स्थायी लोक अदालत से जनपयोगी विवादों का होगा समाधान
बक्सर में स्थायी लोक अदालत का उद्देश्य जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवादों का सुलह करना है। यह अदालत मामलों का निपटारा करने के लिए एक बेहतर मंच है और आम अदालतों से अलग पूर्व-मुकदमेबाजी तंत्र के रूप...

बेहतर मंच केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य सेवाएं भी शामिल स्थायी लोक अदालत के पास मामले के निपटारे का अधिकार है बक्सर, विधि संवाददाता। स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी विवादों के निपटारे के लिए बेहतर मंच है। मामला अदालत में दायर करने से पहले ही समाधान ढूंढने का प्रयास किया जाता है। यदि समझौता नहीं हो पाता है, तब भी स्थायी लोक अदालत के पास मामले के निपटारे का अधिकार होता है, बशर्ते मामला आपराधिक प्रकृति का न हो। स्थायी लोक अदालत में प्रवीण कुमार सिंह श्रीनेत, अध्यक्ष, माधव राय और सुनील कुमार सिन्हा सदस्य के रूप में जुड़े हैं।
अवर न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव नेहा दयाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुये कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22-बी के तहत बक्सर में स्थायी लोक अदालत की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवादों का सुलह करना है। स्थायी लोक अदालत ऐसी संस्था है, जो जनता को बिजली, पानी, सड़क, परिवहन, डाक, टेलीफोन, अस्पताल, बीमा जैसी जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवादों के निपटारे का मंच प्रदान करती है। इसमें केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य सेवाएं भी शामिल हो सकती हैं। इस अदालत की कार्यप्रणाली आम अदालतों से अलग है। यह पूर्व-मुकदमेबाजी तंत्र के रूप में काम करती है। यानि मामला अदालत में दायर करने से पहले ही इसका समाधान ढूंढने का प्रयास किया जाता है। यहां की कार्यवाही लचीली होती है। विवाद की प्रकृति, मौखिक बयान और पक्षकारों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए अदालत उचित प्रक्रिया अपनाती है। स्थायी लोक अदालत की स्थापना से लोगों को न्याय के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। इससे समय की बचत के साथ ही अदालतों पर मुकदमों का बोझ भी कम होगा।
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