तम्बाकू का सेवन यानी कैंसर रोग को निमंत्रण
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर डॉक्टरों ने तंबाकू छोड़ने की सलाह दी। तंबाकू सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ता है और हर साल 70 लाख लोग इसकी वजह से मरते हैं। भारत में तंबाकू सेवन के कारण हर घंटे 154 से ज्यादा लोग...

सलाह तंबाकू सेवन से हर साल 70 लाख लोगों की होती है मौत सरकार का राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कानून हुआ है बेअसर बक्सर। विश्व तबाकू निषेध दिवस पर डाक्टरों ने तम्बाकू छोड़ स्वस्थ रहने की सलाह दी। क्योंकि तम्बाकू से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, तम्बाकू सेवन से मुंह, जीभ, मसूड़े, पेट, ग्रासनली (गला) और मूत्राशय प्रभावित होते है। विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) ने 1987 में तम्बाकू सेवन से होनेवाली बीमारियों और मौतों पर लगाम लगाने के लिए दिवस की शुरुआत की थी। तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ प्रभावों के चलते दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।
शहर के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉक्टर राजेश मिश्रा ने बताया कि वाहिका संकीर्णन प्रभाव के माध्यम से निकोटिन रक्तचाप को बढ़ाता है। जिससे धूम्रपान नहीं करनेवालों की तुलना में उपयोगकर्ताओं को दिल का दौरा पड़ने का जोखिम पांच गुना अधिक होता है। तंबाकू सेवन में चीन के बाद भारत का स्थान है। जहां हर घंटे 154 से ज्यादा लोग तम्बाकू चबाने और धूम्रपान की वजह से मरते हैं। इसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा 2003 में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कानून बनाया गया। जबकि, 2007 में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) की शुरुआत हुई। लेकिन, 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपया चिकित्सा बजट से प्रतिवर्ष खर्च होने के बाद भी तम्बाकू सेवन पर नियंत्रण नहीं होना चिंताजनक है। इस मौके पर स्वास्थ्य लाभार्थियों में रीना देवी, आलिया, नूरजहां, चंचला देवी, मोनू शर्मा, सरोज मिश्रा, रमन सिंह, सतेंद्र वर्मा, चिंताहरण मिश्रा, मुकेश सिंह पिंटू, अश्विनी ओझा, रोहित कुमार, रंजीत सिंह, अश्विनी सिन्हा, महिमा कुमारी व निशा कुमारी थीं।
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