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साइकिलिंग कभी थी शौक, अब तंदुरुस्त जीवन की बनी जरूरत

ब्लड प्रेशर -शुगर जैसी अनेक बीमारियों से मनुष्य को बनाता है निरोग लोगों की शौक थी पर तमाम बीमारियों व तंदुरुस्त जीवन के लिए जरूरत बन गयी है। साइकिल का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराMon, 2 June 2025 10:39 PM
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 साइकिलिंग कभी थी शौक, अब तंदुरुस्त जीवन की बनी जरूरत

ब्लड प्रेशर -शुगर जैसी अनेक बीमारियों से मनुष्य को बनाता है निरोग छपरा, एक संवाददाता। कभी साइकिलिंग लोगों की शौक थी पर तमाम बीमारियों व तंदुरुस्त जीवन के लिए जरूरत बन गयी है। साइकिल का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। साइकिलिंग करने वाले लोग शुगर ,ब्लड प्रेशर ,हाइपरटेंशन समेत अनेक बीमारियों से निरोग रहते हैं। बाजार में साइकिल की मांग बढ़ गई है। टाटा का रेंजर, रॉयल , गुरु समेत अनेक साइकिल की बिक्री निरंतर बढ़ रही है। मोटरसाइकिल चलाने वाले लोग अब बाजारों में सब्जी या रोजमर्रा की वस्तु खरीदने के लिए साइकिल का उपयोग करने लगे हैं।

पिछले 5 साल की तुलना में साइकिल की मांग के अनुपात में कीमते बढ़ी हैं । शहर के मौना चौक स्थित अंबे साइकिल स्टोर्स के विक्रेता आदित्य प्रभाकर ने बताया कि बढती जनसंख्या के अनुपात में बच्चे और बुजुर्ग भी साइकिल का उपयोग करने लगे हैं। पहले की अपेक्षा साइकिल की बिक्री बढ़ी है। बच्चे और बुजुर्ग की साइकिल बिक्री में थोड़ा बहुत का अंतर है। मार्केट में कई ब्रांडेड कंपनियों ने साइकिल लॉन्च की है।मुख्यमंत्री साइकिल योजना का भी एक व्यापक असर है। स्कूली छात्राएं आज भी नियमित तौर पर साइकिल का उपयोग कर रही हैं। इसके उपयोग से उनके स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।जिंदगी को संवारने में पहले से ही साइकिलिंग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गिरते-पड़ते बच्चे साइकिल चलाना सीखते हैं। उम्र के अनुसार साइकिल का भी अलग - अलग महत्व है। बचपन में साइकिल शौकिया तौर पर लोग चलाते हैं। फिर धीरे - धीरे साइकिल का उपयोग स्कूल जाने के लिए करते हैं।कई लोग साइकिल से अपने काम पर भी जाते हैं लेकिन वक्त के साथ साइकिल की उपयोगिता भी बदल गई और महत्व भी बदल गया है।एक वक्त था जब साइकिल को परिवार में साधन का हिस्सा माना जाता था लेकिन अब यह सिर्फ एक्सरसाइज के तौर पर प्रयोग की जाती है। साइकिल का दौर 1960 से लेकर 1990 तक काफी अच्छा रहा । इसके बाद समय परिवर्तित होता गया। आज एक्सरसाइज के साथ ही साइकिल का उपयोग एक एथलेटिक्स द्वारा भी किया जाता है। शहर में लोग सुबह सड़कों पर ही साइकिल चलाकर एक्सरसाइज करते हैं। अभी हाल में शिशु पार्क में जिम की व्यवस्था की गई है जिसमें साइकिल भी लोग चला कर एक्सरसाइज करते हैं। सबसे सस्ता वाहन है साइकिल साइकिल सबसे सस्ता वाहन है। इसके एक नहीं अनेक फायदे हैं। पेट्रोल की खपत नहीं होती, पर्यावरण दृष्टि से सुरक्षित है, एक्सरसाइज करने के लिए बेस्ट है, इम्युनिटी भी बढ़ती है।रोज साइकिल चलाने से फैट जल्दी कम होता है।बॉडी फिट रहती है। हर व्यक्ति को करीब 30 मिनट रोज साइकिल चलानी चाहिए। क्या कहते हैं डॉक्टर साइकिल चलाने से हृदय की सेहत को बढ़ावा मिलता है। दिल की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। रक्त संचार बेहतर होता है। नियमित साइकिल चलाने से कैलोरी खर्च होती है जो वजन घटाने और उसे बनाए रखने में मदद करती है। यह एक प्रभावी व्यायाम का तरीका है। साइकिल चलाना पैरों, कूल्हों और निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह संपूर्ण शारीरिक ताकत को भी बढ़ाता है। डॉ. सुसान वर्मा एम.पी.टी (मस्कुलोस्केलेटल और खेल) 96 वर्ष में भी सूर्यदेव प्रसाद साइकिलिंग कर आत्मनिर्भरता व स्वास्थ्य का दे रहे संदेश फोटो 1- साइकिल से एकमा जाते 96 वर्षीय सूर्यदेव प्रसाद रसूलपुर।थाना क्षेत्र रसूलपुर की सीमा पर मांझी थाना का गांव है बिगहां। यहीं रहते हैं 96 वर्षीय सूर्यदेव प्रसाद जिनकी साइकिलिंग और दैनन्दिनी कार्य देख पूरे गांव के लोग स्तब्ध रहते हैं । इनकी साइकिलिंग न केवल इनके सुन्दर और तनाव रहित स्वास्थ्य का प्रतीक है बल्कि स्वस्थ पर्यावरण रखने का संदेश भी देता है। गांव में ही अरविंद सोसायटी आश्रम का संचालन कर अध्यात्म का प्रचार प्रसार करने वाले सूर्यदेव प्रसाद कहते हैं कि साइकिलिंग मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह मेरे आत्मनिर्भरता का परिचायक है। संतुलित जीवन शैली में आज भी हम जब चाहते हैं 10 से 15 किमी की परिधि में ऑफिसियल से लेकर निजी नेवता- पर साइकिल से निकल पड़ते हैं। । पटना यूनिवर्सिटी से एम कॉम कर रेल वाणिज्य विभाग में तीन दशक से ऊपर एसटीआईए पद से सेवानिवृत्त सूर्यदेव का घर पर एक पुस्तकालय भी है। -

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