिए परेशानी का पर्याय बना रहेगा।

शिकायत

1. टर्मिनल परिसर की घेराबंदी बेहद जरूरी है। चारों ओर खुला एरिया होने से उचक्के-पॉकेटमार सक्रिय हैं।

2. टर्मिनल पर लगेज स्क्रीनिंग मशीन नहीं है। इसके अभाव में यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित होती है।

3. प्लेटफॉर्म पर रेल पुलिस की सक्रियता नहीं है। टिकट काउंटर पर तैनाती नहीं होती।

4. सामान्य टिकट काउंटर की सभी खिड़की नहीं खुलती। एक काउंटर के कारण यात्री परेशान हैं।

5. रेलवे परिसर से बाहर निकलने के रास्ते में अतिक्रमण की समस्या है। यात्रियों को आवागमन में काफी दिक्कत होती है।

सुझाव

1. बुजुर्ग एवं लाचार यात्रियों के लिए व्हील चेयर की व्यथा हो, लोग परेशान हो जाते हैं। इसमें अविलंब सुधार की जरूरत है।

2. यात्रियों के सामान की जांच हो ताकि खुले टर्मिनल परिसर से सुरक्षा प्रभावित न हो।

3. रेलवे ट्रैक और प्लेटफॉर्म पर नियमित सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए।

4. एक टिकट काउंटर से यात्रियों की भीड़ होती है। अधिक टिकट काउंटर की व्यवस्था हो।

5. प्लेटफॉर्म पर बने शेड को कुली विश्राम गृह न बनाएं। यात्रियों की असुविधा को देखते हुए व्यवस्था की जाए।

हमारी भी सुनिए

सामान के साथ ओवरब्रिज की सीढ़ी उतरनी-चढ़नी पड़ती है। इससे बुजुर्गों को दिक्कत होती है। रेल अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।

-मुन्ना यादव

टर्मिनल पर कई सुविधाओं का अभाव है। वेटिंग चेयर की संख्या कम है। इससे यात्रियों को नीचे बैठना पड़ता है। साथ ही प्लेटफॉर्म बहुत नीचे है

-नेवा लाल यादव

तेजनारायणपुर से कटिहार आने-जाने के लिए एक ट्रेन शाम में चार-पांच बजे होनी चाहिए। अभी सुबह और दोपहर के बाद ट्रेन नहीं है। इससे छात्रों को परेशानी होती है। स्टेशन परिसर को स्वच्छ बनाने की भी पहल हो।

-मनोज ऋषि

टिकट काउंटर की खिड़की अधिक हो। इससे भीड़ की स्थिति बन जाती है और यात्रियों को टिकट लेने में कठिनाई हो रही है। इसे लेकर यात्रियों में मारपीट भी हो रही हैं। इसे रोकने की व्यवस्था करें।

-अंगद ठाकुर, अध्यक्ष, नागरिक संघर्ष समिति

टर्मिनल पर उचक्कों से यात्री डरे रहते हैं। इससे कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं। प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक परेशानी होती है। रेल पुलिस को मुस्तैद रहने की जरूरत है।

-मो. नूर्शिद

टर्मिनल पर अवैध वेंडर मनमानी करते हैं। सामान का मूल्य अधिक लेते हैं। पानी भी रेल नीर की जगह दूसरी कंपनियों का बिकता है। प्लेटफार्म ना होने से बुजुर्ग और महिलाएं परेशान रहती हैं।

-नटवर लाल

टर्मिनल पर पहले की अपेक्षा सुविधा कुछ भी नहीं हैं, लेकिन रेल कर्मी लापरवाह बने हैं। इससे यात्रियों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके लिए रेलवे के वरीय अधिकारियों को औचक निरीक्षण करना चाहिए।

-शाहबाज

टर्मिनल पर व्यापक सुविधाएं मौजूद नहीं हैं, न ही किसी प्रकार का लाभ यात्रियों को मिल रहा है। कोई भी सुविधा यहां मौजूद नहीं है। रेलवे के अधिकारी को इसकी जांच कर सुविधा मुहैया करानी चाहिए।

-दिवाकर झा

प्लेटफॉर्म पर शौचालय की स्थिति काफी खराब है। एक भी शौचालय नहीं है। ऐसे में महिला यात्रियों को काफी परेशानी होती है। रेलवे को शौचालय निर्माण की ओर काम करना चाहिए।

-प्रियंका

रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की शुरुआत अब तक नहीं हुई जबकि काम कई सालों से चल रहा है। निर्माण का काम पूरा कर जल्द से जल्द सुविधा बहाल की जाए। ताकि बुजुर्ग, बीमार व दिव्यांग यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

-अशोक कुमार, समाजसेवी

यात्रियों को बैठने की समूचित व्यवस्था नहीं है। व्यवस्था बेहतर नहीं होने से यात्रियों को खड़े रहना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्रियों को उठानी पड़ती है। रेलवे को बैठने की व्यवस्था ठीक करनी चाहिए।

-दीपक साह, यात्री सह समाजसेवी

रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। यात्री सुविधाओं में वृद्धि की जाए। महिला शौचालय का निर्माण हो, साथ ही सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ताकि महिला यात्रियों को गंदे शौचालय में जाना न पड़े।

-जय प्रकाश राय, समाजसेवी सह दैनिक यात्री

यात्री सुविधा में बढ़ोतरी की जाए। पेयजल, शेड, शौचालय की व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए। साथ ही प्लेटफॉर्म की सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए। साथ ही लिफ्ट की सुविधा सभी प्लेटफॉर्म पर मिलनी चाहिए। ताकि यात्री सुविधा में वृद्धि हो सके ।

-इंद्रजीत यादव

मनिहारी गंगा स्नान के लिए हजारों यात्री कटिहार से यात्रा करते हैं। एक धार्मिक और पर्यटक स्थल भी है। ऐसे में कटिहार टर्मिनल को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन का दर्जा मिलना चाहिए।

-जय प्रकाश यादव

रेलवे स्टेशन पर चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। सफाई की बेहतर व्यवस्था नहीं है। स्वच्छता की बात कही जाती है। स्वच्छता पखवाड़ा भी चलाया जाता है। लेकिन सफाई को लेकर रेलवे के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है।

-प्रकाश चौधरी

कटिहार रेलवे जंक्शन एवं स्टेशन होने के बाद भी मनिहारी टर्मिनल स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर कमी है यहां यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं है यात्री को जमीन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है।

-मो. राजू

टर्मिनल स्टेशन पर सबसे ज्यादा परेशानी पेयजल की समस्या को लेकर है। गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या बनी रहती है। पेयजल की समस्या गर्मी के दिनों में विकराल हो जाती है। मजबूरन यात्री बोतल बंद पानी का उपयोग करते हैं।

-मो. अशरफ

समस्या की जानकारी रेलवे के वरीय अधिकारियों को भी दी जाती है। लेकिन, आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता है। अभी टर्मिनल पर रेलवे के द्वारा कार्य कराया गया जा रहा है। लेकिन ट्रेन का परिचालन नियमित हो रहा है। तत्काल यात्री शेड, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।

मुकेश ठाकुर

बोले जिम्मेदार

मनिहारी टर्मिनल के प्लेटफार्म को ऊंचा बनने का कार्य चल रहा है निर्धारित समय में कार्य पूरा होने की संभावना है इसके लिए जिम्मेदार विभाग के वरीय अभियंता नियमानुसार कम कर रहे हैं शीघ्र ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

-धीरज चन्द्र कलिता, सीनियर डीसीएम, कटिहार

बोले कटिहार फॉलोअप

सड़कों पर सुखाया जा रहा मक्का, नहीं थम रहे हादसे

कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। विगत 13 मई को ‘बोले कटिहार’ पेज पर सड़कों पर मक्का सुखाने से हो रही सड़क दुर्घटनाओं की प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बावजूद स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी किसान मजबूरीवश सड़कों पर मक्का सुखा रहे हैं। प्रशासन की चेतावनी और जागरूकता अभियान के बाद भी न तो दुर्घटनाएं रुकी हैं और न ही लोगों की जान पर खतरा कम हुआ है। पोठिया, प्राणपुर, कोढ़ा, बलरामपुर जैसे इलाकों से अब भी हादसों की खबरें आ रही हैं। बीते सप्ताह खोटा मोड़ पर मक्के से फिसलकर एक बाइक सवार की मौत हो गई, जबकि उसके पीछे बैठा किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन अस्पताल की दौड़ में हैं, और प्रशासन अब भी चेतावनी तक ही सीमित है। किसानों का कहना है कि पर्याप्त सुखाने स्थल अब भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। वहीं कृषि विभाग की ओर से जाल देने की योजना फाइलों में अटकी है। कटिहार जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि पंचायत स्तर पर सुखाने के सामुदायिक प्लेटफॉर्म बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है और प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। फिलहाल जरूरत इस बात की है कि प्रशासन सक्रिय रूप से विकल्प उपलब्ध कराए और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान तेज करे, ताकि मक्के के दानों से अब किसी की जिंदगी न फिसले।

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