डिस्को पेपर पर धनबाद से गावां के रास्ते बिहार भेजा जा रहा अवैध कोयला
झारखंड के धनबाद और बंगाल से गिरिडीह के गावां और चतरो के रास्ते बिहार में अवैध कोयला की सप्लाई हो रही है। फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर, कोयला को बिना जांच के भेजा जा रहा है। पुलिस की संदिग्ध भूमिका के...

गावां। झारखंड के धनबाद और बंगाल के जमुड़िया से इन दिनों बड़े पैमाने पर डिस्को पेपर (फर्जी कागजात) के जरिए गिरिडीह के गावां और चतरो के रास्ते बिहार के मंडियों और ईंट भट्ठों पर कोयला की सप्लाई हो रही है। बता दें कि धनबाद और बंगाल के अवैध कोयला कारोबारियों द्वारा गिरिडीह जिले के गावां और चतरो के रास्ते क्रमश: बिहार के नवादा और जमुई होते हुए पूरे बिहार में कोयला की तस्करी की जा रही है। चूंकि बिहार राज्य में कोयला के लिए सिर्फ जीएसटी बिल की मांग की जाती है और वैध जीएसटी का ई-वे बिल रहने पर बिहार में कोयला गाड़ियों की कोई धर-पकड़ नहीं होती है। कोयला लदे वाहनों के लिए बिहार में माईनिंग परिवहन परमिट की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। इसी का फायदा उठाकर धनबाद का एक गिरोह गिरिडीह जिले में एंट्री लेकर सुरक्षित कोयला लदे ट्रक को चतरो और गावां के रास्ते बिहार सीमा तक कोयला गाड़ियों को पासिंग दे रहा है। धनबाद से बिहार तक अवैध कोयला भेजने के लिए रास्ते में पड़ने वाले गिरिडीह जिला के अलावा कोडरमा का एक मात्र थाना सतगावां पड़ता है। वहीं जीटी रोड़ से बिहार जाने में हजारीबाग जिले के भी आधा दर्जन थानों से होकर वाहनों को गुजरना पड़ता है। इधर गावां के रास्ते बिहार के नवादा जाने में कहीं कोई चेकपोस्ट भी पड़ता है, इसलिए गावां का रास्ता कोयला तस्करों के लिए सेफ जोन साबित हो रहा है। बता दें कि गावां के रास्ते झारखंड से अवैध ढंग से स्टोन चिप्स बिहार भेजा जाता ही रहा है अब इस रास्ते कोयला की गाड़ियों की आवाजाही भी काफी बढ़ गई है। शाम होते ही कोयला गाड़ियों के गुजरने का जो सिलसिला शुरू होता है, वह अहले सुबह तक जारी रहता है। गिरिडीह के गावां के रास्ते जिस कदर धड़ल्ले से कोयला की तस्करी हो रही है। इसमें पुलिस और प्रशासन की भुमिका की संदिग्ध है। बता दें कि दिन में भले ही पुलिस सड़कों पर ना मिले, लेकिन शाम ढ़लते ही पुरी रात पुलिस की गाड़ियां आपको सड़कों पर हर थाना क्षेत्र में जरूर नजर आती है, वावजूद इसके अवैध कोयला की गाड़ियां बेरोक-टोक पास होती है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो धनबाद से लेकर बिहार सीमा तक पड़ने वाले थानों एंट्री के जरिए डिस्को पेपर पर कोयला का परिवहन हो रहा है। इस धंधे से जुड़े लोग कोयला लोड़ करने के बाद वाहन नंबर संबंधित लोगों जो एंट्री से जुड़े हैं, उन्हें मुहैया करा देते हैं। इसी सिस्टम के जरिए कोयला की गाड़ियां झारखंड से पास हो रही है। इस कारोबार से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एक गाड़ी के लिए हर थाना क्षेत्र से गुजरने के लिए एंट्री के लिए 1500 रूपया लगता है।
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