अनदेखी : बिजली के पेच में 96 नये नलकूपों को चालू करने की प्रक्रिया अटकी
अनदेखी : बिजली के पेच में 96 नये नलकूपों को चालू करने की प्रक्रिया अटकीअनदेखी : बिजली के पेच में 96 नये नलकूपों को चालू करने की प्रक्रिया अटकीअनदेखी : बिजली के पेच में 96 नये नलकूपों को चालू करने की...

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : अनदेखी : बिजली के पेच में 96 नये नलकूपों को चालू करने की प्रक्रिया अटकी पिछले साल विभाग से किया गया था पत्राचार, अबतक नहीं मिली डीपीआर रिपोर्ट बोरिंग हो चुकी है, पम्प हाउस बन चुके हैं पर बिन बिजली खेतों की सिंचाई पर संकट भू-जलस्तर में गिरावट के कारण निजी नलकूप पानी उगल रहे हैं कम फोटो नलकूप : बड़ीमठ में स्थापित राजकीय नलकूप। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। नदियां सूखी हैं। बढ़ती गर्मी के बीच आहर, तालाब और नहरों के पानी तेजी से खत्म हो रहे हैं। गिरते भू-जलस्तर के कारण बोरिंगे फेल रही हैं। 25 मई से रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत के साथ खारिफ का सीजन शुरू हो जाएगा।
लम्बी अवधि के बिचड़े तैयार करने में किसान जुट जाएंगे। सिंचाई की समस्या विकराल है। जिले में महज 197 राजकीय नलकूप चालू हैं। यांत्रिक दोष के कारण 62 बेकार पड़े हैं। हद तो यह कि 96 नये नलकूप विभिन्न पंचायतों में गाड़े गये हैं। विडंबना यह कि बिजली नहीं पहुंचने के कारण इसे अबतक चालू नहीं किया गया है। मानसून दगा दिया तो खामियाजा अन्नदाता भुगतेंगे। लघु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नये नलकूपों तक बिजली पहुंचाने के लिए बिजली विभाग के विभिन्न डिविजनों के कार्यपालक अभियंताओं से छह माह पहले ही डीपीआर बनाकर रिपोर्ट मांगी गयी है। इस संबंध में पत्राचार भी किया गया था। लेकिन, अबतक किसी भी डिविजन से डीपीआर बनाकर रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है। उलझन यह कि जबतक डीपीआर की रिपोर्ट नहीं मिलती है, तबतक वरीय अधिकारियों से नये नलकूपों तक बिजली पहुंचाने के लिए राशि का आवंटन मांगने में परेशान आ रही है। अमूमन प्रत्येक नलकूप की स्थापना पर 10 से 12 लाख खर्च किये गये हैं। चयनित पंचायतों के मुखिया के स्तर से काम कराया गया है। बोरिंग करा दी गयी है। पम्प हाउस बना दिये गये हैं। मोटर भी खरीद लिये गये हैं। परंतु, बिजली के अभाव में सारे नये नलकूप शोपिस बने हुए हैं। तो 1840 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होती आसान: औसतन एक नलकूप से 20 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई सहजता से होती है। 92 नये नलकूपों तक बिजली पहुंचा दी जाती है और इसे चालू कर दिया जाता है तो करीब 1840 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई करने में सहूलियत मिलती। यांत्रिक दोष की वजह से बेकार पड़े 62 नलकूपों के चालू होने पर किसानों को बड़ी राहत मिलती। सच्चाई यह भी कि छोटी-छोटी तकनीकी गड़बड़ियों को दूर करने में मुखिया रुचि नहीं लेते हैं। नयी व्यवस्था के तहत राजकीय नलकूपों की देखरेख करने की जवाबदेही पंचायतों को दे दी गयी है। विभाग सिर्फ मॉनिटरिंग करता है। निजी नलकूपों पर आश्रित किसान, पानी दे रहा कम: राजकीय नलकूपों के खराब रहने और नये के चालू न होने के कारण किसान पूरी तरह से निजी नलकूपों पर आश्रित हैं। हालांकि, बढ़ती गर्मी और गिरते भू-जलस्तर के कारण सबमर्सिबल मोटर पानी कम दे रहा है। सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, जगदीश प्रसाद व अन्य कहते हैं कि अभी खेतों में मक्के की फसल लगी है। पहले एक घंटा मोटर चलाने पर ढाई कट्टे खेत की सिंचाई हो जाती थी। जलस्तर में गिरावट होने के कारण अब एक घंटा में मुश्किल से डेढ़ खट्ठा खेत का पटवन हो पाता है। क्या कहते हैं अधिकारी 92 स्थानों पर नये नलकूप लगा दिये गये हैं। बिजली विभाग से डीपीआर बनाकर रिपोर्ट मांगी गयी थी। अबतक नहीं मिली है। इस वजह से नये स्थापित नलकूपों तक बिजली पहुंचाने में परेशानी आ रही है। दोबारा विभाग को डीपीआर रिपोर्ट देने के लिए पत्राचार जल्द किया जाएगा उमाशंकर कुमार, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, लघु जल संसाधन विभाग बॉक्स : 25 मई से लम्बी अवधि की नर्सरी तैयार करेंगे किसान बिहारशरीफ। 25 मई से रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत हो रही है। लम्बी अवधि के धान के बिचड़े तैयार करने का यह सबसे अनुकूल समय मना गया है। जिले के कई प्रगतिशील किसान रोहिणी नक्षत्र में नर्सरी तैयार करने के लिए खेतों में धान के बीच डालेंगे। इसकी तैयारी में किसान अभी से ही जुट गये हैं। किसानों का कहना है कि धान की अगात खेती करने पर रबी की खेती में भी सहूलियत होती है।
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