जिंदगी की जंग हार गई निर्भया, आरोपित का घर लोगों ने फूंका; राहुल गांधी बोले- चुप नहीं बैठेंगे
पीड़ित बच्ची की मौत से उग्र लोगों ने आरोपित के घर में आग लगा दी। राहुल गांधी ने कहा है कि महादलित बेटी को न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।

बिहार के मुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़िता बच्ची ने सात दिनों तक संघर्ष के बाद रविवार को पीएमसीएच में दम तोड़ दिया। मौत के बाद पटना से लेकर मुजफ्फरपुर तक दिनभर हंगामा होता रहा। पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाया गया। गांव में गम और गुस्से का माहौल है। पुलिस की मौजूदगी में बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है। इस बीच आक्रोशित लोगों ने आरोपी का घर फूंक दिया।
इस बीच मुजफ्फरपुर के ग्रामीण एसपी विद्यासागर ने केस में हत्या की धारा जोड़कर चार्जशीट दायर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि आरोपित पर स्पीडी ट्रायल चलाने की अनुशंसा की जाएगी। जेल में बंद आरोपित को केस का फैसला होने तक जमानत नहीं मिलेगी। साथ ही आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
गौरतलब है कि आरोपित मनियारी थाने के हरपुर बलड़ा निवासी रोहित सहनी (27) बीते 26 मई को बच्ची को मौसी के घर साइकिल से पहुंचाने के बहाने ले गया। रास्ते में उसे चॉकलेट व कुरकुरे भी खरीद कर दिया। इसके बाद घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर सुनसान चौर में ईंट-भट्ठा में दुष्कर्म किया और चाकू से गला रेत दिया। गंभीर स्थिति में बच्ची को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था। अचानक शनिवार सुबह 11:30 बजे परिजन उसे एसकेएमसीएच से रेफर कराकर पटना ले गए। आरोप है कि पीएमसीएच में उसे बेड तक नहीं मिला व रविवार की सुबह सवा आठ बजे उसकी मौत हो गई।
राहुल गांधी ने किया ट्वीट
मुजफ्फरपुर में दलित नाबालिग बेटी के साथ दरिंदगी और फिर इलाज़ में हुई लापरवाही बेहद शर्मनाक है।अगर समय पर इलाज़ मिला होता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। लेकिन डबल इंजन सरकार ने सुरक्षा तो दूर, जीवन रक्षा में भी घोर लापरवाही बरती। पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक हम चुप नहीं बैठेंगे। दोषियों और लापरवाह अफसरों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।
एक वर्ष की थी तब हो गई थी पिता की मौत
पीएमसीएच में स्त्री एवं प्रसूति विभाग के बाहर रोती बिलखती मां ने बताया कि बच्ची जब एक साल की थी तब उसके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही वह मजदूरी कर गुजर बसर कर रही थी। घटना के दिन पड़ोस के ही व्यक्ति ने उसे मौसी के घर ले जाने के बहाने ले गया। इसके बाद घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद भी मुजफ्फरपुर में उपचार को लेकर भागा-दौड़ी करनी पड़ी।
हालत बिगड़ी तो शाम में वेंटिलेटर पर रखी गई बच्ची
लापरवाही का आरोप लगनेपर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर आईएस ठाकुर ने बताया कि बच्ची के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई। पीएमसीएच पहुंची तो सबसे पहले उसे एंबुलेंस में ईएनटी के डॉक्टर ने उसकी जांच की। उसको पहले शिशु रोग विभाग में भेजा गया। वहां शिशु रोग के चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को देखते हुए आईसीयू में भर्ती करने की सलाह दी। दोपहर 3:15 बजे उसे आईसीयू में भर्ती करा दिया गया। उसके इलाज में गायनी, शिशु रोग, एनेस्थीसिया और ईएनटी विभाग के डॉक्टर लगे हुए थे। गंभीर हालत को देखते हुए शाम 6:15 बजे शाम को उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। रात में भी सीनियर डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी निगरानी में लगे थे। बहुत प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। उसके गला के पास कटा हुआ था, छाती में भी गहरी चोट थी। लगातार रक्तस्राव हो रहा था। अधीक्षक डॉक्टर आईएस ठाकुर ने बताया कि बच्ची एसकेएमसीएच में 26 मई को ही भर्ती हुई थी। वहां उसका इलाज चल रहा था, जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तब उसे शनिवार को पीएमसीएच में रेफर किया गया। इस स्थिति में डॉक्टरों की लाख कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका।
पटना डीएम ने कहा, शिकायत मिलने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी
मामले में पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि किसी ने सूचना दी थी। उस नंबर को डीपीएम को भेजे थे। उपाधीक्षक ने तत्काल बेड नहीं होने की बात स्वीकारी और बताया कि एंबुलेंस में ही उपचार शुरू कराया गया। स्वजनों से कोई शिकायत नहीं आई है, शिकायत मिलने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने की मांग
एआईडीएसओ के जिलाध्यक्ष शिव कुमार ने कहा कि घटना की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है। विश्वस्तरीय अस्पताल में भी बच्ची की जान नहीं बची। उन्होंने घटना की त्वरित जांच कर दोषी को कठोरतम सजा देने एवं पीड़ित परिवार को मुआवजा एवं महिलाओं व बच्चियों पर बढ़ते अपराध पर रोक लगाने की मांग की।
जायसवाल ने क्यों डिलीट किया पोस्ट
बिहार कांग्रेस ने कहा है कि घटना ने भाजपा का दलित प्रेम और चाल चरित्र उजागर कर दिया है। सोशल मीडिया एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जासवाल ने सोशल मीडिया पर घटना की निंदा की थी। इलाज में लापरवाही पर कार्रवाई की मांग की थी। बाद में उसे क्यों डिलीट कर दिया। कांग्रेस मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़ ने पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है।