रईस खान से लेकर चुन्नू तक, बिहार में 2000 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्लान
बिहार के DGP विनय कुमार ने कहा कि अपराधियों को हर हाल में कानून के दायरे में लाया जाएगा। चाहे उनकी गिरफ्तारी हो या फिर सजा दिलाने का मामला। इसके साथ ही उनकी आर्थिक गतिविधियों पर भी अंकुश लागाने का काम हो रहा है।

गिरफ्तारी और सजा दिलाने से साथ बिहार पुलिस ने अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की मुहिम छेड़ दी है। अपराध के जरिए संपत्ति बनाने वाले 2000 बदमाशों को अबतक चिह्नित किया गया है। कोर्ट में संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव सौंपने से पहले पुलिस कागजी कार्रवाई को अमलीजामा पहुंचाने में जुटी है। कई बदमाशों के खिलाफ प्रस्ताव सौंप दिया गया है। डीजीपी विनय कुमार के स्तर से इसकी निगरानी की जा रही है। अपराध जगत में बड़ा नाम कहे जानेवाले कई कुख्यात जल्द ही इसकी जद में आएंगे।
150 के खिलाफ कोर्ट में प्रस्ताव समर्पित
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक जिन 2000 बदमाशों को चिह्नित किया गया, उनमें 150 की अपराध से बनाई गई संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव कोर्ट में समर्पित कर दिया गया है। इनमें कई मामलों में कानूनी कार्रवाई चल रही है। पुलिस द्वारा समर्पित प्रस्ताव के आलोक में करीब डेढ़ दर्जन बदमाशों को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। वहीं जो बचे हैं उनके खिलाफ पुलिस प्रस्ताव तैयार कर रही है।
चुन्नू की संपत्ति जब्ती का आदेश, रईस को नोटिस
पुलिस के प्रयासों का नतीजा दिखने लगा है। मुजफ्फरपुर के कुख्यात चुन्नू ठाकुर की संपत्ति जब्त करने का आदेश कोर्ट ने जारी कर दिया है। मुजफ्फरपुर के डीएम ने भी संपत्ति जब्ती की कार्रवाई का आदेश निकाल दिया है। जल्द ही सीवान के कुख्यात रईस खान की संपत्ति भी जब्त हो सकती है। कई कांडों में आरोपित रईस खान के खिलाफ पुलिस द्वारा समर्पित प्रस्ताव पर कोर्ट ने उसे नोटिस जारी किया है। अब रईस को साबित करना होगा कि उसकी संपत्ति अपराध से अर्जित नहीं की गई है।
बिहार के DGP विनय कुमार ने कहा कि अपराधियों को हर हाल में कानून के दायरे में लाया जाएगा। चाहे उनकी गिरफ्तारी हो या फिर सजा दिलाने का मामला। इसके साथ ही उनकी आर्थिक गतिविधियों पर भी अंकुश लागाने का काम हो रहा है। अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त करने की दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
बीएनएसएस के तहत पुलिस को मिला अधिकार
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107 के तहत अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का अधिकार पुलिस को दिया गया है। इस कानून के तहत अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी (आईओ) द्वारा संबंधित अपराधी की संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव दिया जाता है। जिसकी संपत्ति जब्त की जानी है उसके संबंध में विस्तृत रिपोर्ट होती है। पुलिस को यह साबित करना होता है कि चल-अचल जो संपत्ति है, वह अपराध के जरिए अर्जित की गई है। कमाई को दूसरा कोई साधन उपलब्ध नहीं है।