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आरटीपीएस काउंटर की बजाय साइबर कैफे पर निर्भर हैं आवेदक

परसा में आरटीपीएस काउंटर की बजाय साइबर कैफे पर निर्भरता बढ़ गई है। सर्विस प्लस का सर्वर तीन सप्ताह से धीमा चल रहा है, जिससे आवेदकों को प्रमाणपत्र बनाने में कठिनाई हो रही है। साइबर कैफे संचालक 50 से...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराThu, 23 Jan 2025 09:21 PM
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आरटीपीएस काउंटर की बजाय साइबर कैफे पर निर्भर हैं आवेदक

परसा में आरटीपीएस काउंटर की बजाय कैफे पर निर्भरता बीते तीन सप्ताह से सर्विस प्लस का सर्वर फिर से धीमा हो गया न्यूमेरिक 100 रुपये तक लेते हैं कैफे संचालक फोटो-4 परसा अंचल कार्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर पर बैठकर कार्य करते डाटा ऑपरेटर इंट्रो- सर्विस प्लस के तहत अंचल कार्यालय में आरटीपीएस काउंटर संचालित हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति यह है कि ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदकों को साइबर कैफे पर पूरी तरह निर्भर रहना पड़ता हैं। जिले के परसा, तरैया, लहलदपुर समेत अन्य प्रखंउों की हालत यह है कि आवेदक ऑन लाइन आवेदन करने के लिए साइबर कैफे में चले जाते हैं। वजह यह है कि कुछ साइबर कैफे वालों की हल्का कर्मचारी से भी सांठ गांठ अच्छी बनती है जिस कारण सुविधा शुल्क लेकर उनकी रिपोर्ट भी कर देते हैं। गड़खा में आरटीपीएस की वेबसाइट का सर्वर बीते तीन सप्ताह से धीमा काम कर रहा है। इससे प्रमाणपत्र बनवाने वालों की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। समस्याओं की पड़ताल करती हिन्दुस्तान की रिपोर्ट - पेज चार की लीड हिन्दुस्तान पड़ताल परसा,एक संवाददाता। स्थानीय परसा बाजार व ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जन भर से अधिक साइबर संचालित है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इन दिनों साइबर कैफे पर भीड़ लगती है। विभिन्न पंचायत के आवेदक सर्विस प्लस पर आवेदन के लिए लोग साइबर कैफे का सहारा लेते हैं। आवेदकों में आशीष कुमार,राहुल कुमार,विकास कुमार, आनंद कुमार,उमेश कुमार सहित कई ने बताया कि साइबर कैफे वाले भी एक प्रमाण पत्र के ऑनलाइन के लिए 50 से 100 तक चार्ज लेते हैं। इतना ही नहीं कुछ साइबर कैफे वालों की हल्का कर्मचारी से भी सांठ गांठ अच्छी बनती है जिस कारण सुविधा शुल्क लेकर उनकी रिपोर्ट भी कर देते हैं। हालांकि इसको लेकर लगातार आंचल स्तर पर मॉनिटरिंग भी होती रहती है।कुछ लोग भीड़भाड़ से बचने के लिए साइबर कैफे पर ही सब कुछ छोड़ देते हैं और साइबर संचालक संबंधित प्रमाण पत्र बनवाने का पूरा जिम्मा भी उठाते हैं और आवेदकों का आर्थिक दोहन होता है। विभिन्न पंचायत से आवेदन के लिए लोग साइबर कैफे का ही ज्यादा सहारा लेते हैं। हालांकि पंचायत सरकार भवन में आरटीपीएस काउंटर संचालित है जहां डाटा ऑपरेटर व कार्यपालक सहायक प्रतिनियुक्त किए गए हैं फिर भी पंचायत सरकार के आरटीपीएस काउंटर से कहीं ज्यादा साइबर कैफे में जाति, आय, आवासीय, ओबीसी, एनसीएल, ईडब्ल्यूएस सहित सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन का लाभ पाने के लिए आवेदकों की भीड़ जुटी रहती है। डाटा ऑपरेटर सचिन कुमार ने बताया कि सर्विस प्लस के तहत आरटीपीएस काउंटर पर आने वाले आवेदकों का भी आवेदन लिया जाता है या उन्हें संबंधित पंचायत सरकार भवन से जाकर आवेदन करने को कहा जाता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन पोर्टल के माध्यम से जाति,आय,आवासीय के अलग-अलग 60-70 आवेदन प्राप्त होते हैं। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जांच करते हुए निर्धारित कार्य दिवस के तक संबंधित प्रमाण पत्र को अप्रूव्ड कर दिया जाता हैं। धीमा सर्वर व कर्मी ट्रेनिंग पर, आवेदक हो रहे परेशान 12 - गड़खा प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित आरटीपीएस काउंटर पर प्रमाण पत्र के लिये पहुंचे आवेदक गड़खा, एक संवाददाता। आरटीपीएस की वेबसाइट का सर्वर बीते तीन सप्ताह से धीमा काम कर रहा है। इससे प्रमाणपत्र बनवाने वालों की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। छात्र-छात्राओं और नौकरी की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों को इससे काफी कठिनाई हो रही है। हालांकि इसके पहले आरटीपीएस के सर्विस प्लस सर्वर के सुचारू तरीके से काम करने के कारण प्रमाणपत्र बनवाने वालों को सहूलियत हो रही थी। खासकर छात्र-छात्राओं को आवासीय, ईडब्ल्यूएस, जाति, आय व अन्य प्रमाणपत्र बनाने के लिए पहले की अपेक्षा कम भाग दौड़ करनी पड़ रही थी। सर्वर के ठीक तरीके से काम करने के कारण लोक सेवाओं के अधिकार के तहत दी जाने वाली सेवाओं के मामले लंबित नहीं थे। समय सीमा के भीतर आवेदकों को सर्टिफिकेट मिल जा रहे थे। सर्वर के सही तरीके से काम करने के कारण काम पेंडिंग नहीं रह रहा था। लोगों के प्रमाण पत्र समय से बन जा रहे थे और आवेदन बैकलॉग में नहीं जा रहा था, लेकिन बीते तीन सप्ताह से सर्विस प्लस का सर्वर फिर से धीमा हो गया है। अभी भी रोजाना सैकड़ों आवेदन प्रमाण पत्र बनाने के लिए अप्लाई हो रहे हैं। आरटीपीएस काउंटर पर तीन की बजाय एक कर्मी ही ड्यूटी पर तैनात था। पूछने पर पता चला कि दो कर्मी ट्रेनिंग लेने गये हैं। इससे आवेदकों की परेशानी और बढ़ गई है। समय पर नहीं खुलता आरटीपीएस काउंटर 2 तरैया में कैफे साइबर में ऑनलाइन कराने को ले भीड़ तरैया, एक संवाददाता। प्रखंड में निर्धारित समय पर आरटीपीएस। काउंटर नहीं खुलने को लेकर लाभुक तरैया बाजार आकर निजी कैफे साइबर में जाकर मोटी रकम देकर ऑनलाइन आवेदन करने को मजबूर है। वहीं प्रखंड की पंचायतों में भी प्रतिनियुक्त कुछ कर्मी आरटीपीएस खोलकर हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं। फिर निर्धारित समय पर आकर हाजिरी बनाकर चले जाते है। वहीं कुछ आवेदन ऑनलाइन हो जाते है तो लोगों को निजी कैफे में ऑनलाइन आवेदन करते हैं। इस सम्बंध में प्रखंड में आये वृद्ध जमुना प्रसाद,राजधारी राम ने बताया कि कर्मी बता रहे हैं कि दो दिनों से कभी सर्वर का लिंक आता है और कभी चला जा रहा हैं। इस स्थिति में पेंशन के आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। वहीं पूछने पर प्रखंड के आईटी सहायक प्रमोद रंजन ने बताया कि प्रखंड से लेकर पंचायतों में आरटीपीएस समय पर खुल रहा है । साथ ही ऑनलाइन आवेदन हो रहा है। दूरी की वजह से साइबर कैफे में ऑनलाइन करा रहे ग्रामीण दरियापुर। प्रखंड मुख्यालय दूर होने की वजह से अधिकतर ग्रामीण अपने क्षेत्र के चौक व बाजारों पर स्थित साइबर कैफे में आय,जाति आवासीय,राशन कार्ड आदि के लिए ऑनलाइन करा रहे हैं। इसलिए प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर पर कम भीड़ हो रही है। हालांकि प्रखंड मुख्यालय में तीन आरटीपीएस काउंटर बनाए गए हैं जो निर्धारित समय पर खुलते हैं लेकिन मुख्यालय के आस पास या ज़्यादातर राशन कार्ड बनाने वाले लोग ही यहां ऑनलाइन कराने पहुंचते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि कभी-कभी मुख्यालय का आरटीपीएस काउंटर देर से खुलता है।कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि काउंटर पर कार्य करने वाले कर्मी साइबर कैफे वालों से मिले रहते हैं। जो जल्द ऑनलाइन करा कर प्रमाण पत्र भी निर्गत करा देते हैं। हालांकि बीडीओ दीनबंधु दिवाकर ने बताया कि काउंटर समय पर खुलता है। अगर किसी को कोई शिकायत हो तो वे हमसे सीधे मिल सकते हैं।

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