1857 क्रांति में शहीद चहलारी नरेश याद किए गए
Bahraich News - बहराइच,संवाददाता। देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857-58 में शहीद चहलारी नरेश बलभद्र सिंह

बहराइच,संवाददाता। देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857-58 में शहीद चहलारी नरेश बलभद्र सिंह का 167 वां शहादत दिवस शुक्रवार को मनाया गया। अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन जिला इकाई बहराइच/श्रावस्ती के पदाधिकारियों ने अमर शहीद महाराजा बलभद्र सिंह के युद्ध कौशल और अटूट राष्ट्र भक्ति की सराहना की। महामंत्री रमेश कुमार मिश्र ने कहा कि चहलारी नरेश बलभद्र सिंह जी में बाल्यकाल से ही देशभक्ति कूट-कूट कर भरी थी। जब बेगम हजरत महल ने बाराबंकी के महादेवा में राम चबूतरे पर अंग्रेजी सेना से संग्राम हेतु अवध के राजे रजवाड़ों का आवाहन किया तो किसी रजवाड़े की हिम्मत नहीं हुई कि सोने से जड़ित तलवार उठा कर पान का बीड़ा चबाए।
इसी बीच अट्ठारह वर्षीय तरुण सेनानी बलभद्र सिंह ने तलवार उठा कर पान का बीड़ा चबाया और अंग्रेजों की सेना से युद्ध करने को तैयार हुआ। अनिल त्रिपाठी ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे जनपद में एक महावीर पैदा हुआ। वीर तो बहुत होते हैं जो परिस्थितियों के विपरीत होते ही संघर्ष से विमुख हो जाते हैं किन्तु महावीर वह होता है जो किसी भी बात का विचार किए बगैर अपनी अंतिम सांस तक समर करता है। चहलारी नरेश बलभद्र सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावपूर्ण पुष्पांजलि अर्पित की। अखिलेश प्रताप सिंह, संगठन के महामंत्री राजू मिश्र उर्फ मुन्ना भैया, गौतम अग्रवाल मौजूद रहे।
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