Police Crackdown on Fake Railway Job Scam Two Arrested with Laptops and Mobile Phones रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह के दो सदस्य यूपी से गिरफ्तार, Chapra Hindi News - Hindustan
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रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह के दो सदस्य यूपी से गिरफ्तार

वे में फर्जी बहाली का परत दर परत हो रहा खुलासा नोट: सम्भव हो तो पांच की लीड लगाएं सोनपुर,संवाद सूत्र। रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले मामले में पुलिस लगातार कामयाबी हासिल कर रही है। शनिवार को इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराSun, 23 March 2025 10:14 PM
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रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह के दो सदस्य यूपी से गिरफ्तार

गिरफ्तार शुभम कुमार निषाद गोरखपुर जिले के शाहपुर थाने का जबकि पवन कुमार श्रीवास्व कुशीनगर के कप्तानगंज थाने का है रहने वाला उनके पास से 02 लैपटॉप, 07 मोबाइल, 08 आधार कार्ड, 02 पैन कार्ड, 02 पॉकेट डायरी और मास्टर पे का 01 आई कार्ड हुआ बरामद रेलवे में फर्जी बहाली का परत दर परत हो रहा खुलासा सोनपुर,संवाद सूत्र। रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले मामले में पुलिस लगातार कामयाबी हासिल कर रही है। शनिवार को इस मामले में गठित एसआईटी टीम ने यूपी से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मुजफ्फरपुर रेल एसपी के आदेश पर एसआईटी ने सोनपुर जीआरपी थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार और सीआईबी इंस्पेक्टर चंदन कुमार सिंह के संयुक्त नेतृत्व में गोरखपुर में छापेमारी कर रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के गोरखपुर जिले के शाहपुर थाने के बिछिया जंगल तुलसीराम निवासी राजेन्द्र निषाद के पुत्र शुभम कुमार और कुशीनगर जिले के कप्तानगंज थाने के सतभरिया निवासी स्व. रामाशंकर लाल के पुत्र पवन कुमार श्रीवास्तव पकड़े गए। छापेमारी के दौरान उनके पास से 02 लैपटॉप, 07 मोबाइल, 08 आधार कार्ड, 02 पैन कार्ड, 02 पॉकेट डायरी और मास्टर पे का 01 आई कार्ड बरामद किया गया है। रविवार की शाम सोनपुर जीआरपी पोस्ट पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रेल डीएसपी शाहकार खान ने इसकी जानकारी दी । उन्होंने बताया कि रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्यों के खिलाफ पूर्व से ही सोनपुर जीआरपी थाने में कांड संख्या 158/ 2024 दर्ज है। अनुसंधान के क्रम में कुछ अहम सुराग मिले हैं जिसके आधार पर गोरखपुर में छापेमारी कर इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। पूछताछ के दौरान इन दोनों के अलावा इस मामले में हाजीपुर जेल में बंद प्राथमिक अभियुक्त दीपक तिवारी के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर गोरखपुर में इन सबका सरगना अनिल पांडेय उर्फ राघवेन्द्र शुक्ला है। उसको भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जायेगा। दूसरी ओर इस केस के आईओ जीआरपी इंस्पेक्टर राजकिशोर सिंह, जीआरपी थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार और सीआईबी इंस्पेक्टर चंदन कुमार सिंह ने बताया कि इस गिरोह के सदस्यों द्वारा फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर पीड़ितों का पैसा सीधे अपने एकाउंट व गुजरात के राजकोट की कंपनी चैंपियन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के माध्यम से लिए जाते थे। उन्होंने यह भी बताया कि शुभम कुमार के स्वीकारोक्ति बयान में यह भी कहा गया है कि गुजरात के आईसीआईसी बैंक के एकाउंट होल्डर अमित कुमार नरोत्तम भाई पटेल को करोड़ों रुपये अनिल पांडेय ने उसे ब्लैक से व्हाइट करने को दिया था पर वह ऐसा करने में सफल नहीं हो सका था। गुजरात के राजकोट की कंपनी चैंपियन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी मूलत: मोबाइल रिचार्ज, ट्रेन और फ्लाइट की टिकट बुकिंग, मनी ट्रांसफर का काम करती है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह कंपनी मनी लांड्रिंग के खेल में भी शामिल है। मालूम हो कि यूपी के अंबेदकर नगर के रहने वाले अरविन्द कुमार और वही के कोशांबी के अविनाश कुमार ने बीते 06 मार्च को छपरा सिंविल कोर्ट में सीजेएम के समक्ष अपने दिए गए 164 के बयान में सनसनीखेज खुलासा किया था। उसने छपरा सिविल कोर्ट और सोनपुर जीआरपी पोस्ट पर दिए गए अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया था कि रेलवे में बुकिंग क्लर्क, टीटीई, ट्रैक मैन, आरपीएफ, एफसीआई आदि विभागों में नौकरी दिलाने के लिए उनलोगों ने अपने 26 रिश्तेदारों, परिचितों और ग्रामीणों से 01 करोड़ 83 लाख रुपये वसूल कर हाजीपुर जेल में बंद मुख्य साजिशकर्ता पश्चिम चंपारण के दीपक तिवारी के माध्यम से गुजरात के राजकोट की चैंपियन सॉफ्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता की साई इंटरप्राईजेज कंपनी, मुजफ्फरपुर की ट्रेजरी ऑफिस आरओ की कंपनी में रुपये जमा कराए थे। इन कंपनियों का एकाउंट नंबर दीपक तिवारी ने दिया था। इस कंपनी के माध्यम से ही रेलवे में फर्जी ढंग से बहाल कर्मचारियों को वेतन दिए जाते थे। रेलवे की फर्जी बेवसाइट बना कर विज्ञप्ति निकाली जाती थी।

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