Covid on head ventilators out of order the no trained operators how will fight against corona कोविड सिर पर, वेंटिलेटर खराब, ट्रेंड ऑपरेटर भी नहीं; कैसे होगी जानलेवा कोरोना से लड़ाई, Bihar Hindi News - Hindustan
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कोविड सिर पर, वेंटिलेटर खराब, ट्रेंड ऑपरेटर भी नहीं; कैसे होगी जानलेवा कोरोना से लड़ाई

एसकेएमसीएच से लेकर सदर अस्पताल तक में कोरोना के इलाज में सबसे जरूरी उपकरण वेंटिलेटर खराब पड़े हैं। सदर में वर्ष 2021 में आए 15 वेंटिलेटर को एक कमरे में चार साल से बंदकर रख दिया गया।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाताSun, 25 May 2025 09:20 AM
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कोविड सिर पर, वेंटिलेटर खराब, ट्रेंड ऑपरेटर भी नहीं; कैसे होगी जानलेवा कोरोना से लड़ाई

देश में कोरोना के कुछ मामले सामने आए हैं। संक्रमण के साथ मौत की भी खबर आने लगी है। इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर में कोविड के समय मंगाए गए कई उपकरण बेकार हो गए हैं। एसकेएमसीएच से लेकर सदर अस्पताल तक में कोरोना के इलाज में सबसे जरूरी उपकरण वेंटिलेटर खराब पड़े हैं। सदर में वर्ष 2021 में आए 15 वेंटिलेटर को एक कमरे में चार साल से बंदकर रख दिया गया।

इन वेंटिलेटरों का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। उपयोग नहीं होने से अब ये वेंटिलेटर आपातकाल में भी इस्तेमाल में नहीं लाए जा सकते हैं। एसकेएमसीएच के एनेस्थिसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार का कहना है कि मेडिकल में 90 वेंटिलेंटर से करीब 20 खराब हैं और 70 काम कर रहे हैं। उधर, एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार का कहना है कि कोरोना को लेकर अभी अलर्ट का कोई पत्र नहीं आया।

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मेडिकल में वेंटिलेटर चलाने को ट्रेंड कर्मी नहीं

एसकेएमसीएच में वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं। कोरोना के समय निजी एजेंसी से मानव बल को वेंटिलेटर चलाने के लिए लगाया गया था। लेकिन, विभाग से इन कर्मियों का कॉन्ट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ाया। प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं होने से आईसीयू में मरीजों के इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। एसकेएमसीएच के नर्स को भी वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग नहीं मिली है। वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों के अलावा माइक्रोबायोलाजी विभाग में भी कोरोना जांच करने वाले कर्मियों की कमी है।

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सवा लाख में आई थी एक कंसंट्रेटर मशीन

कोरोना को लेकर जिले में 18 करोड़ के 145 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिले थे। इन्हें सदर से पीएचसी तक भेजा गया था, लेकिन अब ये भी काम नहीं कर रहे हैं। पीएम केयर योजना से सवा लाख में एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीद कर भेजी गई थी। पीएचसी और सदर में किसी को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर दिक्कत न हो इसलिए यह मशीन आई थी। मशीन का कोरोना के अलावा भी ऑपरेशन और इमरजेंसी में मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाना था।

जिले में कोरोना की जांच को एंटीजन किट नहीं

जिले में एक भी एंटीजन किट नहीं है। इसका इस्तेमाल कोरोना की जांच में होता है। जिले में पिछले साल आरटीपीसीआर की 13 हजार किट आई थी। उसके बाद कोई जांच किट नहीं आई। कोरोना के लिए भेजी गई आरटीपीसीआर किट भी अगले साल एक्सपायर होने वाली हैं।