Eid-ul-Azha Celebrated with Faith and Respect Bustling Markets in Bihar Sharif अकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीद, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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अकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीद

अकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीदअकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीदअकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीदअकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीदअकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 6 June 2025 10:27 PM
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अकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीद

अकीदत और एहतराम के साथ आज मनाई जाएगी बकरीद लच्छा, सेवाई, खाजा और नान रोटी की दुकानों पर खरीदारों की उमड़ी भीड़ बकरा हाट में रही रौनक, आते रहे खरीदार फोटो : बकरीद 01 : बिहारशरीफ का बड़ी दरगाह। बकरीद 02 : बकरीद को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन के फ्लैग मार्च में शामिल अधिकारी। बिहारशरीफ, एक संवाददाता। इस्लाम धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में शामिल ईद-उल-अजहा (बकरीद) शनिवार को जिलेभर में अकीदत और एहतराम के साथ मनाई जाएगी। कुर्बानी के इस पवित्र पर्व को लेकर शुक्रवार शाम तक बाजारों में जबरदस्त रौनक दिखी। खासकर बकरा हाटों में दिनभर गहमागहमी बनी रही।

बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं में भी त्योहार को लेकर खासा उत्साह नजर आया। लच्छा, सेवाई, खाजा और नान रोटी की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही। नमाज अदा करने के लिए जिले के विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में समय तय कर दिया गया है। त्योहार को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। मस्जिदों और ईदगाहों में मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है। इस बीच विभिन्न मस्जिदों के इमामों ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे आपसी भाईचारे के साथ त्योहार मनाएं तथा कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष को आसपास ही उचित ढंग से मिट्टी में दबाकर सफाई का विशेष ध्यान रखें। बकरीद का महत्व : ईद-उल-अजहा, जिसे आम बोलचाल में बकरीद कहा जाता है, त्याग, समर्पण और अल्लाह के प्रति पूर्ण आस्था का प्रतीक पर्व है। इसकी शुरुआत हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की कुर्बानी की याद में हुई। इमारत-ए-शरिया बिहार, झारखंड के काजी मौलाना मंसूर आलम कासमी ने बताया कि अल्लाह ने हजरत इब्राहीम से उनकी सबसे प्रिय वस्तु की कुर्बानी देने को कहा। हजरत इब्राहीम ने अपने बेटे हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम को कुर्बान करने का निश्चय किया। उनकी सच्ची नीयत को देखकर अल्लाह ने एक दुम्बा (बकरा) भेजा और हजरत इस्माईल के स्थान पर उसकी कुर्बानी कराई। तभी से इस दिन को सुन्नत-ए-इब्राहीमी के तौर पर पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय त्याग और बलिदान के प्रतीक पर्व के रूप में मनाता है। यह पर्व हमें निस्वार्थ सेवा, भाईचारे और मानवता के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है। नमाज के समय की सूची जारी : ईद की नमाज को लेकर समय निर्धारित कर दिया गया है। शहर और ग्रामीण इलाकों की मस्जिदों और ईदगाहों में निम्नलिखित समय पर ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की जाएगी। कहां - कब पुलपर जामा मस्जिद, दायरा मस्जिद, कोलहुआ मस्जिद, पहाड़ी पर मस्जिद, करियन्ना मस्जिद, कागजी मोहल्ला ईदगाह, अस्थावां ईदगाह, देशना : सुबह 7.00 बजे कमरुद्दीनगंज मस्जिद : सुबह 5.30 बजे फरीदी मस्जिद, मस्जिद-ए-उम्र : सुबह 6.00 बजे गढ़पर छोटी मस्जिद : सुबह 6.15 बजे गढ़पर ईदगाह, बैगनाबाद बड़ी मस्जिद, बनौलिया ईदगाह, कड़ाह ईदगाह, ईमादपुर मस्जिद, बेन मस्जिद, तकिया पर मस्जिद, चांदपुरा मस्जिद, पेढूका मस्जिद, देवकली मस्जिद, माफी मस्जिद, नोखू मियां की मस्जिद, शेखाना छोटी मस्जिद, चिश्तिपुर मस्जिद : सुबह 6.30 बजे गगनदीवान, मोहनी, छोटी शेखाना मस्जिद, शेखाना बड़ी मस्जिद : सुबह 6.45 बजे जाना मस्जिद : सुबह 7.15 बजे बुखारी मस्जिद, बेलछीशरीफ मस्जिद : सुबह 7.30 बजे

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