Physics Workshop at SU College Understanding Renewable Energy and Its Importance रिवाइज : भौतिकी प्रयोगशाला सिद्धांतों को समझने का बेहतरीन मंच: प्रो. राजमणि सिन्हा, Biharsharif Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBiharsharif NewsPhysics Workshop at SU College Understanding Renewable Energy and Its Importance

रिवाइज : भौतिकी प्रयोगशाला सिद्धांतों को समझने का बेहतरीन मंच: प्रो. राजमणि सिन्हा

भौतिकी प्रयोगशाला सिद्धांतों को समझने का बेहतरीन मंच: प्रो. राजमणि सिन्हाभौतिकी प्रयोगशाला सिद्धांतों को समझने का बेहतरीन मंच: प्रो. राजमणि सिन्हाभौतिकी प्रयोगशाला सिद्धांतों को समझने का बेहतरीन मंच:...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 24 May 2025 10:07 PM
share Share
Follow Us on
रिवाइज : भौतिकी प्रयोगशाला सिद्धांतों को समझने का बेहतरीन मंच: प्रो. राजमणि सिन्हा

भौतिकी प्रयोगशाला सिद्धांतों को समझने का बेहतरीन मंच: प्रो. राजमणि सिन्हा एसयू कॉलेज हिलसा में अक्षय ऊर्जा पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न पवन, जल और सौर ऊर्जा को बताया भविष्य के लिए उपयोगी छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट देकर किया गया पुरस्कृत फोटो: हिलसा कॉलेज: हिलसा के एसयू कॉलेज में राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र में दीप प्रज्वलन और विज्ञान स्टॉल का अवलोकन करते प्रो. राजमणि प्रसाद सिन्हा, प्राचार्य डॉ. गजेंद्र प्रसाद गदकर और अन्य। हिलसा, निज प्रतिनिधि। एस यू कॉलेज, हिलसा के भौतिकी शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित 'अक्षय और सतत ऊर्जा द्वारा पर्यावरणीय उपचार' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शनिवार को समापन हो गया।

इसमें छात्रों को अक्षय ऊर्जा के महत्व और भौतिकी के सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप से समझने का अवसर मिला। समापन सत्र में पटना विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन प्रो. राजमणि प्रसाद सिन्हा और कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गजेंद्र प्रसाद गदकर मौजूद रहे। प्रो. राजमणि सिन्हा ने छात्रों की प्रतिभा को सराहा और बताया कि सूर्य के केंद्र में नाभिकीय संलयन से हाइड्रोजन परमाणु हीलियम में बदलते हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। उन्होंने कहा कि भौतिकी विभाग की प्रयोगशाला छात्रों को सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझने और लागू करने का अनुभव देती है। प्राचार्य डॉ. गजेंद्र प्रसाद गदकर ने बताया कि सूर्य के केंद्र में उच्च तापमान और दबाव के कारण हाइड्रोजन परमाणु हीलियम में बदलते हैं। भौतिकी के प्राध्यापक डॉ. सम्राट सरकार, डॉ. अनिता सागर और अन्य विषय विशेषज्ञों ने भविष्य के लिए पवन ऊर्जा, हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा और सौर ऊर्जा को बहुत उपयोगी बताया। उन्होंने जानकारी दी कि सूर्य के केंद्र में हर सेकंड में लगभग 620 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन का निर्माण होता है। कार्यशाला के अंतिम सत्र में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मौके पर प्रो. पूर्णेन्दु शंकर, डॉ. पिंकी कुमारी, डॉ. घनश्याम कुमार, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. हरजीत कुमार, डॉ. भुवनेश्वर प्रसाद मंडल, डॉ. रविंद्र साह, डॉ. शिवप्रसाद ठाकुर, प्रो. राजमणि, डॉ. राजीव नयन सिंह, रोनित रॉय, कुमार पवन, आलोक कुमार सिंह, जलेंद्र कुमार, शैलेश कुमार, सुभद्रा सिन्हा, मधुसूदन कुमार, राजा कुमार, मुनील कुमार, गुड्डू कुमार, वीरेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, नवीन कुमार, सनोज मालाकार, मो. वसीम सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।