आरटीई : निजी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की जांच शुरू
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : आरटीई : निजी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की जांच शुरू जिले के 167 निजी विद्यालयों की होनी है जांच, 35 फीसदी जांच पूरी डीएम ने जिलास्तरीय अधिकारियों को सौंपी है जांच करने की जिम्मेवारी निजी विद्यालय को प्रतिपूर्ति राशि की दावा के विरुद्ध चल रही है जांच फोटो : स्कूल 01 : बिहारशरीफ में एक स्कूल में पढ़ाई करते विद्यार्थी। (फाइल फोटो) बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले में 167 निजी विद्यालयों में अलाभकारी समूह के बच्चों के नामांकन की जांच होनी है। विद्यालयों द्वारा आरटीई के तहत नामांकित छात्रों को नि:शुल्क पढ़ाई के साथ निशुल्क पाठ्यपुस्तक व पोशाक उपलब्ध करायी गयी है या नहीं इसकी जांच की जा रही है।
बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर इसकी जांच की जा रही है। पूर्व डीएम शशांक शुभंकर ने फरवरी में ही 23 जिलास्तरीय अधिकारियों की टीम गठित कर जांच कराने का आदेश दिया था। वित्तीय वर्ष 2019-20 से लगातार 2023-24 में दी जाने वाली प्रतिपूर्ति राशि के भुगतान के दावे की जांच की जानी है। डीईओ ने बताया कि 35 फीसदी स्कूलों की जांच करा ली गयी है। अन्य स्कूलों की तेज गति से जांच करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों की जांच पूरी कर ली गयी है। जिलास्तरीय समिति को रिपोर्ट भेज दी गयी है। जिलास्तरीय गठित समिति ही जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रतिपूर्ति राशि भुगतान कराने का निर्णय लेगी। बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं : विभागीय प्रावधान के अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में 25 फीसदी कमजोर वर्ग व अलाभकारी समूह के बच्चों का नामांकन का प्रावधान है। नामांकित बच्चों को विद्यालयों द्वारा शुल्क, पोषाक, व पाठ्यपुस्तक की राशि की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। ज्ञानदीप पोर्टल पर बच्चों की पढ़ाई शुल्क, पोषाक व पाठ्यपुस्तक मद की राशि की इंट्री के आधार पर प्रतिपूर्ति राशि की भुगतान किया जाना है। विद्यालयों को इस शर्त पर राशि देने का प्रावधान किया गया है कि उनके द्वारा आरटीई के तहत नामांकित छात्रों से ट्युशन शुल्क नहीं लिया गया है। उन्हें नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक व पोशाक उपलब्ध कराया गया है। जिलास्तरीय टीम लेगी निर्णय : डीईओ ने बताया कि प्रतिपूर्ति राशि निर्धारित करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गयी है। डीडीसी, डीईओ व जिला लेखा पदाधिकारी को सदस्य तो समग्र शिक्षा डीपीओ को सदस्य सचिव नामित किया गया है। गठित समिति द्वारा निजी विद्यालयों द्वारा ज्ञानदीप पोर्टल पर अंकित सूचनाओं के आधार पर विद्यालय के दावा की जांच जिलास्तरीयपदाधिकारी द्वारा करायी जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर समिति विचार करेगी। सत्रवार प्रत्येक विद्यालय के लिए प्रति वर्ग प्रति छात्र अनुमान्य प्रतिपूति राशि की अनुशंसा करेगी। प्रतिपूर्ति राशि : शैक्षणिक सत्र - प्रति बच्चा की राशि 2019-20 : 11,490 2020-21 : 10,930 2021-22 : 11,490 2022-23 : 11,490 2023-24 : 11,490 बॉक्स : संघ में नाराजगी : भारतीय स्वतंत्र शिक्षण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत मानस ने बताया कि विद्यालयों की जांच प्रक्रिया तेज गति से करायी जानी चाहिए। ताकि, निजी विद्यालयों को प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान शीघ्र किया जा सके। लेकिन, तीन माह में भी जांच प्रक्रिया पूरी नहीं होने से संबंधित निजी विद्यालयों में नाराजगी है। उन्होंने समय पर ही बच्चों को नामांकन प्रक्रिया शुरू कराने व समय पर ही प्रतिपूर्ति राशि भुगतान कराने की मांग की है।
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