सिलाव: नाला के गंदा पानी से घिरा आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों-सेविकाओं की मुश्किलें बढ़ीं
सिलाव: नाला के गंदा पानी से घिरा आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों-सेविकाओं की मुश्किलें बढ़ींसिलाव: नाला के गंदा पानी से घिरा आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों-सेविकाओं की मुश्किलें बढ़ींसिलाव: नाला के गंदा पानी से...

सिलाव: नाला के गंदा पानी से घिरा आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों-सेविकाओं की मुश्किलें बढ़ीं भूई गांव के महादलित टोला में बच्चे और सेविकाएं कीचड़ पार कर पढ़ने को मजबूर शौचालय, चापाकल खराब, टूटा फर्श: आंगनबाड़ी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव दो साल से जमा नाले का पानी, गंदगी में पढ़ाई करना बच्चों के लिए चुनौती फोटो: आँगनबाड़ी: सिलाव प्रखंड के भूई गांव के महादलित टोला में कचरे और नाले के पानी के बीच आंगनबाड़ी केंद्र। सिलाव, निज संवाददाता। प्रखंड के भूई गांव के वार्ड संख्या तीन में महादलित टोला का आंगनबाड़ी केंद्र नाले के गंदे पानी और कचरे के बीच चल रहा है। छोटे-छोटे बच्चे, सेविका और सहायिका को कीचड़ और गंदे पानी से होकर केंद्र तक जाना पड़ता है। केंद्र में साफ पानी, शौचालय और बैठने के लिए ठीक फर्श जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। ग्रामीण रामबली पासवान, राधा देवी, शत्रुध्न पासवान और वार्ड सदस्य तारावती देवी ने बताया कि पिछले दो साल से नाले का गंदा पानी केंद्र के पास जमा है। निकासी की व्यवस्था न होने से पानी रुका रहता है। केंद्र में एक शौचालय और किचन है, लेकिन दोनों में नाले का पानी भरा रहता है। चापाकल भी बनने के कुछ दिनों बाद से खराब है। केंद्र का टूटा फर्श और गंदगी ऐसी है कि कोई 10 मिनट भी बिना नाक ढके नहीं रह सकता, फिर भी बच्चे यहीं पढ़ने को मजबूर हैं। पढ़ाई के बाद बच्चे घर पहुंचते हैं तो माता-पिता उन्हें बाहर नहलाकर ही अंदर ले जाते हैं। पिछले एक साल से केंद्र में स्थायी सेविका भी नहीं है। सेविका गायत्री देवी की कैंसर से मृत्यु के बाद वार्ड संख्या पाँच की सेविका सुबी बानो अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रही हैं। सुबी बानो और सहायिका अनूपा कुमारी ने कहा कि वे बेहद मुश्किल हालात में काम कर रही हैं। उन्होंने कई बार मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति को समस्या बताई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हैरानी की बात यह है कि यह केंद्र मुख्य सड़क पर है। जहां से बीडीओ, सीओ, डीएम, डीडीसी और मुखिया रोज गुजरते हैं। लेकिन, किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया। वार्ड सदस्य तारावती देवी ने बताया कि उन्होंने ग्राम सभा और कार्यकारिणी की बैठकों में कई बार यह मुद्दा उठाया, पर मुखिया और पंचायत सेवक ने कोई कदम नहीं उठाया। राजगीर सीडीपीओ रोहित कुमार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। लेकिन, वे जांच कर जल्द समस्या का समाधान करेंगे। वहीं पंचायत के मुखिया सुनिल कुमार ने बताया कि 5 लाख रुपये की लागत से केंद्र की मरम्मत और नाले का निर्माण कर समस्या दूर की जाएगी।
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