Bihar to install battery power storage system inverters in 15 cities with power supply back up for four hours बिहार के 15 शहरों के बिजली घरों में पावरफुल बैटरी इन्वर्टर लगेंगे, चार घंटा संभाल लेगा सप्लाई, Bihar Hindi News - Hindustan
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बिहार के 15 शहरों के बिजली घरों में पावरफुल बैटरी इन्वर्टर लगेंगे, चार घंटा संभाल लेगा सप्लाई

जैसे आम लोगों के घरों में बिजली कटौती के समय पावर सप्लाई बनाए रखने के लिए बैटरी वाले इन्वर्टर होते हैं, उसी तरह पावरफुल बैटरी पावर स्टोरेज सिस्टम से बिहार के 15 शहरों में पावर कट की सूरत में चार घंटे तक बिजली आपूर्ति की जा सकेगी।

Ritesh Verma हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाWed, 18 June 2025 01:34 PM
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बिहार के 15 शहरों के बिजली घरों में पावरफुल बैटरी इन्वर्टर लगेंगे, चार घंटा संभाल लेगा सप्लाई

पावर कट की हालत में घर के इन्वर्टर की तरह बिहार के 15 बिजली घरों में चार घंटे तक बिजली आपूर्ति बरकरार रखने वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली लगाई जाएगी। 125 मेगावाट क्षमता के ये बैटरी सिस्टम 15 शहरों के सब ग्रिड स्टेशन में लगाए जाएंगे। पावर प्लांट या ग्रिड से बिजली की आपूर्ति बाधित होने की सूरत में पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के पास इन शहरों में कुछ समय तक लोगों को बिजली सप्लाई बरकरार रखने की क्षमता हासिल हो जाएगी। 125 मेगावाट के हिसाब से चार घंटे में लगभग 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार में 500 मेगावाट घंटे की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना को मंजूरी दी है। राज्य योजना के तहत वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना के अंतर्गत यह परियोजना संचालित होगी। केंद्र ने प्रति मेगावाट घंटा 27 लाख रुपए अथवा कुल लागत पूंजी का 30 फीसदी (जो कम हो) के हिसाब से कुल 135 करोड़ की बीजीएफ राशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत की है।

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कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार परियोजना के अंतर्गत 125 मेगावाट की बैटरियां स्थापित की जाएंगी, जिनकी चार घंटे की भंडारण क्षमता होगी। इससे कुल ऊर्जा भंडारण क्षमता 500 मेगावाट आवर सुनिश्चित होगी। परियोजना को बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड की ओर से पूरा किया जाएगा। प्रत्येक सब ग्रिड स्टेशन में 5 से 20 मेगावाट क्षमता तक की बैट्री स्थापित की जाएगी।

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कंपनी ने उन 15 ग्रिड सब-स्टेशनों का चयन भी कर लिया है, जहां ये सिस्टम लगेंगे। मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, भागलपुर (नया), सीतामढ़ी, फतुहा, मुशहरी, उदाकिशुनगंज, जमुई (नया), अस्थावां (नालंदा), जहानाबाद, रफीगंज, शिवहर, सीवान (नया), किशनगंज और बांका (नया) इसमें शामिल है। अब तक 6 ग्रिड सब-स्टेशनों के लिए निविदाकर्ता का चयन किया जा चुका है। शेष जगहों के लिए भी प्रक्रिया जारी है। देश की अग्रणी कंपनियों को टेंडर में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

पीक आवर में आपूर्ति सुनिश्चित होगी

कंपनी का मानना है कि इस परियोजना से न केवल 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि पीक आवर के दौरान मांग और आपूर्ति में अंतर पैदा होने पर संतुलन बनाने में भी सहायता मिलेगी। इसके माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतर उपयोग के साथ कम लागत पर बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।

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ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि परियोजना राज्य की ऊर्जा प्रणाली को अधिक लचीला, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर निरंतर आगे बढ़ रहा है। यादव ने कहा कि राज्य में तकनीकी नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देने में परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। परियोजना राज्य और केंद्र की दूरदर्शी सोच और नवीन ऊर्जा प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो ऊर्जा सुरक्षा, सतत विकास और उपभोक्ता हितों को सर्वोपरि मानती है।