डिप्टी मेयर समेत पार्षदों के विरोध से निगम के बजट पर नहीं लगी मुहर
छपरा में डिप्टी मेयर रागिनी कुमारी और 32 पार्षदों के विरोध के कारण नगर निगम का बजट पास नहीं हो सका। इस बजट के नहीं पास होने से शहर के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता को...

छपरा, एक संवाददाता। डिप्टी मेयर समेत पार्षदों के विरोध से निगम का बजट गुरुवार को पास नहीं हो सका। इस पर मुहर नहीं लगने की वजह से शहर के विकास पर असर पड़ेगा। निगम बोर्ड की बैठक में मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता व पार्षद एक बार फिर आमने-सामने हो गये। हुआ यूं था कि नगर निगम की ओर से बजट संपुष्टि के लिए गुरुवार को बैठक बुलायी गयी थी लेकिन मात्र 45 मिनट तक बैठक चली। डिप्टी मेयर रागिनी कुमारी समेत 32 पार्षद मेयर के खिलाफ बैठक में ही एक साथ विरोध करने पर उतर गए। काफी देर तक मेयर को पार्षदों का विरोध का सामना करना पड़ा।
पार्षदों का कहना था कि पिछले 19 मई को ही वे बैठक में बजट उपस्थापन का विरोध किये थे तो फिर संपुष्टि का सवाल कहां है। वे उपस्थापन की निर्धारित बैठक के प्रोसिडिंग बुक पर ही विरोध लिखकर दर्शा दिए थे । मेयर के द्वारा पार्षदों के खिलाफ गलत संदेश देने का एक एजेंडा था। इसको पार्षद भली भांति जान चुके हैं। हालांकि बैठक की तिथि 26 मई को निर्धारित की गयी थी लेकिन महिलाओं के वट वृक्ष की पूजा के कारण बैठक को स्थगित कर गुरुवार को बैठक रखी गयी। इसमें 45 पार्षदों में दो पार्षद वार्ड 27 व 8 को छोड़कर सभी पार्षद बैठक में उपस्थित थे। लगभग 45 मिनट तक बैठक चली लेकिन बैठक में पार्षद बजट संपुष्टि का विरोध करते रहे। मालूम हो कि पिछले साल 2024 -25 में देर से बजट पास होने के कारण 2025 के फरवरी में विभाग द्वारा छपरा नगर निगम को विकास की राशि आवंटित की गयी जो मार्च में लैप्स हो गया। विकास कार्य भी नहीं हो सका। इस बार भी कुछ ऐसा ही संकेत मिल रहा है। अगर समय पर बजट पास कर विभाग को नहीं भेजा गया तो चुनाव में विकास की राशि फंस जाएगी। शहर विकास के मामले में दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ेगा। मेयर के समर्थन में 11 और विरोध में डिप्टी मेयर समेत 32 पार्षद उपस्थित थे। हालांकि बैठक में विरोध के कारण मेयर को बैठक स्थगित करना पड़ा। बैठक में दंडाधिकारी द्वारा मीडिया कर्मी,तदर्थ समिति के सदस्य व पार्षद के परिवार के सदस्यों को अंदर जाने पर रोक लगा दी गयी थी। पिछली बैठक में पार्षदों को उपलब्ध करायी गयी बजट उपस्थापन की कॉपी पिछले बोर्ड की बैठक में महापौर लक्ष्मी नारायण गुप्ता के द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 की बजट उपस्थापन की कॉपी पार्षदों के बीच उपलब्ध करायी गयी थी। इसमें वित्तीय वर्ष 2025 -26 में कुल चार अरब आठ करोड़ 58 लाख, 16 हजार, 345 रुपये के बजट की प्राक्कलित राशि बजट की उपस्थापन कॉपी में दर्शायी गयी है। उक्त बजट में सभी नागरिकों का ध्यान रखा गया है । गरीब व बेघर वालों के लिए 100 नये आवास का निर्माण के लिए प्रावधान किया गया है। मलिन बस्तियों के विकास को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के लिए योजना में लिया गया है । निगम आपके द्वारा स्कीम जनमानस को सुविधा प्रदान करने के तहत हरेक वार्ड में निगम कार्यालय खोलने का प्रस्ताव लिया गया है । निगम क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण व रोकथाम के लिए सभी वार्डों मे पेड़ लगाने के लिए बजट में रखा गया है । निगम क्षेत्र में शौचालय व मूत्रालय की व्यवस्था को बजट में शामिल किया गया है। एम्बुलेंस, शव वाहन, ड्रिप फ्रिजर की व्यवस्था को बजट मे रखा गया है। दिव्यांगों की सहायता के लिए व्हील चेयर, चश्मा, इत्यादि का प्रावधान किया गया। जल प्याऊ की समुचित व्यवस्था सभी वार्ड में वाटर एटीएम लगाने का प्रस्ताव इस बजट मे रखा गया है ताकि सभी वार्डों के लोगों को स्वच्छ व निर्मल जल प्राप्त कर सके। बैठक में पदाधिकारियों समेत दर्जनों पार्षद थे मौजूद बैठक में मेयर के अलावा उप मेयर रागनी कुमारी, पूर्व मेयर सह पार्षद सुनीता देवी, नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडेय, नगर विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता विंदु भूषण, उपनगर आयुक्त सुनील कुमार,सहायक अभियंता जयश्री, राहुल कुमार, स्वच्छता पदाधिकारी, सिटी मैनेजर, आसमां खातुन, नरगिस बानो,श्वेत पांडेय, सीता देवी,नेहा देवी ,उर्मिला देवी, नाजिया सुल्तान,रमाकांत सिंह डब्लू,राजू श्रीवास्तव,कृष्ण कुमार शर्मा , हेमंत राज,संजय प्रसाद, काजल कुमारी , रेशमा खातून,शायरा खातून ,मीना देवी,किरण देवी, संतोष कुमार बंगा, संतोष कुमार मंटू चंद्रदीप राय, राजाबाबू चौधरी उर्फ श्याम, अजय कुमार, प्रहलाद रम, सुशील कुमार सिंह, हेमंत राय,नरगिस बानो, , सुजीत कुमार मोर, उषा देवी, बबिता देवी, सुनीता देवी, मालती देवी,सुभी देवी, रीना कुमारी, कुंती देवी ,रंजनि सिंह,पुष्पा देवी,संजीव रंजन भोदा, आरती देवी,समेत कई पार्षद मौजूद थे। --- जलजमाव से दस हजार से अधिक शहरवासी प्रभावित शहर की प्रमुख सड़कों से जलजमाव हटाने में लगते हैं दो-तीन दिन 42 प्रमुख नाला व तीन सौ के आसपास संपर्क नाले फिर भी हैं ध्वस्त फोटो 1 शहर के बीचोंबीच गुजरता खनुआ नाला पेज छपरा, एक संवाददाता। बरसात में एक बार फिर शहर में जलजमाव होने की आंशका बढ़ गई है। ड्रेनेज सिस्टम अभी भी पूरी तरह से बदहाल है। प्रमुख खनुआ नाला निर्माण में वर्षों लग गए लेकिन निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हो सका। ऐसे शहर में 42 प्रमुख नाला हैं जबकि तीन सौ के आसपास संपर्क नाला हैं। इनमें अधिकांश नाला ध्वस्त हैं। दर्जनों नाला सफाई के कारण बदहाल हैं। इस बार भी बरसात में लगभग 10 से अधिक लोगों को जलजमाव से प्रभावित होने की संभावना है। ऐसे नदी की पानी का बहाव कहीं केवारा से होने लगा तो शहर के प्रमुख मार्केट व कलेक्ट्रेट को भी जल जमाव से जूझना पड़ेगा। पिछले साल ऐसी स्थिति शहर वासियों को झेलनी पड़ी थी। जल जमाव से साहेबगंज, मौना साढा रोड के आसपास की दुकानें कई दिनों तक बंद हो गयी थीं। अंग्रेजी जमाने में जिस प्रकार ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया था उस वक्त नाला की चौड़ाई काफी अत्यधिक थी। पहले खनुआ नाला में नाव भी चला करता था। इसका पानी शहर से बाहर निकलता था जो कृषि के कार्य में आता था लेकिन शहर की पइन ,चंवर की भूमि को लोगों ने दखल कर लिया। इसके बाद से शहर की समुचित पानी की निकासी होने में परेशानी होने लगी। खनुआ नाला की स्वरूप बदलता गया। साहेबगंज के बुजुर्ग व्यवसायी राम लखन ने बताया कि पहले और आज के नाला में काफी अंतर है। बरसात में कीचड़ व गंदगी से सन जाती हैं सड़कें बरसात में गंदगी से सड़कें बन जाती है। पैदल चलना भी लोगों को मुश्किल हो जाता है। शहर के अधिकांश मुख्य व संपर्क सड़कें टापू बन जाती हैं। लोगों को घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। नगर प्रशासन सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही है लेकिन शहरवासियों को जलजमाव से निजात नहीं मिल पा रहा है।भगवान बाजार थाना रोड में जलजमाव का कोई स्थायी निदान नहीं हो पाया। यह सड़क काफी महत्वपूर्ण है। भगवान बाजार थाना, महिला थाना, एससी एसटी थाना, साइबर क्राईम थाना,राजेंद्र कालेज, राजेन्द्र कालेजियट स्कूल , धर्मनाथ मंदिर समेत कई अन्य जगहों पर आने -जाने का यह मुख्य मार्ग है। इस सड़क पर हल्की बारिश में भी जलजमाव हो जाता है। इस रोड में जलजमाव लगने का सिलसिला लगभग 15-20 सालों से है लेकिन निगम प्रशासन का इसपर ध्यान नहीं जाता। बरसात के दिनों में इस सड़क पर वाहनों से चलना मौत को आमंत्रण देने के सामान बन जाता है। शेख टोली से गुदरी बाजार एन एच पर जाने वाले सड़कें हो जाती है बंद बरसात में वार्ड 6 शेख टोली से गुदरी बाजार एन एच पर जाने वाले सड़क बंद हो जाती हैं। नगर निगम की ओर से नाला सफाई कर पीएससी सड़क पर ही कचरा फेंक दिया जाता है। इस वजह से लोगों का आवागमन पूर्ण रूप से बंद होने लगता है। पूर्व वार्ड पार्षद डॉ तारिक अली ने बताया कि बरसात से पहले ही नगर निगम की ओर से जहां तहां नाला से गंदगी निकालकर सड़कों पर ही फेंक दिया गया है। उसके बाद बारिश होने लगती है और सड़क जल जमाव के कारण बंद हो जाता है। बरसात में इस इलाके के लोगों को गुदरी बाजार सामान खरीदने के लिए जाने में काफी परेशानी होने लगती है। बताया जाता है कि यह 32 फीट का सड़क है। इस सड़क से ही उक्त वार्ड के लोगों का आना-जाना लगा रहता है। बरसात में अस्पताल चौक दुर्गा मंदिर से बहुरिया कोठी बन जाता है टापू नगर निगम चाहे जो भी दावा कर ले लेकिन बरसात में उनकी दावा की सच्चाई सामने आने लगती है। बरसात में अस्पताल चौक दुर्गा मंदिर से बहुरिया कोठी रोड पर लंबे आकार में पानी लगने के कारण लोगों को घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि स्कूली बच्चे सड़क पर जल जमाव के कारण स्कूल नहीं जा पाते हैं। स्थानीय अमन प्रताप सिंह समेत कई लोगों ने बताया कि नगर प्रशासन को पिछले साल भी इस समस्या के समाधान के लिए आग्रह किया गया था लेकिन कोई पहल नहीं की गई। आज ऐसी स्थिति ऐसी बन गई है कि हल्की बारिश में भी लोगों को इस सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। यही नहीं छोटा तेलपा रोङ, भगवान बाजार थाना रोड, पीर बाबा मजार के पास रोड, गुदरी बाजार रोड, ओझा टोली रोड, रतनपुरा यादव टोला रोड में भी सड़कों पर पानी लग जाता है। भगवान बाजार थाना रोड से जलजमाव दूर करने के लिए निगम प्रशासन का अभी तक प्रयास असफल रहा है। अन्य कई वार्डों की जलनिकासी खनुआ नाले के माध्यम से होती थी। जो आजकल समुचित ढंग से नहीं हो पा रही है। शहर के ये सभी वार्ड व्यावसायिक स्थल हैं। अजायबगंज तेलपा -इनई रोड बरसात में बन जाता है जानलेवा अजायबगंज तेलपा -इनई रोड बरसात में जानलेवा बन जाता है। गांव से लेकर शहर के लोगों का इस रोड से आवागमन लगा रहता है। वार्ड 1 के पार्षद रेशमा खातून ने बताया कि उक्त सड़क के किनारे मुख्य नाला के निर्माण नहीं होने के कारण सड़क पर हमेशा जल जमाव बना रहता है। अगर निगम प्रशासन उक्त सड़क से जल जमाव दूर करने की पहल नहीं की तो स्थानीय लोग नगर प्रशासन का घेराव करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। सबसे बड़ी समस्या तो बीमार रोगियों को इस रोड से अस्पताल ले जाना परिजनों के लिए मुसीबत बन जाती है। वहीं वार्ड 34 के नेहरू चौक गड़खा मेन रोड पर जल जमाव के कारण लोगों का आवागमन प्रभावित होने लगता है। पूर्व वार्ड पार्षद डॉ संतोष शर्मा, पार्षद कुंती देवी ने बताया कि नगर प्रशासन की ओर से पहल नहीं किए जाने के कारण इस मुख्य सड़क से आवागमन प्रभावित होने लगता है। नगर प्रशासन इस संबंध में त्वरित कार्रवाई नहीं की तो बरसात में जल जमाव के कारण आवागमन प्रभावित होने लगेगा। नाले व सड़कों की सफाई पर प्रतिमाह होते हैं करोड़ों खर्च शहर-सफाई और नाले की उड़ाही में निगम को प्रति माह खर्च करने पड़ते हैं लेकिन नाले की सफाई समुचित ढंग से नहीं हो पा रही है। जानकारी हो कि नाला व सड़कों की सफाई का दायित्व सफाई एजेंसी को सौंप दिया गया है। पूर्व डिप्टी मेयर अमितांजलि सोनी ने बताया कि इसके लिए निगम को सक्रियता बरतनी होगी तभी शहरवासियों को जलजमाव से निजात मिल पायेगा।
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