शंभूगंज में निजी क्लिनिक के संचालकों की क्रूरता : फीस नहीं देने पर प्रसुता के साथ परिजन को बनाया बंधक , पुलिस ने कराया मुक्त
शंभूगंज ( बांका ) एक संवाददाता शंभूगंज ( बांका ) एक संवाददाता क्षेत्र में निजी क्लिनिक के संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। जिससे इलाज के

शंभूगंज में निजी क्लिनिक के संचालकों की क्रूरता : फीस नहीं देने पर प्रसुता के साथ परिजन को बनाया बंधक , पुलिस ने कराया मुक्त शंभूगंज ( बांका ) एक संवाददाता क्षेत्र में निजी क्लिनिक के संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। जिससे इलाज के नाम पर गरीब और सीधे - साधे मरीजों को सब्जबाग दिखाकर जाल में फंसाते हैं। इसके बाद फिर मोटी रकम की वसूली करते हैं। राशि नहीं देने पर क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते हैं। ऐसा ही एक मामला शंभूगंज बाजार के एक निजी क्लिनिक में सामने आया है। पैसे के लिए क्लिनिक के संचालक ने प्रसुता को छह घंटे तक बंधक बना दिया।
परिजनों द्वारा थाने में शिकायत पर पुलिस ने प्रसुता को मुक्त कराया गया। कामतपुर पंचायत के कुंथा गांव की प्रसुता रेशमा देवी (25) पति नितीश दास सहित अन्य ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर प्रसव पीड़ा पर आशा कार्यकर्ता के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंभूगंज में भर्ती कराया। अस्पताल में मौजूद डाक्टर द्वारा प्रसव में कुछ घंटे विलंब होने की बात कह इलाज शुरू किया। शाम अंधेरा होने पर डाक्टर ने जच्चा - बच्चा पर खतरा मंडराने की बात कह रेफर कर दिया। इसके बाद एक आशा कार्यकर्ता के कहने पर शंभूगंज बाजार के मंजू देवी सेवा सदन में पहुंचे। जहां सुरक्षित प्रसव कराने के नाम पर 25 हजार की मांग की गई। जिसमें 20 हजार जमा कर दिए । करीब तीन घंटे के बाद रेशमा देवी को जुड़वां पुत्र जन्म लिया। नवजात की वजन कम रहने सहित अन्य गंभीर देख डाक्टर ने सिर्फ नवजात को रेफर कर दिया। आशा के कहने पर उक्त क्लिनिक से एंबुलेंस द्वारा बांका सदर अस्पताल पहुंचे। नवजात की हालत गंभीर देख डाक्टर ने मायागंज भागलपुर भेज दिया। सुबह मंजू सेवा सदन द्वारा पहले का बकाया और एंबुलेंस भाड़ा का हवाला देते हुए आठ हजार जमा करने पर जोर दिय। प्रसुता सहित अन्य परिजनों ने संचालक को रुपए बाद में जमा करने की बात कही। जिससे संचालक भड़क गए। बताया कि जब तक पैसा जमा नहीं होता है तब तक क्लिनिक से बाहर जाने पर प्रसूता को सख्त पाबंदी है। प्रसुता ने यह सूचना अपने मायका फुल्लीडुमर के घुटिया गांव में दिया। सूचना पर रेशमा के पिता रामविलास दास , भाई सिंदू दास क्लिनिक पहुंचे। संचालक से लाख कहा कि अभी नवजात का इलाज मायागंज में चल रहा है। कुछ दिन बाद बकाया देंगे। इस पर संचालक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अंततः रामविलास ने इसकी सूचना थाना को दिया। थानाध्यक्ष मंटू कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस पदाधिकारी को भेजकर प्रसुता एवं परिजनों को मुक्त कराया । इस घटना में मंजू सेवा सदन के डाक्टर अमन कुमार ने स्वीकार किया कि रेशमा देवी का जुड़वा प्रसव हुआ है। प्री प्रसव और नवजात का वजन कम होने से रेफर किया गया। उन्होंने पैसे के लिए बंधक बनाने के आरोप को निराधार बताया है। सीएचसी प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता द्वारा प्रसव महिला को निजी क्लिनिक पहुंचाना गंभीर बात है। इसकी जांच की जाएगी ।
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