जमुई : तंबाकू मुक्त भारत वर्तमान समय की मांग
जमुई । नगर प्रतिनिधि विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय के

जमुई । नगर प्रतिनिधि विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय के महाराजगंज स्थित स्थानीय व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभात कुमार भगत के विधिशाला सह संवाद कक्ष में तंबाकू मानव और समाज के लिए हानिकारक विषय पर एक परिचर्चा आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता अधिवक्ता प्रभाव कुमार भारत ने की। मौके पर उपस्थित मुख्य वक्ता और केकेएम कॉलेज के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ गौरी शंकर पासवान ने कहा कि तंबाकू मानव,समाज और अर्थव्यवस्था तीनों के लिए हानिकारक है। तंबाकू सेवन का सीधा असर अर्थ व्यवस्था पर भी पड़ता है। स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ता बोझ, कार्य उत्पादकता में गिरावट और श्रमिकों की असमय मृत्यु से देश की आर्थिक प्रगति बाधित होती है।
उन्होंने कहा कि तंबाकू मुक्त भारत बनाना वर्तमान समय की आवश्यकता और मांग है। तंबाकू निषेध स्वस्थ मानव एवं संपन्न भारत की पहली सीढ़ी है। तंबाकू का धुआं इंसान का स्वांस, जीवन और मुस्कान तीनों छीन लेता है। आदत बुरी हो वह अमृत भी जहर बन जाता है। तंबाकू मुक्त युवा स्वर्णिम भारत की आशा हैं। जनरल ऑफ़ एडिक्शन के रिपोर्ट के अनुसार एक सिगरेट पीने से पुरुषों की आयु 17 मिनट और महिलाओं की आयु 22 मिनट कम हो जाती है। कहते हैं कि हर सिगरेट मनुष्य की जिंदगी से कीमती मिनट चुरा लेती है। उन्होंने कहा कि तंबाकू उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हालांकि बिहार में तंबाकू उत्पादन पर प्रतिबंध है, जिसके कारण करीब 300 करोड़ प्रति वर्ष आर्थिक हानि होती है। तंबाकू मुक्त भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए आज सामग्र प्रयासों की आवश्यकता है। तंबाकू निषेध दिवस हमें तंबाकू के वास्तविक खतरे को समझने और इसके विरुद्ध ठोस कदम उठाने की प्रेरणा देता है। तंबाकू और निकोटिन, उद्योग रंगीन पैकेजिंग, मीठे फ्लेवर, भ्रामक स्वास्थ्य दावे के माध्यम से युवाओं को आकर्षित करते हैं। आज युवा नशा के जाल में फंस जाते हैं। कहते हैं कि नशे का संसार विनाश का द्वार है। इसीलिए नशा छोड़े अपने अध्यक्षीय प्रबोधन में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभात कुमार भगत ने कहा कि तंबाकू एक कानूनी प्वाइजन है जिसे बेचना अपराध है तो इसका सेवन आत्महत्या के जैसा है। सरकार को तंबाकू के हानिकारक तत्वों से युवा पीढ़ी को बताना चाहिए उनमें जागरूकता लाना चाहिए। सिर्फ कंपनी के चेतावनी से काम नहीं चलने वाला है। बल्कि सरकार और संस्थाओं को मिलकर देश और समाज को तंबाकू मुक्त बनाना जरूरी है। तंबाकू व्यापार को भी नियंत्रित करना चाहिए। कानून और नैतिकता दोनों साथ-साथ चले यही समय की मांग है। वरिष्ठित देवता रामचंद्र ने कहा कि तंबाकू मानव तन और मन का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसका सेवन न केवल व्यक्ति की सेहत का हनन करता है बल्कि परिवार और समाज को भी छन भिन्न कर देता है। एक सशक्त देश के लिए तंबाकू मुक्त युवा आवश्यक है। शिक्षक मंटू पासवान ने कहा कि सिर्फ व्यक्ति के लिए ही नहीं समाज के लिए भी खतरा है। स्कूल में बच्चों को तंबाकू निकोटीन जैसे खतरनाक रसायन के संबंध में बच्चों को जागरूक किया जाना चाहिए। तंबाकू मीठा जा रहे एक बार जो इस नशा जाल में फंसा उसे छूटना मुश्किल हो जाता है मौके पर उपस्थित डॉ निरंजन कुमार दुबे, प्रो संजीव कुमार सिंह, प्रो आनंद कुमार सिंह आदि ने तंबाकू को समाज के लिए अभिशाप बताया।
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