व्रतियों ने किया खरना,पहला अर्घ्य आज
सोनपुर में छठ का पवित्र अनुष्ठान खरना बुधवार को संपन्न हुआ। व्रति ने गंगा-गंडक नदी से जल लाकर गुड़ की खीर बनाई और इसे परिजनों में बांटा। दूध की कमी के कारण कीमतें बढ़ गईं। पूजा सामग्रियों की खरीददारी...

हर गांव-आंगन से गूंज रहे हैं छठ के पवित्र गीत सोनपुर। संवाद सूत्र सोनपुर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे लोक आस्था के चार दिवसीय अनुष्ठान चैती छठ का दूसरा अनुष्ठान खरना बुधवार की शाम छठ व्रतियों ने पूरा किया। व्रत का यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसमें गुड़ की बनी खीर का प्रसाद छठ व्रतियों ने ग्रहण किया और परिजनों तथा आस -पास के लोगों में बांटा। इसके लिए छठ व्रतियों ने यहां के गंगा-गंडक नदी से कलश में जल लेकर घर पहुंची और मिटटी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से प्रसाद बनाया। छठ का महाप्रसाद खरना की खीर बनाने के लिए दूध की किल्लत महसूस की गई। कहीं-कहीं दूध 50 से 60 रूपए लीटर तक बिकी। चारो तरफ भक्ति का माहौल बना हुआ है। छठ के पवित्र गीतों से वातावरण गूंज रहा है। दूसरे जिलों से भी अनेक छठ व्रतियों ने सोनपुर के विभिन्न मठ- मंदिरों में खरना का अनुष्ठान पूरा किया। इस अनुष्ठान के बाद गुरूवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी शुरू हो गई है। दूसरी ओर पूजन सामग्रियों में नारियल, केला, सूप, ईंख, नारंगी, सेव , मूली, हल्दी, गुड़, बद्धी आदि खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी है। यहां के गौतम चौक,गोला बाजार,स्टेशन गेट, रजिस्ट्री बाजार,महेश्वर चौक,आदि स्थानों पर पूजन सामग्री की सैकड़ों अस्थायी दुकाने सजी हुई है। भीड़ के कारण सोनपुर-हाजीपुर मुख्य सड़क मार्ग पर पूरे दिन रह-रह कर जाम लगता रहा। उधर छठ घाटों की मरम्मत और पूजा योग्य बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर और छठ पूजा समिति के सदस्यों द्वारा किया जा रहा प्रयास अंतिम दौर में है। एसडीओ आशीष कुमार ने बताया कि अर्घ्य के दौरान नाव के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। सुरक्षा के लिए गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई है।
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