New Colleges Approved for Higher Education in Bihar JP University Grants Recognition जेपी विवि: आठ नये कॉलेजों को मिली स्नातक शिक्षा की मान्यता, Chapra Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsChapra NewsNew Colleges Approved for Higher Education in Bihar JP University Grants Recognition

जेपी विवि: आठ नये कॉलेजों को मिली स्नातक शिक्षा की मान्यता

छपरा, सीवान व गोपालगंज जिले के कॉलेज हैं शामिलन प्रतिनिधि। जय प्रकाश विश्वविद्यालय के आठ नये कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2025-29 के लिए स्नातक स्तर पर पढ़ाई की मान्यता दी गई है। इन कॉलेजों को कला, वाणिज्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराThu, 12 June 2025 09:36 PM
share Share
Follow Us on
जेपी विवि: आठ नये कॉलेजों को मिली स्नातक शिक्षा की मान्यता

छपरा, सीवान व गोपालगंज जिले के कॉलेज हैं शामिल स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सहूलियत छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जय प्रकाश विश्वविद्यालय के आठ नये कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2025-29 के लिए स्नातक स्तर पर पढ़ाई की मान्यता दी गई है। इन कॉलेजों को कला, वाणिज्य व विज्ञान संकायों में प्रतिष्ठा (ऑनर्स) विषयों के संचालन की अनुमति मिली है। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग, पटना के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय क्षेत्र के इन चिन्हित कॉलेजों को मान्यता दी गयी है। विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, छपरा, सीवान और गोपालगंज जिलों में स्थित इन महाविद्यालयों को मान्यता प्रदान की गई है।

प्रभा प्रकाश डिग्री कॉलेज:प्रभा प्रकाश डिग्री कॉलेज, पन्जुआर रघुनाथपुर सीवान को अंग्रेज़ी, हिन्दी, इतिहास, भूगोल, गृहविज्ञान, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र जैसे विषयों में 64-64 सीटों के साथ वाणिज्य में 96 सीटों की स्वीकृति दी गई है। इसी प्रकार, भृगुनाथ यादव डिग्री कॉलेज, कचनार (सारण) को 64-64 सीटों के साथ दर्शनशास्त्र व संस्कृत में 32-32 सीटों के साथ प्रमुख कला विषयों व 96 सीटों के साथ वाणिज्य की मान्यता प्राप्त हुई है। डॉ. महेन्द्र प्रसाद सिंह:डॉ. महेन्द्र प्रसाद सिंह महाविद्यालय चांद परसा सीवान को कला विषयों के साथ-साथ वाणिज्य में भी पढ़ाई की अनुमति दी गई है। गौर कुंवर डिग्री कॉलेज, आंदमपुर ( सीवान), बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर डिग्री कॉलेज, बड़हरिया (सीवान) व पं. देवराज महाविद्यालय, कटैया (गोपालगंज) को भी इसी तरह की मान्यता प्राप्त हुई है। इन महाविद्यालयों में इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, भारतीय इतिहास व संस्कृति, संगीत और गृहविज्ञान जैसे विषय शामिल हैं। दामोदर राय डिग्री कॉलेज:दामोदर राय डिग्री कॉलेज, अरवा कोठी (सारण) को कला व विज्ञान दोनों संकायों में स्नातक प्रतिष्ठा विषयों की मान्यता मिली है। जेएस भारद्वाज डिग्री कॉलेज, धुपनगर (जलालपुर, सारण) को भी हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, संगीत, मनोविज्ञान व राजनीति विज्ञान विषयों में शिक्षा संचालन की अनुमति दी गई है। भोला प्रसाद सिंह महाविद्यालय:भोला प्रसाद सिंह महाविद्यालय, भोरे (गोपालगंज) को मनोविज्ञान, संस्कृत, वाणिज्य व विज्ञान के विभिन्न विषयों में पढ़ाई की स्वीकृति मिली है। दर्शनशास्त्र विषय की अनुमति राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही दी जा चुकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि इन सभी कॉलेजों को निर्धारित विषयों में 64 से 96 सीटों पर नामांकन की अनुमति दी गई है। यह कदम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय विद्यार्थियों के लिए नए अवसर खोलेगा और स्थानीय स्तर पर शैक्षणिक विकास को गति देगा। -- जलालपुर में पंपसेट से धान का बिचड़ा डाल रहे किसान फोटो- 6 जलालपुर के खोरोडीह में डाले गए धान के बिचड़े जलालपुर, एक प्रतिनिधि। भीषण गर्मी व मानसून में देरी की वजह की परेशान प्रखंड के किसानों ने निजी पंपसेट से धान के बिचड़े डालने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि बारिश नहीं होने के कारण पंपसेट से सिंचाई कर धान के बिचड़े डालने में किसानों को अत्यधिक राशि खर्च करनी पड़ है। खोरोडीह, चतरा सहित अन्य गांवों के किसान धान का बिचड़ा डाल रहे हैं। किसानों का मानना है कि 5 जून के बाद से बीज डालने का समय हो आ जाता है। देर से बीज डालने पर उत्पादन क्षमता पर भी इसका असर पड़ता है। इसलिए मानसून का इंतजार किए धान के बीज डाले जा रहे हैं। कृषि विभाग में नहीं आया धान का बीज, किसानों की बढ़ी परेशानी प्रखंड के ई किसान भवन में अब तक धान का बीज नहीं आया है। इसके कारण कृषि विभाग से धान के बीज लेकर बिचड़ा गिराने वाले किसान परेशान हैं। किसान रामप्रसाद सिंह, हरेश सिंह, रामनाथ राय, शंभु प्रसाद सहित अन्य किसानों ने बताया कि धान के बीज के लिए वे प्रतिदिन कृषि विभाग का चक्कर काट रहे हैं। पूछने पर विभाग के कर्मी एक ही बात बताते हैं कि बीज आयेगा तो मिलेगा लेकिन बीज कब तक आएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। इससे उन किसानों की परेशानी बढ़ गई है जो अनुदानित दर पर बीज लेते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।