Nalanda Teachers Honored at 13th National Council Meet in Siliguri नालंदा के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में किया गया सम्मानित, Biharsharif Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBiharsharif NewsNalanda Teachers Honored at 13th National Council Meet in Siliguri

नालंदा के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में किया गया सम्मानित

नालंदा के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में किया गया सम्मानितनालंदा के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में किया गया सम्मानितनालंदा के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में किया गया सम्मानित

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSun, 15 June 2025 09:42 PM
share Share
Follow Us on
नालंदा के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में किया गया सम्मानित

नालंदा के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में किया गया सम्मानित 13वें नेशनल कॉन्सिल मीट में शिक्षक हुए शामिल प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन करवा रहा मीट बुनियादी जीवन कौशल पर मीट में होगी चर्चा दिया जाएगा प्रशिक्षण फोटो : टीचर 01 : पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के 13वें नेशनल कॉन्सिल मीट में सम्मानित होने वाले नालंदा के शिक्षक व अन्य। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। नालंदा जिला के 12 शिक्षकों को सिलीगुड़ी में रविवार को सम्मानित किया गया। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के 13वें नेशनल कॉन्सिल मीट में ये शिक्षक शामिल हुए हैं।

इसमें ‘बुनियादी जीवन कौशल विषय पर चर्चा होगी, साथ ही बच्चों को उनके जीवन में कौशल बनाने को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्य अतिथि आईजी विकास वैभव, कटिहार के सांसद तारिक अनवर और संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. श्मायल अहमद के अलाव कई गणमान्यों ने इसमें शिरकत किया। यह आयोजन 14 से 16 जून 2025 तक चलेगा। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों में कौशल बढ़ाना है। इसमें नालंदा जिला के शिक्षाविद् डॉ. संजय कुमार, उमेश प्रसाद, अजय कुमार, राजीव रंजन, संजय कुमार प्रभाकर, रंजीत कुमार, विश्वनाथ प्रताप सिंह, लाल बहादुर शास्त्री, कांति कुमारी, जयंती कुमारी सिन्हा और राज गौरव को सम्मानित किया गया। डॉ. संजय कुमार व अन्य शिक्षकों ने कहा कि आज के समय में बच्चों पर पढ़ाई व उसकी सफलता को लेकर एक अलग तरह का दबाव रहता है। इससे वे तनाव में आते हैं। ऐसे में कई बार बच्चे गलत फैसला ले लेते हैं। ऐसे में उन्हें पहले से ही इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना होगा। इसके लिए बेसिक लाइफ स्किल यानि बुनियादी जीवन कौशल को बढ़ाना होगा। इसके लिए सामाजिक और भावनात्मक विकास, भाषाई कौशल, शारीरिक शिक्षा व अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा। बच्चों के साथ एक शिक्षक की तरह नहीं उसके हितैषी की तरह दोस्त की तरह ख्याल रखें। उनकी प्रतिभा को समझें। उसके अनुसार ही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इन बातों को माता पिता के साथ अभिभावकों को भी समझनी चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।