बिहार में बर्ड फ्लू की जांच के लिए अब तक क्यों नहीं बना लैब, 6 साल से बन रहा प्लान
- बिहार के बाहर की लैब में सैंपल जांच के लिए भेजने और जांच रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से अधिक समय लग जाता है। इस दौरान बीमारी बढ़ती जाती है और काफी नुकसान हो जाता है। इधर, विभागीय अधिकारी के अनुसार लैब स्थापित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है।

बिहार में बर्ड फ्लू जांच के लिए एक भी लैब नहीं है। लैब के लिए पिछले 6 वर्षों से योजना ही बन रही है। लेकिन अब तक राज्य में बर्ड फ्लू जांच लैब नहीं खुल सकी है। पशु व मत्स्य संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान परिसर में लैब बनाने के लिए 14 करोड़ 92 लाख की राशि का भी प्रावधान कर दिया है। इसके बाद भी अब तक लैब स्थापित करने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
राज्य में प्राय हर साल बर्ड फ्लू के केस मिलते हैं। अभी बर्ड फ्लू की पुष्टि कराने के लिए सैंपल जांचने के लिए क्षेत्रीय रोग अनुसंधान लैब (आरडीडीएल) कोलकाता और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएसएचएडी) भोपाल भेजा जाता है। बिहार के बाहर की लैब में सैंपल जांच के लिए भेजने और जांच रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से अधिक समय लग जाता है। इस दौरान बीमारी बढ़ती जाती है और काफी नुकसान हो जाता है। इधर, विभागीय अधिकारी के अनुसार लैब स्थापित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है। पिछले दिनों एनडीडीबी (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) की टीम भी इसके लिए आयी थी।
पशु व मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा प्रावधान की गई राशि से पशु स्वास्थ्य व उत्पादन संस्थान परिसर में बर्ड फ्लू जांच लैब के साथ ही पशुओं में सामान्य बीमारियों की जांच के लिए लैब स्थापित की जानी है। इसके साथ ही पशु चारे में पोषक तत्व जांच करने और पशु-पक्षियों में आवश्यक पोषक संबंधी जांच के लिए भी लैब बनाया जाना है। तकनीशियन को प्रशिक्षण दिलाने के लिए भी यहां प्रशिक्षण हॉल भी स्थापित करना है।
चार साल पहले लैब स्थापित करने का केंद्र को भेजा था प्रस्ताव
आने वाले समय में लैब स्थापित करने के लिए निविदा ली जाएगी। निविदा के आधार पर किसी एजेंसी को लैब स्थापित करने का जिम्मा दिया जाएगा। चार साल पहले बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में बर्ड फ्लू जांच लैब स्थापित कराने के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भी भेजा गया था। लैब खोलने संबंधी केंद्र से सहमति नहीं मिलने पर राज्य सरकार ने खुद लैब स्थापित कराने का निर्णय लिया था।
लैब होने से ये सुविधाएं होंगी
- बर्ड फ्लू और अन्य बीमारियों की जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मिलेगी
- पशु-पक्षियों से संबंधित बीमारी नियंत्रण में मदद होगी
- पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचाने में भी मदद मिलेगी