भारतीय संविधान के शिल्पकार थे डा. अंबेदकर: विधायक
सोशल मीडिया के माध्यम से सोनपुर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। समारोह में उनके योगदानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विधायक प्रो. रामानुज प्रसाद ने बाबा...

सोनपुर। संवाद सूत्र सोनपुर में सोमवार को जगह- जगह डा. भीमराव अंबेदकर की 134 वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर आधुनिक भारत के निर्माण में उनके योगदानों को याद किया गया और उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सोनपुर नगर पंचायत के गजग्राह चौक के समीप बैंक्वेट हॉल में आयोजित समारोह को स्थानीय विधायक प्रो. रामानुज प्रसाद ने संबोधित करते हुए बाबा साहब की विचारधारा एवं उनके आदर्शों की विस्तार से चर्चा की और कहा कि बाबा साहब भारतीय संविधान के शिल्पकार थे। वे समाज के वंचित, शोषित और उपेक्षित वर्ग के उत्थान एवं कल्याण के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे। बाबा साहब प्रमुख विधिवेता, अर्थशास्त्री एवं समाज सुधारक थे। उन्होंने अछूतों को नया जीवन और सम्मान दिया। मजदूरों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। आजाद भारत के वे पहले विधि एवं न्याय मंत्री बने। वर्ष 1990 में मरणोपरांत उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। समारोह को राजद के प्रखंड अध्यक्ष वैधनाथ महतो, साधु यादव, मनोज राय, रमेश राय चौसिया, संजू देवी, प्रदीप ठाकुर, लगनदेव राय, अशोक शर्मा, हरिचरण महतो, गोविन्द राय, आरएन मालाकार, अखिलेश राय, सुनील राय, राजाराम सहनी, दिनेश राय आदि ने भी संबोधित किए। दूसरी ओर नयागांव बाजार से गोपालपुर तक जुलूस निकाल गया। डा. पंकज सिंह, विकास कुमार, विष्णु तिवारी आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि डा. अंबेदकर आजीवन सामाजिक बुराईयों के खिलाफ संघर्ष करते रहे। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह बबलू और जदयू प्रखंड अध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद भारती की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में कार्यकर्ताओं और राजद के जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र यादव ने अपने संबोधन में बाबा साहब को एक महान चिंतक बताया। --- सतुआनी पर हजारों श्रद्धालुओं ने की हरिहरनाथ मंदिर में जलाभिषेक 9 - सोनपुर पहलेजा घाट पर सतुआनी के अवसर पर गंगा स्नान करके पूजा अर्चना करती महिलाएं सोनपुर। संवाद सूत्र सतुआनी पर सोमवार को यहां के गंगा-गंडक नदियों के विभिन्न घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर बाबा हरिहर नाथ मंदिर समेत विभिन्न मठ- मंदिरों में जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना की। उधर हरिहरनाथ मंदिर के पूरब लोक सेवा आश्रम में ंव्यवस्थापक विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा के नेतृत्व में 24 घंटे का चल रहे अष्टयाम, भजन-कीर्तन ओर हर-हर बम-बम के उदघोष से वातावरण गूंज रहा था। गंगा - गंडक नदी के कालीघाट, पुल घाट, गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम घाट, सवाइच घाट आदि के सामने स्नान करने वाले हजारों श्रद्धालुओं की अहले सुबह से ही भीड़ उमड़ पड़ी थी। हजारों महिला एवं पुरूष श्रद्धालुओं ने गंगा एवं गंडक नदियों में गोते लगाकर हरहर महादेव का जयघोष किया। हरिहर नाथ मंदिर में तो जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं का दोपहर बाद तक तांता लगा रहा। हरिहर नाथ मंदिर, काली मंदिर, हनुमान मंदिर, राधे-कृष्ण मंदिर, गौड़ी-शंकर मंदिर, गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम, नर्मदेश्वरनाथ मंदिर, जड़भरत स्थान आदि को आकर्षक ढंग से सजाया गया था । शाम में विशेष आरती का आयोजन किया गया। हरिहर नाथ मंदिर में विशेष आरती को देखने और शामिल होने के लिए दर्जनों श्रद्धालु नर- नारी उपस्थित थे। हरिहर नाथ मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चारों के साथ आरती का अनुष्ठान संपन्न किया गया। मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष विनोद सम्राट, सचिव विजय कुमार सिंह लल्ला और कोषाध्यक्ष निर्भय कुमार ने बताया कि इस अवसर पर मंदिर के यात्री निवास में दर्जनों मुंडन संस्कार और सत्यनारायण भगवान की कथा के अलावा कई मांगलिक कार्य भी संपन्न हुए। दूसरी ओर पहलेजा घाट धाम में भी हजारों श्रद्धालुओं ने दक्षिणवाहिनी गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान कर वहां के राम- जानकी मंदिर समेत विभिन्न मठ मंदिरों में जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना की।
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