आरा के तनिष्क ज्वेलर्स लूट में देश के सबसे बड़े गोल्डन थीफ का हाथ, कौन है गैंगस्टर सुबोध सिंह
- नालंदा निवासी सुबोध सिंह सोना लूट का देश का सबसे बड़ा मास्टर माइंड और गैंगस्टर बताया जाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके खिलाफ बिहार, ओड़िशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में मामले दर्ज हैं।सुबोध सिंह की ओर से प्रत्येक डकैती के लिए 3 टीमें बनती हैं।

आरा के चर्चित तनिष्क शोरूम लूटकांड में देश के सबसे बड़े गोल्डन थीफ कहे जाने वाले सुबोध सिंह का भी हाथ रहा है। रिमांड पर लिये गये वैशाली निवासी चंदन कुमार उर्फ प्रिंस से पूछताछ में पुलिस को इसके संकेत मिले हैं। चंदन उर्फ प्रिंस के अनुसार जेल में बंद सुबोध सिंह ने उसे लूट कांड के लिए अपराधियों को जुटाने का जिम्मा दिया था। इसके लिए उसे सुबोध सिंह की ओर से 30 लाख रुपये का पैकेज दिया गया था। इधर, रिमांड पर लिए गए चंदन कुमार उर्फ प्रिंस, शेरू सिंह सूरज मंडल और गौतम सहित आठों अपराधियों को बुधवार की शाम जेल भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार चंदन कुमार उर्फ प्रिंस ने बताया कि उसने सुबोध सिंह के कहने पर तनिष्क शोरूम लूट के लिए अपराधियों को हायर किया था। इसके लिए उसे सुबोध सिंह की ओर से 30 लाख का पैकेज दिया गया था।
हालांकि उसके अनुसार तनिष्क लूट कांड का मुख्य मास्टर माइंड अररिया निवासी चुनमुन झा था। चंदन कुमार उर्फ प्रिंस के अनुसार वह जेल में रहने के दौरान सुबोध सिंह से संपर्क में आया था। दस मार्च को लूट के बाद मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार सारण निवासी कुणाल कुमार और विशाल कुमार ने पूछताछ में वैशाली निवासी चंदन कुमार उर्फ प्रिंस के इशारे पर लूट की घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की थी।
दोनों ने बताया था कि बंगाल के जेल में बंद चंदन कुमार उर्फ प्रिंस के कहने पर दोनों लूट करने आये थे। अनुसंधान में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद चंदन कुमार उर्फ प्रिंस और शेरू का नाम आया था। एडीजी कुंदन कृष्णन के अनुसार दोनों ने जेल से भी लूट की साजिश रची थी। पुरुलिया जेल में दोनों के पास से कुछ डिवाइस मिले थे। इससे भी दोनों के लूट कांड में शामिल होने के सबूत मिले थे। इस आधार पर दोनों को केस में रिमांड किया गया था।
तनिष्क शोरूम से दस करोड़ से अधिक की लूटकांड का मास्टर माइंड माने जाने वाला चंदन कुमार उर्फ प्रिंस पढ़ाई में भी अव्वल रहा है। वह अपने को इंजीनियर बता रहा है। उसने बताया की पंजाब की यूनिवर्सिटी से बीटेक कर रखी है। साइबर तकनीकी का छह माह का कोर्स भी कर रहा था। उसी दौरान उसे एक झूठे मुकदमे में जेल भेज दिया गया। उसी दौरान उसकी सुबोध सिंह सहित कुछ अन्य अपराधियों से मुलाकात हुई और रुपये कमाने के लिए वह अपराध की दुनिया में आ गया। पूछताछ में उसने शेरू सिंह से अच्छे संबंध नहीं होने की बात कही है।
काफी सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम देता है सुबोध
नालंदा निवासी सुबोध सिंह सोना लूट का देश का सबसे बड़ा मास्टर माइंड और गैंगस्टर बताया जाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके खिलाफ बिहार, ओड़िशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में मामले दर्ज हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुबोध सिंह की ओर से प्रत्येक डकैती के लिए तीन टीमें गठित की जाती हैं। पहली टीम अपराध करती है, दूसरी लूट का माल ले जाती है, जबकि तीसरी टीम की ओर से सोना अन्य जगहों पर बेचा जाता है।
उसके द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि गिरोह का कोई भी सदस्य डकैती से पहले एक-दूसरे को न जानता हो और उन्हें सौंपे गए विशिष्ट कार्य के अलावा उन्हें कुछ भी पता न हो। उत्तराखंड के देहरादून में सोना लूट के बाद पुलिस की जांच में यह बात आयी थी। तब बताया गया था कि सुबोध सिंह के गिरोह द्वारा डकैती के लिए बिहार के वैशाली जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था । वहां से लुटेरों को कार्य आवंटित किए जाते थे। हथियार, नकदी, वाहन, कपड़े और सिम कार्ड से संबंधित जानकारी उनके साथ साझा की जाती थी।