भारत के ऐक्शन से घबराया पाकिस्तान, मित्र देशों के पास मदद मांगने को पहुंचा, लेकिन लग गया झटका
अपनी स्थिति साफ करने के लिए पाकिस्तान ने सभी मित्र देशों से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक किसी ने भी मध्यस्थता का प्रयास नहीं किया है। मित्र देशों ने भी उसे अकेला छोड़ दिया है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भारत ने अब तक पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि पर रोक समेत पांच बड़े ऐक्शन लिए हैं, लेकिन उस पर अभी और कड़ी कार्रवाई होनी तय है। इससे पाकिस्तान घबरा गया है और अपने मित्र देशों के पास मदद मांगने पहुंचा है। हालांकि, वहां से भी उसे झटका लगा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पहलगाम हमले पर उसने अपनी स्थिति साफ करने के लिए सभी मित्र देशों से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक किसी ने भी मध्यस्थता का प्रयास नहीं किया है। यानी कि पाकिस्तान के मित्र देशों ने भी उसे अकेला छोड़ दिया है, जोकि किसी झटके से कम नहीं है।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटक स्थल बैसरन में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। बता दें कि कई मुस्लिम देशों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। कतर, जॉर्डन और इराक तथा दिल्ली स्थित अरब लीग के मिशन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है तथा भारत के प्रति एकजुटता तथा पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। इस घातक हमले के बाद अनेक देशों और उनकी सरकारों की ओर से एकजुटता के संदेश आए हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा, क्योंकि सिंधु जल संधि को सुरक्षित रखने के लिए सभी विकल्प मौजूद है। यह 24 करोड़ लोगों की जीवन रेखा और अधिकार है - जिसे अंतर्राष्ट्रीय कानून और द्विपक्षीय संधियों द्वारा बनाया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "सिंधु जल संधि बहुत स्पष्ट है। यह स्पष्ट है... पाकिस्तान के लिए सभी विकल्प मौजूद हैं। यह हमारी जीवन रेखा और हमारा अधिकार है। हम अपने लोगों के लिए इस अधिकार को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"