Electricity consumption increased 11 times in Bihar these districts in top ten economic survey report बिहार में 11 गुणा बढ़ी बिजली की खपत, टॉप टेन में ये जिले; आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिहार न्यूज़Electricity consumption increased 11 times in Bihar these districts in top ten economic survey report

बिहार में 11 गुणा बढ़ी बिजली की खपत, टॉप टेन में ये जिले; आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट

  • वर्ष 2005 में राज्य में ग्रिड उपकेंद्रों की संख्या मात्र 45 थी, जो 170 हो गई है। उस समय राज्य में अधिकतम 1000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो सकती थी। अब 15 हजार मेगावाट तक बिजली आपूर्ति हो सकती है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोSat, 1 March 2025 07:50 AM
share Share
Follow Us on
बिहार में 11 गुणा बढ़ी बिजली की खपत, टॉप टेन में ये जिले; आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट

दो दशक पहले वर्ष 2005 में बिहार में मात्र 700 मेगावाट बिजली की खपत होती थी। अब इसमें 11 गुना से अधिक की वृद्धि हो गई है। राज्य में अधिकतम बिजली खपत 8005 मेगावाट तक पहुंच गई है। इसी तरह दो दशक पहले राज्य में बिजली उत्पादन शून्य था। अब बिहार में लगभग 11 हजार मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है। इस साल के अंत तक राज्य में 12 हजार 58 मेगावाट बिजली उत्पादन होने लगेगी। वर्ष 2005 में राज्य में मात्र 17 लाख उपभोक्ता थे, जो अब दो करोड़ 12 लाख हो गए हैं।

विधानमंडल में पेश बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2024-24 से यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2005 में राज्य में ग्रिड उपकेंद्रों की संख्या मात्र 45 थी, जो 170 हो गई है। उस समय राज्य में अधिकतम 1000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो सकती थी। अब 15 हजार मेगावाट तक बिजली आपूर्ति हो सकती है। संचरण लाइनों की लंबाई 2005 में मात्र 5000 सर्किट किलोमीटर थी, जो 20 हजार 393 सर्किट किलोमीटर हो गई है। इस अवधि में बिजली कंपनी ने अपना नुकसान भी कम किया। वित्तीय वर्ष 2012-13 में तकनीकी और व्यावसायिक नुकसान 45.41 फीसदी था, जो 2023-24 में घटकर 19.94 फीसदी हो गया है।

ये भी पढ़ें:आर्थिक सर्वेक्षण: गांव से ज्यादा शहरों में बेरोजगार, बिहार में 3% बेरोजगारी दर

ग्रामीण इलाकों में औसतन 22 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही

वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में बिजली की चरम मांग में 1.4 गुना की वृद्धि हुई। यही कारण है कि वर्ष 2005 में 70 यूनिट तो 2012 में 134 यूनिट प्रति व्यक्ति बिजली की खपत होती थी जो 2024 में बढ़कर 363 यूनिट हो गई है। मात्र 12 वर्षों में 229 किलोवाट आवर की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2018 में ही बिजली कंपनी ने शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कर दिया था। इस कारण बिजली की मांग में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई। वितरण नेटवर्क में सुधार के कारण राज्य के शहरी क्षेत्रों में लगभग 24 घंटे जबकि ग्रामीण इलाकों में औसतन 22 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। बिहार में घरेलू उपभोक्ताओं के बीच बिजली की मांग अधिक है। कुल खपत में 41 फीसदी बिजली घरेलू उपभोक्ता खपत करते हैं, जबकि कृषि कनेक्शन में 13 फीसदी बिजली की खपत होती है।

जिलावार बिजली की खपत

जिला करोड़ यूनिट

पटना 647.6

गया 240.2

मुजफ्फरपुर 165.6

रोहतास 157.अ0

नालंदा 151.4

पूर्वी चम्पारण 136.8

भागलपुर 130.1

औरंगाबाद 112.2

ये भी पढ़ें:8.54 लाख करोड़ हुई बिहार की अर्थव्यवस्था, तिगुना विकास;आर्थिक सर्वेक्षण पेश

औद्योगिक और व्यावसायिक जैसी गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता 46 फीसदी बिजली खपत कर रहे हैं। बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए सरकार के स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं। एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में सरकार ने 1112 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था कर ली है। बक्सर के चौसा में 660 मेगावाट की दो इकाइयों का काम शुरू है। इनमें से एक यूनिट इसी साल शुरू होगी।