गोपालगंज सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की किल्लत
- ए पॉजिटिव, ए निगेटिव और एबी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप की एक भी यूनिट उपलब्ध नहीं

गोपालगंज। नगर संवाददाता जिला सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में इन दिनों खून की भारी किल्लत बनी हुई है। ब्लड बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक ए पॉजिटिव, ए निगेटिव और एबी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप की एक भी यूनिट उपलब्ध नहीं है। बी पॉजिटिव की महज तीन यूनिट, बी निगेटिव की दो यूनिट, एबी पॉजिटिव की एक यूनिट, ओ पॉजिटिव की तीन और ओ निगेटिव की केवल पांच यूनिट ब्लड ही उपलब्ध है। यह स्थिति किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में मरीजों की जान पर बन सकती है। ब्लड बैंक के प्रभारी सतीश कुमार पांडेय ने बताया कि गोपालगंज में रक्तदान को लेकर अब भी लोग जागरूक नहीं हैं।
लोगों में यह भ्रांति है कि रक्तदान करने से कमजोरी आ जाती है या भविष्य में स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जबकि यह पूरी तरह से गलत है। बीते माह रक्तदान के लिए एक अभियान चलाया गया था। ताकि युवाओं को प्रेरित किया जा सके। लेकिन सिर्फ एक युवा सामने आया। इसके विपरीत अन्य जिलों में युवा व गैर सरकारी संगठन हर महीने नियमित रूप से रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं। जिससे वहां ब्लड बैंक हमेशा संतुलित रहता है। ब्लड बैंक की अपील ब्लड बैंक प्रभारी सतीश पांडेय ने लोगों से अपील की है कि वे आगे आकर रक्तदान करें। अगर कोई संस्था या संगठन 20 या उससे अधिक रक्तदाताओं को एकत्र करता है, तो वह ब्लड बैंक से संपर्क कर शिविर के लिए आवेदन कर सकता है। हमारी टीम शिविर आयोजन में सहयोग देने के लिए तैयार रहती है। साथ ही कहीं जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत महसूस की जाती है तो उसके लिए भी हमारी टीम तैयार है। हम गांवों व मोहल्लों में जाकर लोगों से रक्तदान के प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने कहा- रक्तदान एक महान कार्य है। इससे न सिर्फ किसी की जान बचाई जा सकती है, बल्कि यह एक स्वस्थ समाज की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी है। रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियां भ्रांति: रक्तदान से कमजोरी आती है। सच्चाई: स्वस्थ व्यक्ति का शरीर 24 से 48 घंटे में खोया हुआ रक्त प्लाज्मा पुनः बना लेता है और कुछ ही दिनों में पूरा रक्त पुनः सामान्य हो जाता है। भ्रांति: बार-बार रक्तदान करना हानिकारक है। सच्चाई: पुरुष हर 3 महीने और महिलाएं हर 4 महीने में सुरक्षित रूप से रक्तदान कर सकते हैं। भ्रांति: रक्तदान से बीमारियां फैल सकती हैं। सच्चाई: रक्तदान पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें एक बार उपयोग होने वाली सुई और उपकरणों का इस्तेमाल होता है। रक्तदान के लाभ रक्तदान करने से हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना कम होती है। नियमित रक्तदान से शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है। इससे आत्मसंतोष की अनुभूति होती है, क्योंकि आपका रक्त किसी ज़रूरतमंद की जान बचा सकता है। रक्तदान से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है और लोगों को एक-दूसरे के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है।
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