पहलगाम बना डरगाम! जयपुर के 90 प्रतिशत पर्यटकों ने कहा– कश्मीर नो थैंक्यू
पर्यटन का आनंद अब खतरे के साए में है! कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देशभर के सैलानियों के मन में डर का ऐसा बीज बो दिया कि जयपुर से कश्मीर जाने वाले 90 प्रतिशत पर्यटकों ने अपनी छुट्टियां कैंसिल कर डालीं।

पर्यटन का आनंद अब खतरे के साए में है! कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देशभर के सैलानियों के मन में डर का ऐसा बीज बो दिया कि जयपुर से कश्मीर जाने वाले 90 प्रतिशत पर्यटकों ने अपनी छुट्टियां कैंसिल कर डालीं। जी हां, गर्मियों में बर्फीली वादियों में सुकून की तलाश अब लोगों को खतरनाक लग रही है। टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री को इस हमले के बाद बड़ा झटका लगा है। जो टूरिस्ट 15 मई से 30 जून तक कश्मीर की ट्रिप बुक कर चुके थे, अब वो रिफंड की लाइन में लगे हैं। जयपुर के प्रमुख टूर ऑपरेटर्स का कहना है कि पिछले 3 दिनों में बुकिंग कैंसिल कराने वालों की बाढ़ सी आ गई है।
बर्फ चाहिए पर गोली नहीं!
सैलानियों का कहना है कि वो कश्मीर की खूबसूरती के दीवाने जरूर हैं, पर जान की कीमत पर नहीं। किसी ने कहा, "हम वहां आराम करने जा रहे थे, डरने नहीं।" तो किसी ने टिकट कैंसिल कराते हुए कहा, "बर्फ तो शिमला में भी है, पर वहां बंदूकें नहीं चलतीं!"
370 हटने के बाद उम्मीदें थीं, पर फिर छाया डर
विशेषज्ञ मानते हैं कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को नया जीवन मिला था। लेकिन हालिया हमला उन उम्मीदों पर पानी फेरता नजर आ रहा है। जयपुर के ट्रैवल एक्सपर्ट दीपक वर्मा बताते हैं, "हर साल हजारों सैलानी गर्मियों में कश्मीर की ओर रुख करते थे। पर अब बुकिंग्स लगभग शून्य हो चुकी हैं।"
गाइड्स और होटल इंडस्ट्री भी प्रभावित
टूर गाइड्स, होटल इंडस्ट्री और टैक्सी ऑपरेटर्स के लिए भी ये एक बुरी खबर है। जयपुर के ट्रैवल एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि अगर हालात जल्द न सुधरे तो पर्यटन से जुड़े हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ सकता है।
अब प्लान बी में जुटे लोग
टूरिस्ट अब पहाड़ों की जगह समुद्र किनारे या राजस्थान जैसे लोकल टूरिज्म डेस्टिनेशन की तरफ जाने का मूड बना रहे हैं। कोई गोवा जा रहा है तो कोई मनाली की बजाय माउंट आबू के बारे में सोच रहा है। पहलगाम में चली गोलियों की गूंज ने सैलानियों के दिलों की घंटियां बंद कर दी हैं। अब टूरिज्म इंडस्ट्री दुआ कर रही है कि हालात सुधरें और फिर से वादियों में प्यार, शांति और सैलानियों की चहलकदमी लौटे।