संभावित बाढ़ की तैयारी में जुटा पशुपालन विभाग
हाजीपुर, एक प्रतिनिधिके लिए दवा, पशुचारे एवं सरक्षित ऊंचे स्थलों के चयनित करने में जुटा है। इसके अलावा पशुओं के शरण स्थलों पर पशु के लिए दवा, पशुचारे एवं सरक्षित ऊंचे स्थलों के चयनित करने में जुटा है।...

हाजीपुर, एक प्रतिनिधि वैशाली जिले में संभावित बाढ़ को लेकर जिला पशुपालन विभाग ने पशुओं की चिकित्सा सुविधा के लिए दवा, पशुचारे एवं सरक्षित ऊंचे स्थलों के चयनित करने में जुटा है। इसके अलावा पशुओं के शरण स्थलों पर पशु चिकित्सा शिविर खोले जाएंगे। यह जानकारी जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. प्रभावती कुमारी ने दी। उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ को लेकर हर साल की तरह इस बार भी पशुओं के स्वास्थ्य रक्षा को लेकर सभी प्रकार की तैयारी की जा रही है, जिसमें आवश्यक दवाओं की व्यवस्था पर विशेष फोकस है। उन्होंने कहा कि पशुचारा के लिए निविदा की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
निविदा के माध्यम से पशुचारे के आपूर्ति कत्ता का चयन किया जाएगा। जिला दवा भंडारण में पर्याप्त दवा सुरक्षित रखा जाएगा तथा डिमांड के अनुसार दवा जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के पशु चिकित्सालयों में भेजी जाएगी। पशुचारे में रूप में गेंहू का भूसा, हरा चारा समेत चारे की की खरीद की जाएगी। पशुचारे वितरण के लिए ऊंचे स्थलों का चयन की सूची तैयारी की जा रही है, जिसमें राघोपुर प्रखंड के लिए पटना सीटी के दीदारगंज चेक पोस्ट, फतुहा हाई स्कूल, सबलपुर के विष्णुपद मंदिर परिसर, हाजीपुर प्रखंड के गंगाब्रिज थाना के समीप, तेरसिया, रामभद्र, महनार के महनार हाई स्कूल, सहदेई बुजुर्ग के गणियारी गंज पेठिया, नया गांव पश्चिमी के मिडिल स्कूल परिसर, देसरी प्रखंड के कृत्रित पशु गर्भाधान केन्द्र, पशु चिकित्सालय देसरी, बिदुपुर प्रखंड के मनियारी, कंचनपुर, सैदपुर गणेश के मुखिया घर के पास, रजासन मठ, चेचर बेसिक स्कूल परिसर का चयन किया गया है। इसी तरह जंदाहा प्रखंड के जंदाहा पशु चिकित्सालय, चकफतह, पातेपुर के कृष्णवारा, पातेपुर पशु चिकित्सालय, महुआ के पशु चिकित्सालय, हकीमपुर, चेहराकलां के दुल्लहपुर, गोरौल के पीरापुर एवं पशुचिकिल्सालय, राजापाकर के पशु चिकित्सालय, बैकुंठपुर, भगवानपुर के पशु चिकित्सालय, सराय पशु चिकित्सालय, लालगंज के पशु चिकित्सालय एवं युसूफपुर, पटेढ़ी के चकगुलामदद्दीन, वैशाली प्रखंड के पशु चिकित्सालय, सलेमपुर एवं चकजहलाल ऊंचे स्थान का अब तक चयन किया गया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि स्थिति के अनुसार पशुचारे स्थल का बदलाव या संख्या बढ़ाया भी जा सकता है।
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